जानिए कल हुए जैन समाज के आंदोलन की दिन भर की कहानी, एमपी में सड़कों पर उतरा जैन समाज:सम्मेद शिखरजी तीर्थ को पर्यटन स्थल बनाने का विरोध, बालाघाट में खून से साइन किए..

Know the day-long story of Jain Samaj's movement yesterday, Jain Samaj took to the streets in MP: Protest against making Sammed Shikharji pilgrimage a tourist destination, signed with blood in Balaghat..

झारखंड के गिरिडीह स्थित पवित्र जैन तीर्थ सम्मेद शिखर जी को पर्यटन की सूची में शामिल करने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ देश भर में जैन समाज ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। बुधवार को मध्यप्रदेश के इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर, नर्मदापुरम, खंडवा, बालाघाट के अलावा प्रदेश के दूसरे जिलों में भी बंद बुलाया गया।
भोपाल में व्यापारियों ने दोपहर 2 बजे तक दुकानें बंद रखीं। न्यू मार्केट, दस नंबर मार्केट, एमपी नगर, कोलार समेत पुराने शहर के ज्यादातर व्यापारियों ने दुकानें बंद रखने का फैसला लिया गया। करोंद अनाज मंडी पूरे दिन बंद रही। दोपहर में सकल जैन समाज ने मौन रैली भी निकाली।
हालांकि देर शाम मध्य प्रदेश के धार के विधायक और राज्य के उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने सोशल मीडिया पर आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महाराज का एक वीडियो शेयर किया। इसमें उन्हें जैन तीर्थ सम्मेद शिखर जी को पर्यटन की सूची से हटाने की घोषणा करते हुए दिख रहे हैं। उन्होंने इसके लिए सबको बधाई भी दी। हालांकि इसकी आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।

विरोध की वजह क्या..

दरअसल, श्री सम्मेद शिखर जी जैन धर्म के पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है। जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकर भगवान और असंख्य महामुनिराजों ने इसी पवित्र भूमि से तपस्या कर निर्वाण प्राप्त किया है। झारखंड सरकार ने इसे टूरिज्म स्पॉट बनाने के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। इसी का विरोध हो रहा है।

बालाघाट में खून से हस्ताक्षर कर भेजा पत्र..

जानिए कल हुए जैन समाज के आंदोलन की दिन भर की कहानी, एमपी में सड़कों पर उतरा जैन समाज:सम्मेद शिखरजी तीर्थ को पर्यटन स्थल बनाने का विरोध, बालाघाट में खून से साइन किए..

बालाघाट में सकल जैन समाज ने बुधवार को विरोध जताया। बाजार में दुकानें बंद रहीं। नगर के अन्य व्यापारियों ने भी अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर जैन समाज का समर्थन किया। पत्र पर खून से हस्ताक्षर कर सरकार से तीर्थ स्थल को पर्यटन स्थल से बाहर रखने की मांग की।

भोपाल में 100 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित..

जानिए कल हुए जैन समाज के आंदोलन की दिन भर की कहानी, एमपी में सड़कों पर उतरा जैन समाज:सम्मेद शिखरजी तीर्थ को पर्यटन स्थल बनाने का विरोध, बालाघाट में खून से साइन किए..

भोपाल में सुबह से ही मार्केट बंद है। अधिकांश दुकानें बंद हैं। भोपाल किराना व्यापारी महासंघ के महासचिव अनुपम अग्रवाल ने बताया कि दोपहर तक बंद रखे जाने से अकेले भोपाल में ही करीब 100 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान है। राजधानी के थोक किराना बाजार से आसपास के 100 किलोमीटर के दायरे में समान पहुंचाया जाता है। सुबह से समान नहीं जा रहा है।

प्रतिष्ठान बंद कर विरोध में रैली निकाली..

भोपाल व्यवसायी महासंघ के राकेश अग्रवाल ने कहा कि तीर्थ क्षेत्र तीर्थयात्रा के लिए होते हैं, जहां श्रद्धा भाव होता है। पर्यटन स्थल पर मनोरंजन का भाव रहता है। भोपाल ग्रेन एंड ऑयल सीड्स मर्चेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश कुमार ज्ञानचंदानी, प्रवक्ता संजीव कुमार जैन ने कहा कि सकल जैन समाज के प्रदर्शन को अनाज व्यापारियों का समर्थन है। भोपाल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष तेजकुल पाल सिंह पाली ने कहा कि दोपहर 2 बजे तक सभी प्रतिष्ठान बंद रखे गए। वैश्य महासम्मेलन मध्यप्रदेश के संभाग अध्यक्ष सूर्यकांत गुप्ता एवं जिलाध्यक्ष वरुण गुप्ता ने कहा कि जैन समाज के प्रदर्शन का समर्थन करते हैं।

सम्मेद शिखर जी को पवित्र तीर्थ घोषित करने की मांग- नरसिंहपुर..

झारखंड सरकार द्वारा जैन समुदाय की आस्था और श्रद्धा के केंद्र सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने से जैन समुदाय में रोष है. उक्त निर्णय को बदलने एवं सम्मेद शिखर जी को तीर्थस्थल घोषित करने की मांग को लेकर दिनांक 21 दिसम्बर 2022 को जिला नरसिंहपुर जैन समाज ने नरसिंहपुर को बंद कर वृहत पैमाने पर मौन जुलूस निकाल कर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा और प्रधान मंत्री कलेक्टर के माध्यम से। सुपुर्द कर दिया जायेगा। जिला जैन समाज द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार पूरे जिले के जैन समाज ने जिला मुख्यालय पर विशाल प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. निर्णय के अनुसार दोपहर 1.30 बजे कंडेली स्थित जैन मंदिर में विराजित आर्यिका संघ के सानिध्य में गुदरी जैन मंदिर, मुशरण पार्क से होते हुए जिले भर से जैन समाज मौन जुलूस के रूप में एकत्रित हुआ.  मुख्य मार्ग होते हुए सुभाष पार्क पहुंचेंगे जहां ज्ञापन सौंपा जाएगा।  सिस्टम के तहत बाहर से आने वाले सभी वाहन रेलवे स्टेशन की तरफ से शहर में प्रवेश करेंगे और वाहन सड़क के किनारे जेल रोड के विपरीत खड़े होंगे और वाहन चलाने के लिए एक व्यक्ति को छोड़कर सभी अन्य लोग शोभायात्रा में शामिल होंगे। 

जानिए कल हुए जैन समाज के आंदोलन की दिन भर की कहानी, एमपी में सड़कों पर उतरा जैन समाज:सम्मेद शिखरजी तीर्थ को पर्यटन स्थल बनाने का विरोध, बालाघाट में खून से साइन किए..

जुलूस के पीछे अन्य सभी वाहन चलेंगे। सुभाष पार्क में इस संबंध में वरिष्ठ लोगों के संक्षिप्त भाषण होंगे। शोभायात्रा बाहरी सड़क से होते हुए कंडेली स्थित जैन मंदिर पर समाप्त होगी। नरसिंहपुर जैन समाज ने बाहर से आने वाले अतिथियों के लिए भंडारे का आयोजन किया है। उक्त विरोध में अन्य वर्गों व समाजों का भी समर्थन मिल रहा है। जिला जैन समाज ने सभी लोगों से इस विरोध व बंद में सहयोग करने की अपील की है। विज्ञप्ति के अनुसार नरसिंहपुर शहर, गाडरवारा, गोटेगांव, तेंदूखेड़ा, करेली, बर्मन, करकबेल, सगोरिया, बगासपुर, थेमी, आमगांव, बिलेहरा, चिचली, गंगई,

कमलनाथ ने झारखंड के CM को लिखा लेटर..

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लेटर लिखा था। कमलनाथ ने लिखा- सम्मेद शिखर जी से जैन समाज की अटूट आस्था जुड़ी हुई है। सरकार के इस फैसले से तीर्थ स्थल की स्वतंत्र, धार्मिक पहचान और पवित्रता नष्ट होने की संभावना है। फैसले पर पुनर्विचार करते हुए निर्णय को वापस लें।

इंदौर में वकीलों ने सफेद पट्टी बांधकर काम किया..

श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित करने का विरोध बुधवार को इंदौर में भी नजर आया। इंदौर के जैन समाजजनों ने अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखने का निर्णय लिया। वहीं जैन अधिवक्ता परिषद के पदाधिकारियों द्वारा इस मामले में कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा और कोर्ट में सफेद पट्टी बांधकर काम किया। दूसरी तरफ जैन समाज के लोग रीगल चौराहा स्थित महावीर कीर्ति स्तंभ पर एकत्रित होकर आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी। इधर छावनी क्षेत्र के व्यापारियों ने दोपहर 3 बजे तक अपना व्यापार बंद रखा।

यह शहर भी बंद...

आज सागर में भी बंद बुलाया गया है। जैन युवा महासभा अध्यक्ष अनुराग जैन ने कहा कि सम्मेद शिखर जी को झारखंड सरकार द्वारा पर्यटन स्थल बनाने के निर्णय के विरोध में आज सागर बंद रहेगा। विरोधस्वरूप रैली निकाली गई। रैली दोपहर 1 बजे कटरा स्थित गौराबाई दिगंबर जैन मंदिर से शुरू हुई।
उज्जैन में भी आज बंद का आह्वान किया गया है। डॉ. सचिन कासलीवाल ने बताया कि बैठक में जैन समाज के साथ उज्जैन के सभी व्यापारियों से बंद का आह्वान किया गया है। 22 दिसंबर को विशाल मौन रैली निकाली जाएगी। नर्मदापुरम और खंडवा में भी आज बंद बुलाया गया है। जबलपुर शहर में भी विरोध हो रहा है। कटंगी में जैन समाज मौन जुलूस निकालेगा। छिंदवाड़ा में भी प्रदर्शन हो रहा है।

जानिए कल हुए जैन समाज के आंदोलन की दिन भर की कहानी, एमपी में सड़कों पर उतरा जैन समाज:सम्मेद शिखरजी तीर्थ को पर्यटन स्थल बनाने का विरोध, बालाघाट में खून से साइन किए..

108 फीट लंबा ज्ञापन...

जानिए कल हुए जैन समाज के आंदोलन की दिन भर की कहानी, एमपी में सड़कों पर उतरा जैन समाज:सम्मेद शिखरजी तीर्थ को पर्यटन स्थल बनाने का विरोध, बालाघाट में खून से साइन किए..

अब जानिए सम्मेद शिखरजी के बारे में..

श्री सम्मेद शिखर जी को पारसनाथ पर्वत भी कहा जाता है। पारसनाथ पर्वत झारखंड राज्य के गिरिडीह जिले में छोटा नागपुर पठार पर स्थित एक पहाड़ी है। ये विश्व का सबसे महत्वपूर्ण जैन तीर्थ स्थल है। श्री सम्मेद शिखरजी में जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों (सर्वोच्च जैन गुरुओं) ने मोक्ष की प्राप्ति की। यहीं 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ ने भी निर्वाण प्राप्त किया था। 1,350 मीटर (4,430 फुट) ऊंचा यह पहाड़ झारखंड का सबसे ऊंचा स्थान भी है।

ये हैं जैन समाज की प्रमुख मांगें…

  1. सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल नहीं, पवित्र क्षेत्र घोषित करें।
  2. 'पारसनाथ पर्वतराज' को वन्य जीव अभयारण्य, पर्यावरण पर्यटन के लिए घोषित इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत जोनल मास्टर प्लान व पर्यटन मास्टर प्लान, पर्यटन/धार्मिक पर्यटन सूची से बाहर किया जाएं।
  3. 'पारसनाथ पर्वतराज' को बिना जैन समाज की सहमति के इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत वन्य जीव अभयारण्य का एक भाग तीर्थ माना जाता है... लिखकर तीर्थराज की स्वतंत्र पहचान व पवित्रता नष्ट करने वाली झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना क्र. 2795 (ई)दिनांक 02अगस्त 2019 को अविलंब रद्द किया जाए।
  4. 'पारसनाथ पर्वतराज' और मधुवन को मास-मदिरा बिक्री मुक्त पवित्र जैन तीर्थ स्थल घोषित किया जाए।
  5. पर्वत राज की वंदना मार्ग को अतिक्रमण, वाहन संचालन व अभक्ष्य सामग्री बिक्री मुक्त कर यात्री पंजीकरण, सामान जांच के लिए CRPF व स्कैनर, CCTV कैमरे सहित 2 चेक पोस्ट चिकित्सा सुविधा सहित बनाए जाएं।
  6. पर्वतराज से पेड़ों का अवैध कटान, पत्थरों का अवैध खनन और महुआ के लिए आग लगाना प्रतिबंधित हो।

जैन समाज के समर्थन में उतरे दिग्विजय सिंह..

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झारखंड के गिरिडीह में स्थित तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर जी के एक भाग को केंद्र सरकार ने वन और पर्यटन क्षेत्र घोषित कर दिया है। सरकार के इस फैसले का देशभर में जैन समाज विरोध कर रहा है। शिवपुरी में हजारों जैन समाज के लोग सड़कों पर उतरे। उन्होंने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने समाज का समर्थन किया है.
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