अवैध निर्माण हटाने के लिए मध्य प्रदेश में एक अप्रैल से विशेष अभियान, यह है अवैध निर्माण का कारण..

Special campaign to remove illegal constructions in Madhya Pradesh from April 1, this is the reason for illegal constructions..

MP News: भोपाल। मध्य प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में हो रहे अवैध निर्माण और बिना अनुमति अतिरिक्त निर्माण को हटाने के लिए एक अप्रैल से विशेष अभियान चलाया जाएगा। प्रदेशभर की नगरीय निकायों को इसके निर्देश जारी किए गए हैं। जिसके तहत शहरी क्षेत्र के समस्त निर्माण कार्यों का चिन्हांकन कर उनकी जांच की जाएगी और अवैध निर्माण पाया जाता है तो उसे हटाने की कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, भवन अनुज्ञा के लिए संचालित एबीपास साफ्टवेयर (आटोमेटेड बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम) के अंतर्गत यह देखने में आया है कि अधिकतर कम्पाउंडिंग फीस/ प्रशमन (टाइप-2) के प्रकरण नागरिकों द्वारा स्वत: ही आवेदन कर कराए गए हैं, लेकिन निकाय के भवन अनुज्ञा/ अतिक्रमण से जुड़े अमले द्वारा अवैध भवनों का चिन्हांकन कर कम्पाउंडिंग फीस/ प्रशमन की कार्रवाई कम की गई है।

ऐसे में अब सभी निकायों के वार्ड प्रभारी, भवन अनुज्ञा प्रभारी, अतिक्रमण प्रभारी को अवैध निर्माण का चिन्हांकन कर कम्पाउंडिंग/ प्रशमन की कार्रवाई करने निर्देश निकाय स्तर पर जारी किए जाएंगे। यह कार्य एबीपास साफ्टवेयर के माध्यम से ही होंगे। नगरीय निकायों में जीआइएस सर्वे कार्य के माध्यम से वर्तमान संपत्तियों व नई संपत्तियों का चिन्हांकन किया जा रहा है। इस सर्वे कार्य में निकाय के बेस मैप पर सभी संपत्तियों की जानकारी उपलब्ध है। इसके आधार पर निकाय यह सुनिश्चित करेंगे कि, सर्वे में पाई गई है सभी संपत्तियों व भवनों की अनुज्ञा है और अनुज्ञा अनुसार ही निर्माण कार्य कराया गया हो।

शहरी क्षेत्र में पांच हजार वर्गमीटर से अधिक सभी निर्माणाधीन, निर्मित भवनों की भवन अनुज्ञा का अनिवार्य निरीक्षण कर सुनिश्चित किया जाएगा कि, उक्त निर्माण कार्य नगरीय निकायों द्वारा जारी भवन अनुज्ञा के अनुसार ही हुआ है। अगर उक्त निर्माण कार्य बिना अनुमति अथवा प्रविधानों के तहत नियम अनुसार कम्पाउंडिंग फीस योग्य है, तो उनकी नियम अनुसार कम्पाउंडिंग की जाएगी और जो प्रकरण कम्पाउंडिंग योग्य नहीं है उनके विरुद्ध नियम अनुसार अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई की जाएगी।

यह है अवैध निर्माण का कारण..

शहरी क्षेत्र में फैलाव व नए क्षेत्रों को जोड़ने के कारण भवन निर्माण गतिविधियो में अत्यधिक वृद्धि हुई है। जनसंख्या वृद्धि के कारण भी नए आवास बढ़े हैं, लेकिन भवन निर्माण कार्यों में कई कार्य अनुमति लिए बिना या अतिरिक्त निर्माण किए जा रहे हैं। जिससे शहरी क्षेत्रों में अवैध निर्माण कार्यों की संख्या में वृद्धि हो रही है।

ऐसे हो रहा है काम..

- जीआइएस सर्वे का किया जा रहा उपयोग
- नई व वर्तमान संपत्तियों की की जा रही पहचान
- निकाय के बेस मैप पर संपत्तियों की जानकारी उपलब्ध
- पता करेंगे कि भवनों की अनुज्ञा है या नहीं
- यदि अनुज्ञा है तो क्या निर्माण उसे के अनुसार है
- अनियमितता पाई जाने पर की जाएगी कार्रवाई

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