राहुल गाँधी को मोदी टिप्पड़ी पर दो साल की सजा, संसद सदस्यता भी खत्म,

Rahul Gandhi sentenced to two years for Modi remark, Parliament membership also terminated,

यह अयोग्यता उन पर दोष साबित होने के दिन यानी 23 मार्च 2023 से लागू रहेगी। यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद(articles of the constitution) 102 (1) (e) के प्रावधानों और जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा आठ के तहत लिया गया है।

राहुल गांधी (Rahul Ghandi) की संसद की सदस्यता समाप्त कर दी गई है। सूरत कोर्ट (Surat Court) ने कल ही उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी। लोकसभा सचिवालय(Lok Sabha Secretariat) की तरफ से इस संबंध में अधिसूचना जारी(notification issued) कर दी गई है। बता दें कि मानहानि के मामले में सूरत की अदालत ने गुरुवार को ही राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। राहुल गांधी पर 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी सरनेम को लेकर विवादित टिप्पणी का आरोप लगा था। जिसके खिलाफ राहुल के खिलाफ गुजरात(Gujrat) भाजपा(BJP) के विधायक पूर्णेश मोदी(MLA Purnesh Modi) ने मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था।

लोकसभा सचिवालय ने जारी की अधिसूचना..

लोकसभा सचिवालय की तरफ से इस बारे में सात पंक्तियों की एक अधिसूचना जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट(judicial magistrate) की अदालत की तरफ से दोषी करार दिए जाने के बाद केरल के वायनाड(Wayanad of Kerala) से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य किया जाता है। यह अयोग्यता उन पर दोष साबित होने के दिन यानी 23 मार्च 2023 से लागू रहेगी। यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद 102 (1) (e) के प्रावधानों और जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा आठ के तहत लिया गया है।

यह अधिसूचना लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह के नाम से जारी हुई है। इसकी एक-एक प्रति राहुल गांधी, राष्ट्रपति सचिवालय, प्रधानमंत्री सचिवालय, राज्यसभा सचिवालय, चुनाव आयोग, केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय और विभाग, केरल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, लायसन अधिकारी, संपदा निदेशालय, संसद भवन एनेक्सी, एनडीएमसी सचिव, दूरसंचार लायसन अधिकारी और लोकसभा सचिवालय के सभी अफसरों और शाखाओं को भेजी गई है। 

क्या है कानून?

बता दें कि जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक किसी भी सांसद या विधायक को अगर किसी मामले में दो या दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उनकी सदस्यता रद्द हो जाएगी। साथ ही वह छह साल तक चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य हो जाते हैं। ऐसे में अगर राहुल गांधी को ऊपरी अदालत से राहत नहीं मिली तो राहुल गांधी 2024 का लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) भी नहीं लड़ पाएंगे, जो कि उनके लिए बड़ा झटका होगा। 

क्या है मामला, जिसमें राहुल को सुनाई गई सजा?

2019 लोकसभा चुनाव के लिए कर्नाटक(Karnatak) के कोलार(kolar) में एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है? इसी को लेकर भाजपा विधायक व गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय का मान घटाया है। वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल ने 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में इस मामले से जुड़ी टिप्पणी की थी। 

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने पिछले शुक्रवार को दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख तय की थी। राहुल इस मामले की सुनवाई के दौरान तीन बार अदालत में पेश हुए। अक्तूबर 2021 में बयान दर्ज कराने के लिए अदालत पहुंचे राहुल ने खुद को निर्दोष बताया था। अब इसी मामले में राहुल को सजा सुनाई गई है। 

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