Mp News: जिले में ढाई हजार से अधिक आंगनबाड़ी संचालित , ठेकेदार अफसरों की मिलीभगत से हड़प रहे बच्चों का आहार आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण आहार घोटाला , मौके पर नहीं दिखते बच्चे , ट्रैकर में डाल रहे 90 से 95 प्रतिशत हाजिरी..

शहर सहित जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण आहार में व्यापक स्तर पर घोटाला किया जा रहा है। इसमें महिला बाल विकास विभाग और स्व सहायता समूहों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है। अधिकांश आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं पोषण ट्रैकर में बच्चों की ऑनलाइन फर्जी हाजिरी भर रही हैं। विभाग के अधिकारियों को मॉनिटरिंग करने की फुरसत नहीं है। इसका खुलासा उस समय हुआ , जब भास्कर टीम ने शहर के आंगनबाड़ी केंद्रों का जायजा लिया। इन केंद्रों में कार्यकर्ताओं ने हाजिरी रजिस्टर तो मेन्टेन नहीं किया, बल्कि ट्रैकर में दर्ज बच्चों की पूरी संख्या डाल रखी थी। शहर में संचालित 80 केंद्रों में से ज्यादातर केंद्र छोटे - छोटे कमरों में संचालित हो रहे हैं। इनमें दर्ज बच्चों की संख्या इतनी अधिक है कि यदि एक साथ बच्चे आ जाएं तो बैठ नहीं सकते हैं। बच्चों की संख्या पूरी दर्शाकर पोषण आहार सहित अन्य सरकारी योजनाओं में गोलमाल किया जा रहा है। विभागीय अधिकारी भी महज खानापूर्ति में जुटे हुए हैं। जिले में ढाई हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं, जिनमें लाखों बच्चों के नाम दर्ज हैं। 380 केंद्र किराए के भवनों के चल रहे हैं। फर्जी ऑनलाइन उपस्थिति डालकर एक प्रकार से बच्चों का आहार ठेकेदार और विभाग के कर्मचारी हड़प रहे हैं।

शहर सहित जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण आहार में व्यापक स्तर पर घोटाला किया जा रहा है। इसमें महिला बाल विकास विभाग और स्व सहायता समूहों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है। अधिकांश आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं पोषण ट्रैकर में बच्चों की ऑनलाइन फर्जी हाजिरी भर रही हैं। विभाग के अधिकारियों को मॉनिटरिंग करने की फुरसत नहीं है। इसका खुलासा उस समय हुआ , जब भास्कर टीम ने शहर के आंगनबाड़ी केंद्रों का जायजा लिया। इन केंद्रों में कार्यकर्ताओं ने हाजिरी रजिस्टर तो मेन्टेन नहीं किया, बल्कि ट्रैकर में दर्ज बच्चों की पूरी संख्या डाल रखी थी। शहर में संचालित 80 केंद्रों में से ज्यादातर केंद्र छोटे - छोटे कमरों में संचालित हो रहे हैं। इनमें दर्ज बच्चों की संख्या इतनी अधिक है कि यदि एक साथ बच्चे आ जाएं तो बैठ नहीं सकते हैं। बच्चों की संख्या पूरी दर्शाकर पोषण आहार सहित अन्य सरकारी योजनाओं में गोलमाल किया जा रहा है। विभागीय अधिकारी भी महज खानापूर्ति में जुटे हुए हैं। जिले में ढाई हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं, जिनमें लाखों बच्चों के नाम दर्ज हैं। 380 केंद्र किराए के भवनों के चल रहे हैं। फर्जी ऑनलाइन उपस्थिति डालकर एक प्रकार से बच्चों का आहार ठेकेदार और विभाग के कर्मचारी हड़प रहे हैं।

जब जिला मुख्यालय स्थित केंद्रों के ये हाल हैं तो गांव के हालात भी यही होंगे..

शहर के आंगनबाड़ी केंद्रों के ये हाल तो बानगी है. लेकिन जिलेभर के प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों का यही हाल है। ट्रैकर में तो बच्चों की हाजिरी बराबर डाली जा रही है। किसी को संशय न हो, इसलिए कभी थोड़ी कम भी कर दी जाती है। जब से ट्रैकर एप बना है, तभी से फर्जीवाड़ा चरम पर है। आंगनबाड़ी केंद्रों में गड़बड़ियाँ चरम पर है। सुपरवाइजरों की मॉनिटरिंग सिर्फ कागजों में दौड़ रही है। इसका खामियाजा उन गरीब परिवारों को उठाना पड़ रहा है, जिनके बच्चों के नाम केंद्र में दर्ज हैं। पोषण आहार के ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत से लाखों का बजट ठिकाने लगाया जा रहा है।

कछियाना मोहल्ला स्थित आंगनबाड़ी क्रमांक 76 में एक भी बच्चा उपस्थित नहीं मिला, जबकि बच्चों की दर्ज संख्या 116 है। कार्यकर्ता सीमा सेन ने बताय कि 50 बच्चों की हाजिरी ट्रैकर में भर दी है। मध्यम वर्ग के दो बच्चे कुपोषित है। उनका कहना है कि पूरे बच्चे एक साथ नहीं आते हैं। ऑनलाइन अटेंडेंस चली जाती है। रजिस्टर भर गया था, पर ऑनलाइन अटेंडेंस डाल दी है। पानी की व्यवस्था आंगनबाड़ी के बाहर है।

कछियाना मोहल्ला स्थित आंगनबाड़ी क्रमांक 76 में एक भी बच्चा उपस्थित नहीं मिला, जबकि बच्चों की दर्ज संख्या 116 है। कार्यकर्ता सीमा सेन ने बताय कि 50 बच्चों की हाजिरी ट्रैकर में भर दी है। मध्यम वर्ग के दो बच्चे कुपोषित है। उनका कहना है कि पूरे बच्चे एक साथ नहीं आते हैं। ऑनलाइन अटेंडेंस चली जाती है। रजिस्टर भर गया था, पर ऑनलाइन अटेंडेंस डाल दी है। पानी की व्यवस्था आंगनबाड़ी के बाहर है।

किशोर सागर तालाब के पास स्थित आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 57 में बच्चे 0 से 6 साल के बच्चे 11 बच्चे दर्ज है। कार्यकर्ता रेखा नायक और सहायिका रामाकांति बड़ोरिया है। 14 दिसंबर को उपस्थिति रजिस्टर में 17 बालक और 23 बालिका दर्ज है। इसके बाद 17 दिसंबर तक रजिस्टर में उपस्थिति का रिकॉर्ड नहीं है। कार्यकर्ता का कहना है कि ट्रैकर और संपर्क ऐप में बच्चों की हाजिरी बराबर डाली जा रही है।

किशोर सागर तालाब के पास स्थित आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 57 में बच्चे 0 से 6 साल के बच्चे 11 बच्चे दर्ज है। कार्यकर्ता रेखा नायक और सहायिका रामाकांति बड़ोरिया है। 14 दिसंबर को उपस्थिति रजिस्टर में 17 बालक और 23 बालिका दर्ज है। इसके बाद 17 दिसंबर तक रजिस्टर में उपस्थिति का रिकॉर्ड नहीं है। कार्यकर्ता का कहना है कि ट्रैकर और संपर्क ऐप में बच्चों की हाजिरी बराबर डाली जा रही है।

वार्ड 12 स्थित खेरे की देवी मार्ग पर आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 48 है। कार्यकर्ता दमयंत गुप्ता 1.23 बजे लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए समय आईडी लेने गई थीं। आंगनबाड के बच्चों का उपस्थिति रजिस्टर साथ में ले गई। केंद्र में सिर्फ सहायिका गुडी प्रजापति मिली। केंद्र में 250 बच्चे दर्ज है। लेकिन मौके पर एक भी बच्चा नहीं मिला। हालांकि कार्यकर्ता ने बताया कि शत - प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति दर्ज रहती है।

वार्ड 12 स्थित खेरे की देवी मार्ग पर आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 48 है। कार्यकर्ता दमयंत गुप्ता 1.23 बजे लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए समय आईडी लेने गई थीं। आंगनबाड के बच्चों का उपस्थिति रजिस्टर साथ में ले गई। केंद्र में सिर्फ सहायिका गुडी प्रजापति मिली। केंद्र में 250 बच्चे दर्ज है। लेकिन मौके पर एक भी बच्चा नहीं मिला। हालांकि कार्यकर्ता ने बताया कि शत - प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति दर्ज रहती है।

शहर सहित जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण आहार में व्यापक स्तर पर घोटाला किया जा रहा है। इसमें महिला बाल विकास विभाग और स्व सहायता समूहों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है। अधिकांश आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं पोषण ट्रैकर में बच्चों की ऑनलाइन फर्जी हाजिरी भर रही हैं। विभाग के अधिकारियों को मॉनिटरिंग करने की फुरसत नहीं है। इसका खुलासा उस समय हुआ , जब भास्कर टीम ने शहर के आंगनबाड़ी केंद्रों का जायजा लिया। इन केंद्रों में कार्यकर्ताओं ने हाजिरी रजिस्टर तो मेन्टेन नहीं किया, बल्कि ट्रैकर में दर्ज बच्चों की पूरी संख्या डाल रखी थी। शहर में संचालित 80 केंद्रों में से ज्यादातर केंद्र छोटे - छोटे कमरों में संचालित हो रहे हैं। इनमें दर्ज बच्चों की संख्या इतनी अधिक है कि यदि एक साथ बच्चे आ जाएं तो बैठ नहीं सकते हैं। बच्चों की संख्या पूरी दर्शाकर पोषण आहार सहित अन्य सरकारी योजनाओं में गोलमाल किया जा रहा है। विभागीय अधिकारी भी महज खानापूर्ति में जुटे हुए हैं। जिले में ढाई हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं, जिनमें लाखों बच्चों के नाम दर्ज हैं। 380 केंद्र किराए के भवनों के चल रहे हैं। फर्जी ऑनलाइन उपस्थिति डालकर एक प्रकार से बच्चों का आहार ठेकेदार और विभाग के कर्मचारी हड़प रहे हैं।

टोरिया मोहल्ला स्थित आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक दस संचालित हो रहा है। दोपहर 12.45 बजे एक भी बच्चा उपस्थित नहीं था कार्यकर्ता जयंती कोरी से हाजिरी रजिस्टर मांगा तो बहानेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि खाना समय से नहीं आ रहा है , इसलिए कुछ बच्चे नहीं आ रहे है। हाजिरी रजिस्टर में गुरुवार और शुक्रवार को बच्चों की संख्या दर्ज नहीं थी, जबकि ट्रैकर में हाजिरी बराबर डाली गई। खाना भी मेन्यू के हिसाब से नहीं आ रहा है। केंद्र खुलने का समय 9 से 2 बजे तक का समय है।
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