छत्तीसगढ़ के नारायणपुर क्षेत्र छावनी में बदला, दो गुटों के बीच में खूनी विवाद तक स्थिति पहुंच गई। ईसाई मिशनरियों और आदिवासियों पर धर्मांतरण को लेकर छिड़ा विवाद जो काफी उग्र हो गया। जोर जबरदस्ती प्रलोभन देकर आदिवासियों को ईसाई मिशनरी कर रही है धर्मांतरण।
बस्तर के आदिवासी बहुल नारायणपुर में दो गुटों के बीच धमांतरण को लेकर चल रहा विवाद सोमवार को अचानक इतना बढ़ा कि एक गुट ने शहर बंद करवाया और धार्मिक स्थल पर तोड़फोड़ कर दी। हमले के दौरान नारायणपुर एसपी सदानंद कुमार भीड़ को शांत करने के लिए धार्मिक स्थल के भीतर चले गए। भीड़ ने उन पर पत्थर चलाए जिससे सिर फूट गया। पुलिस उन्हें लेकर बाहर निकल रही थी, तब कुछ और उग्र लोगों ने उनसे मारपीट की कोशिश भी की। इसके बाद सीएएफ की कंपनी मौके पर पहुंची और लाठियां लहराकर एसपी को सुरक्षित बाहर निकाला। उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां 5 टांके लगे। इसके बाद पुलिस ने शहरभर में सघन गश्त शुरू कर दी और लोगों को सड़कों से खदेड़ दिया। पूरे नारायणपुर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। नारायणपुर इलाके में पिछले कुछ हफ्ते से धर्मांतरण को लेकर दो गुट आमने - सामने हैं। रविवार को कुछ लोगों ने एक गुट के लोगों पर हमला कर दिया था। इसके विरोध में दूसरे गुट के लोगों ने दोपहर में बैठक की और नारायणपुर बंद का ऐलान कर दिया। सैकड़ों लोग बंद करवाने सड़कों पर आ गए और मिनटों में नारायणपुर बंद हो गया। इसी दरमियान इस गुट की उग्र भीड़ ने बंगलापारा में एक धार्मिक स्थल पर हमला किया।
सिर पर लगे पांच टांके , फिर भी बोले एसपी सदानंद - हम संयम बरत रहे हैं..
अस्पताल में भर्ती एसपी सदानंद ने भास्कर से कहा कि पुलिस हमले के बाद भी संयम बरत रही है। लेकिन दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर अजीत वसंत ने बताया कि कलेक्टोरेट में दोनों गुटों के प्रतिनिधियों की बैठक चल रही थी, तभी एक गुट के लोग धार्मिक स्थल की ओर निकल गए। इसीलिए एसपी भी पीछे - पीछे गए।
40 गांवों में फैला तनाव, लोग, घबराकर घर छोड़कर भाग रहे...
नारायणपुर में बबाल से पहले ही जिले के 40 गांव संवेदनशील बने हुए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक एड़का, बेनूर और नारायणपुर थाना क्षेत्र के इन गांवों में एक गुट के लोग अपने घर छोड़कर जंगलों की ओर चले गए हैं। कई परिवार ऐसे हैं जिन्होंने दूर - दराज के गांवों में अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ले ली है। पिछले कुछ दिन में टीआई और एसपी जैसे अफसरों पर हमले ने ग्रामीणों का मनोबल तोड़ा है। ऐसा पलायन और बढ़ने की आशंकाएं व्यक्त की जाने लगी हैं। प्रशासन समझा रहा है पर लोग मान नहीं रहे हैं।
तीन माह से तनाव कायम पुलिस को 50 शिकायतें..
धर्मांतरण पर बीते करीब 3 महीनों से नारायणपुर में तनाव के हालात रहे हैं। तकरीबन 50 से ज्यादा शिकायतें भी पुलिस को मिली थीं, लेकिन एक भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई। 3 महीनों से चल रहे तनाव के बाद इसीलिए भीड़ की हिम्मत बढ़ी। कुछ दिन पहले एड़का थाने के टीआई के साथ भीड़ ने मारपीट की थी और अब एसपी पर हमला हो गया। बस्तर संभाग में पहली बार किसी धार्मिक स्थल में तोड़फोड़ हुई है। हमला करने वाले लाठी - डंडे और पारंपरिक हथियार तीर - धनुष से लैस थे।
धर्मांतरण विवाद को लेकर नारायणपुर में बवाल, बीजेपी नेता सहित पांच गिरफ्तार..
नारायणपुर में आदिवासियों के विरोध प्रदर्शन के दौरान एक चर्च में तोड़फोड़ किए जाने के एक दिन बाद पुलिस ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के एक स्थानीय नेता समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर शहर में आदिवासियों के विरोध प्रदर्शन के दौरान एक चर्च में तोड़फोड़ किए जाने के एक दिन बाद पुलिस ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के एक स्थानीय नेता समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी. वहीं घटना का जायजा लेने के लिए नारायणपुरमें प्रवेश करने के दौरान दो सांसदों और एक विधायक सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को पुलिस ने पहले ही रोक लिया. पार्टी के एक नेता ने यह दावा किया. बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि सोमवार को नारायणपुर में एक समुदाय के लोगों के विरोध प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ की घटनाओं के मामले में पांच लोगों रूपसाय सलाम, पवन कुमार नाग, अतुल नेताम, अंकित नंदी और डोमेन्द्र यादव को गिरफ्तार किया गया है. सुंदरराज ने बताया कि घटनाओं के संबंध में चार अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है. पुलिस अधिकारी ने बताया कि नारायणपुर जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। शहर में स्थिति शांतिपूर्ण और सामान्य है.
विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ पार्टी के बैनर तले..
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने बताया कि सलाम वरिष्ठ आदिवासी नेता हैं और पार्टी के नारायणपुर जिलाध्यक्ष हैं. हालांकि सोमवार को विरोध प्रदर्शन पार्टी के बैनर तले नहीं किया गया था. भाजपा के वरिष्ठ नेता अजय चंद्राकर ने कहा है कि सांसद संतोष पांडे और मोहन मंडावी तथा विधायक शिवरतन शर्मा समेत पार्टी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल घटना का जायजा लेने के लिए नारायणपुर जा रहा था तब उन्हें बेनूर पुलिस थाने में रोक कर रखा गया.
छत्तीसगढ़ में आपातकाल जैसे हालात..
भाजपा नेता चंद्राकर ने कहा, हमारे नेताओं को नारायणपुर जाने से रोका गया, इससे प्रमाणित हो गया है कि कांग्रेस सरकार धर्मांतरण करने वाले लोगों के कदमों में गिर गई है. आदिवासियों का उत्पीड़न चरम सीमा को लांघ चुका है. छत्तीसगढ़ में अब आपातकाल जैसे हालात हैं. आदिवासी बहुल क्षेत्र में कथित धर्म परिवर्तन के विरोध में सोमवार को नारायणपुर में लगभग दो हजार लोगों ने सभा की थी. जिनमें ज्यादातर आदिवासी थे. पुलिस के मुताबिक बैठक के बाद भीड़ समूहों में बंट गई थी और लाठी-डंडों से लैस होकर स्कूल परिसर में स्थित एक चर्च में घुस गए और उसमें तोड़फोड़ की. उन्होंने बताया कि इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने उग्र प्रदर्शन किया और बखरूपारा बाजार सहित शहर के अन्य स्थानों पर हिंसक प्रदर्शन किया. पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि पुलिस ने एक जनवरी को जिले के एडका थाना क्षेत्र के गोर्रा गांव में दो समूहों के बीच हुई झड़प के संबंध में भी प्राथमिकी दर्ज की है. उन्होंने बताया कि गोर्रा गांव में झड़प को शांत करने गए पुलिस दल पर कथित तौर पर हमला करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
ईसाई धर्म का पालन करने के कारण किया गया हमला..
उन्होंने बताया कि इसके अलावा पिछले कुछ दिनों में नारायणपुर और कोंडागांव जिले की सीमा से लगे गांवों में शांति भंग करने के आरोप में 17 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पिछले महीने बड़ी संख्या में ईसाई समुदाय के लोगों ने नारायणपुर में कलेक्टर कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया था. आदिवासी बहुल जिले के कम से कम 14 गांवों के प्रदर्शनकारियों ने दावा किया था कि ईसाई धर्म का पालन करने के कारण उन पर कथित रूप से हमला किया गया और उन्हें उनके घरों से निकाल दिया गया. उन्होंने इस मामले में प्रशासन द्वारा कार्रवाई की मांग की थी. #suradailynews
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