पिछले चार साल मैं बेरोजगारी का रिकार्ड तोड़ स्तर
भारतीय रेलवे की परीक्षा में हुई गलती के बाद बेरोजगार युवा रेलवे स्टेशन पर आंदोलन कर रहे हैं । लेकिन क्या सिर्फ एक परीक्षा में हुई फर्जीवाड़े से ही युवा इतने नाराज हैं ? जानकारों की माने तो युवाओं में गुस्से की बड़ी वजह युवा बेरोजगारी का रिकॉर्ड स्तर है ।क्योंकि देश का भाविष्य कहें जाने वाले युवाओ का भविष्य ही अंधकारमय युवा को अपने खर्चे चालाने के लिए कोई SOURCE नहीं है कोरोना की वजह से बहुत से युवाओ के परिवार की आर्थिक स्थिती खराब हो चुकी है आत: युवाओ पर फैमिली से भी अधिक प्रेसर आने लगा है रोजगार के लिए और ऊपर से ये सरकारी संस्थाओ की ये गडबढ़िया युवाओ को अपने फ्यूचर के लिए सोचने पर मजबूर करती है। बेरोजगारी का डेटा जारी करने वाली भारतीय संस्था सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी ( सीएमआईई ) के नए आंकड़ों के मुताबिक सितंबर - दिसंबर 2021 के दौरान देश में बेरोजगारों की कुल संख्या 3.18 करोड़ थी। इस सूची मैं 3.03 करोड़ 29 साल से कम उम्र के हैं । यह संख्या 2020 में देशभर में लगे लॉकडाउन के समय से भी अधिक है । उस समय देश में 2.93 करोड़ देश के युवा बेरोजगार थे । मुख्य बात यह है कि 3.03 करोड़ युवा तो वे हैं जो काम खोज रहे हैं और परेशान करने वाली सूचना यह है की 1.24 करोड़ युवा ऐसे भी हैं , जो रोजगार तो करना चाहते हैं लेकिन थक कर और नौकरी के फर्जीवाड़े से परेशान होकर काम नहीं खोज रहे । यदि इन्हें भी इस सूची मैं शामिल कर लें तो युवा बेरोजगारों की संख्या 4.27 करोड़ हो जायेगी जो के भारत के भविष्य के लिए सही नही है । सीएमआईई बेरोजगार युवाओ का डेटा जारी करने वाली एकमात्र भारतीय संस्था है । सीएमआईई के डेटा का इस्तेमाल आरबीआई और केंद्र सरकार के विभाग भी करते हैं ।
युवा इतने डीमोटीवेट के रोजगार तालाशना ही छोड़ दिया
नौजवानो में बेरोजगारी ज्यादा क्यों ?
नई रोजगार देने वाली संसथाअों वर्कफोर्स में युवा ही जुड़ते हैं । किंतु अधिक नई नौकरियो का उत्पन्न ना होना।
ग्रेजुएट्स डिग्री युवा ही ज्यादा बेरोजगार क्यों ?
कम पढ़ाई करने वाला युवा लिखा छोटा - मोटा काम करना शुरू देता है । लेकिन शिक्षित युवा अपनी योग्यता के अनुरूप ही नौकरी ही खोजता हैं ।
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