NCERT की 12th history की किताबों में हुए बदलावों की 250 इतिहासकारों ने की आलोचना

250 historians criticized the changes in NCERT's 12th history books

एनसीईआरटी(NCERT) की इतिहास और राजनीति विज्ञान की किताबों से कुछ अध्यायों और कई वक्तव्यों के हाल में हटाए जाने की 250 इतिहासकारों ने कड़ी आलोचना की है.

प्रेस के नाम जारी एक संयुक्त वक्तव्य में इन इतिहासकारों ने ताज़ा बदलावों को गंभीर समस्याएं पैदा करने वाला करार दिया है.

इतिहासकारों ने तथ्यों के हटाए जाने को शैक्षणिक मूल्यों के बजाय ‘चयनात्मक’ और ‘विभाजनकारी राजनीति बढ़ाने वाला’ बताया है.

बयान के अनुसार, इन बदलावों से सीखने वालों को न केवल मूल्यवान सामग्री बल्कि कई शैक्षणिक मूल्यों से भी वंचित होना पड़ेगा.

इतिहासकारों(Historian) ने हालांकि कहा है कि किताबों में नियमित बदलाव हो, पर ये बदलाव इतिहास के मौजूदा विद्वानों की सहमति से होने चाहिए.

इन विद्वानों ने कोरोना महामारी के नाम पर विद्यार्थियों पर से बोझ हटाने के दावों की भी आलोचना की है.

इस बयान पर दस्तख़त करने वाले इतिहासकारों और विद्वानों में इरफ़ान हबीब(Irfan Habib), आदित्य मुखर्जी जी (Aditya Mukherji), अरुणिमा(arunima), अपूर्वानंद(Apurva Nand), जयती घोष जैसे लोग शामिल हैं.

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