जीतू पटवारी पर कांग्रेस में कलह. स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर 47 विधायकों ने नहीं किए साइन, कमलनाथ भी रहे गायब..

Discord in Congress over Jeetu Patwari.  47 MLAs did not sign the motion of no confidence against the Speaker, Kamal Nath also remained missing

Bhopal: मध्य प्रदेश(mp) विधानसभा में सत्र के समय कांग्रेस के विधायक(mla) जीतू पटवारी(patwari) को पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। जिसके बाद कांग्रेस काफी धूमिल हो गई। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह सहित कई विधायकों ने सरकार द्वारा दी गई टैबलेट(tablet) वापस कर दिए। इस बार खबर ये आ रही है, अब निलंबन के विरोध में कांग्रेस बड़ा आंदोलन कर रही है। लेकिन इस बीच गुटबाजी की खबरें भी आ रही हैं।
कांग्रेस का कहना है कि विधायक जीतू पटवारी को बजट से सत्र को रोकना अलोकतांत्रिक कार्य है और ये बीजेपी की बौखलाहट को भी पहचानता है. अब कांग्रेस इसे लेकर बड़ा आंदोलन कर रही है। 

जीतू पटवारी के घर पहुंचे विधायक..

निलंबन के बाद तमाम कांग्रेसी विधायक जीतू पटवारी के आवास पर पहुंचे. यहां तय किया गया है कि 13 या 14 मार्च को कांग्रेस प्रदेश में बड़े आंदोलन होंगे। इसे पीसीसी लेकर प्रमुख कमलनाथ से बात करने के बाद तारीख तय करेंगे। कांग्रेस ने कहा कि किसान, जनता के लिए ये बड़ा आंदोलन होगा। 

ईंटों से सजी हुई साज़िशें..

वहीं नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कार्यकर्ताओं से आह्वान करते हुए कहा कि बड़े आंदोलन की तैयारी करों. हम ईंट से ईंट बजा देंगे. जीतू पटवारी के लिए जेल जाने को भी तैयार है. अपने क्षेत्र में जाओ लोगों से मिलो. जल्द ही बड़े आंदोलन होगा. मर मिटने के लिए तैयार रहो.

शिवराज की तुलना रावण से..

वहीं पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधो ने सीएम शिवराज पर विवादित बयान देते हुए उनकी तुलना रावण से कर डाली. उन्होंने युवाओं से कहा कि सिर पर कफन बांध लो. साधो ने कहा - ये भारत देश है. यहां रावण का भी अंहकार नहीं चला तो सीएम शिवराज का कैसे चलेगा? यूथ को आह्वान करती हूं कि वक्त आ गया है सिर पर कफन बांध लो.

पार्टी में दिखी गुटबाजी..

वहीं जीतू पटवारी के निलंबन के विरोध में कांग्रेस के विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस की एकजुटता देखने को ही नहीं मिली. विपक्ष की तरफ से एमपी विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस के सिर्फ 48 विधायकों ने सिग्नेचर किया है. जबकि 47 विधायकों ने अविश्वास प्रस्ताव में सिग्नेचर नहीं किए है. वहीं पूर्व सीएम कमलनाथ समेत कई विधायक सदन में आज नदारद नजर आए. अब इसे बॉयकॉट समझा जाए या कांग्रेस की गुटबाजी ये तो आने वाले वक्त में पता चल जाएगा.


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