MP Freedom Religion Rules 2022: मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता नियम 2022 को अधिसूचित कर दिया गया है। इसके बाद एमपी में धर्मांतरण को लेकर सख्त नियम लागू हो गए हैं। अब धर्मांतरण को लेकर 60 दिन पहले जानकारी देनी होगी। भोपाल: एमपी में धर्मांतरण (MP Freedom Religion Rules 2022 ) को लेकर राज्य सरकार सख्त है। हर मंच से सीएम शिवराज सिंह चौहान धर्मांतरण की बात करते हैं। आज से एमपी में मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता नियम 2022 लागू हो गया है। इसे लेकर गजट का प्रकाशन हो गया है। अब धर्मांतरण के नियम काफी सख्त बनाए गए हैं। धर्मांतरण का पूरा रेकॉर्ड अब राज्य सरकार अपने पास रखेगी। किसी भी धर्म के लोगों को धर्मांतरण के 60 दिन पूर्व आवेदन देना होगा। इसके बाद कलेक्टर इसका रिव्यू करेंगे। रिव्यू करने और सभी पक्षों की बात सुनने के बाद ही धर्मांतरण की अनुमति दी जाएगी। गजट में कहा गया है कि कोई व्यक्त जो धर्म-संपरिवर्तित करना चाहता है, उसे जिला कलेक्टर के यहां 60 दिन पूर्व घोषणा पत्र देना होगा। इसके साथ ही कोई धर्माचार्य या कोई व्यक्ति जो धर्म-संपरिवर्तन का आयोजन करना चाहता है, उस जिले के जिला मजिस्ट्रेट को 60 दिन पूर्व जानकारी देनी होगी।
हर कलेक्टर राज्य सरकार को भेजेंगे जानकारी..
वहीं, धर्मांतरण को लेकर कलेक्टर के पास जो जानकारी आएगी, वह हर महीने के 10 तारीख को एक रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार को भेजेंगे। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
दोनों को देनी होगी जानकारी..
वहीं, धर्म परिवर्तन को लेकर दोनों पक्ष को अपनी पूरी जानकारी आवेदन में देनी होगी। इसमें धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति और धर्मांतरण कराने वाले धर्माचार्य को भी अपने बारे में पूरी जानकारी देनी होगी। इसके बाद इन्हें कलेक्टर की तरफ से मंजूरी मिलेगी।
10 साल तक की जेल..
जांच के दौरान अगर यह बात सामने आती है कि भय, प्रलोभन, धोखे, कपट आदि से धर्मांतरण कराए जा रहे हैं तो कार्रवाई की जाएगी। ऐसे माध्यमों से धर्मांतरण को धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 में प्रतिबंधित किया गया है। ऐसे कृत्य करने वाले और उसमें शामिल सहयोगियों और सहभागियों को 10 वर्ष तक की जेल और एक लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा दिए जाने के प्रावधान हैं। #suradailynews
0 टिप्पणियाँ