बिहार के वैशाली ज़िले में एक दलित नेता राकेश पासवान की हत्या के बाद से लालगंज थाना क्षेत्र में पुलिस और दलित नेता के समर्थक आमने-सामने आ गए.
वो राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी से जुड़ाव रखने के साथ ही 'दलित सेना' के राष्ट्रीय सचिव भी थे.
राकेश पासवान की मौत के अगले दिन उग्र समर्थकों ने जहां लालगंज थाने में उत्पात मचाया, वहीं लालगंज बाज़ार में भी तोड़फोड़ की.
पुलिस ने हालात काबू करने के लिए हल्के बल प्रयोग की बात कही है.
दलित नेता की हत्या से क्षुब्ध समर्थकों ने लालगंज थानाध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार( Lalganj police station chief Amarendra Kumar ) की गाड़ी को क्षतिग्रस्त करने के बाद पोखर में धकेल दिया.
साथ ही थाने के और भी वाहनों को नुक़सान पहुंचाया.
घटना 13 अप्रैल शाम पांच बजे के आसपास की है.
बिगड़ती स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इलाक़े में भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है.
मौके पर पहुंचे वैशाली ज़िले के पुलिस अधीक्षक रवि रंजन कुमार ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, "लालगंज थाना क्षेत्र के पंचदमिया गाँव में शाम 5 बजे राकेश पासवान नामक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई."
"सूचना मिलते ही इस मामले की पड़ताल के लिए सदर एसडीपीओ के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई है. पुलिस दोषियों को पकड़ने के लिए तत्पर है."
उन्होंने आगे कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए एक ओर जहां भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है, वहीं ज़िलाधिकारी के साथ वे खुद मौके पर कैम्प कर रहे हैं. स्थिति अब नियंत्रण में है.
दलित नेता की हत्या के बाद जमुई के सांसद चिराग पासवान शोकाकुल परिजनों से मिलने कल उनके घर पहुंचे थे.
उन्होंने वहीं से पुलिस अधीक्षक से बातचीत कर दोषियों पर ठोस कार्रवाई की मांग की.
वहीं, रालोजपा नेता और मंत्री पशुपति पारस राकेश की अंत्येष्टि के लिए उनके गाँव पहुंचे थे.
पशुपति पारस ने राकेश पासवान (Rakesh paswan) की अंतिम यात्रा में शामिल होते हुए ट्विटर पर लिखा कि दलित सेना के राष्ट्रीय सचिव व बाबा साहेब आंबेडकर के सच्चे सपूत राकेश पासवान की अंतिम यात्रा के लिए लालगंज (जहानाबाद बसंता घाट) पहुँचकर उन्हें नम आँखों से श्रद्धांजलि दी.
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