कलेक्टर सुश्री ऋजु बाफना के निर्देशन में शुक्रवार 11 नवम्बर को अनुविभागीय राजस्व अधिकारी गाडरवारा श्रीमती सृष्टि देशमुख गौड़ा द्वारा मेसर्स अवनिक एग्रीटेक प्राय. लिमि. तूमडा सांईखेडा प्रो. गिरीजेश सिंह के डीएपी के स्टॉक का मिलान कराया गया। जिसमें अनुविभागीय कृषि अधिकारी गाडरवारा श्रीमती सुनीता मवासे, तहसीलदार श्री आकाश डहारे एवं प्रभारी वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री अरविंद श्रीवास्तव द्वारा मौके पर जाकर स्टॉक का सत्यापन किया गया। मेसर्स अवनिक एग्रीटेक प्रा.लि. तूमडा सांईखेडा की पीओएस मशीन में डीएपी स्टॉक 66.60 मी. टन बता रहा था तथा वितरण 50.70 मी. टन, शेष 16.40 मी.टन होना बताया गया। विक्रेता द्वारा ऑफलाईन प्रस्तुत रिपोर्ट में 11 नवम्बर को उपलब्ध डीएपी मात्रा 722 बोरी, वितरित मात्रा 416 बोरी एवं शेष मात्रा 306 बोरी होना बताया गया है। प्रोपराइटर द्वारा किसानों के नाम पर 26 बिल दिये गये, जिसमें 311 बोरी ही वितरण पाया गया। इस प्रकार प्रोपराइटर द्वारा 105 बैग डीएपी वितरण के संबंध में जानकारी बताने से असमर्थता जाहिर की। प्रोपराइटर द्वारा डीएपी उर्वरक वितरण किये जाने में अनियमितता पाई गई तथा पीओएस मशीन स्टॉक तथा वितरण एवं ऑफलाईन स्टॉक वितरण, बिल सत्यापन आदि में गंभीर अनिमितताएं पाई गई। इसके साथ ही 10 नवम्बर को सायं 5 बजे प्रोपराइटर का डीएपी स्टॉक 82.6 मी. टन पाया गया था। इस संबंध में विक्रेता से पूछताछ करने पर रातो- रात घटाकर 66.6 मी.टन किया गया, जबकि वास्तविक रूप से बिल पंजी में वितरण होना नहीं पाया गया है। इस प्रकार प्रोपराइटर द्वारा डीएपी उर्वरक वितरण में गंभीरता नहीं लेते हुए लापरवाही की गई है। किसानों के नाम पर डीएपी के स्टॉक को ब्लेक किया गया है। कलेक्टर सुश्री ऋजु बाफना द्वारा गंभीरता से लेते हुए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व गाडरवारा को जांच के निर्देश दिये थे। निर्देशानुसार उक्त पंचनामा रिपोर्ट के आधार पर सोमवार 14 नवम्बर को उप संचालक कृषि श्री राजेश त्रिपाठी द्वारा उर्वरक गुण नियंत्रण आदेश 1985 की धारा 31 (1) के तहत एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत तत्काल प्रभाव से प्रोपराइटर गिरीजेश सिंह मेसर्स अवनिक एग्रीटेक प्रा.लि. तूमडा सांईखेडा का उर्वरक लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है। उक्त अवधि में उर्वरक का भण्डारण वितरण एवं परिवहन पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा।
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