बहुत से लोगो के मन में हमेशा जिज्ञासा उभरती है कि हमारे गोंड राजा सोने-चांदी के सिक्के चलाते थे,पुरखों के नौकर चाकर हुआ करते थे। गोंडवाना सम्राज्य समृद्धशाली था, तो फिर स्वर्णमयी “गोंडवाना सम्राज्य” इतनी बदहाल क्यों?……. तेरहवीं शताब्दी से लेकर अंग्रेजों शासकों के साथ”, सोने की चिडिय़ा कहलाने वाली “गोंडवाना सम्राज्य” में कई लड़ाईयाँ लड़ी गई।पूरा का पूरा खजाना लूट लिया गया।।हजारों की संख्या में गोली-बारूद से भून दिए गए…….*  *गोंड वीराँगनाए गोंडवाना राज की वीर रानियाँ जिन्होंने “गोंडवाना राजवंश” की अस्मिता के लिए दुश्मनों और ब्रिटिश हुकूमत से लड़ते लड़ते वीरगति प्राप्त की !* किंतु अफसोस इन दोगले इतिहासकारों की व्यवस्था वाले इतिहास में जगह नहीं मिल पाया है। *1) .
(*1) . राजकुमारी हँसलकुमारी- साँगीगढ 1326* ( *2). रानी दुर्गावती -गढ़मंडला 1564* (*3).रानी फूलकुँवर- गढ़ा जबलपुर 1857* (*4). रानी करुणावती- रामगढ़ मंडला 1858* (*5). रानी कमलापति -भोपाल 1758* (*6). रानी सुगनकुमारी फुलझर- राजनादगाँव 1858* ( *7). रानी कपिष्ठा फुलझर 1858* (*8). रानी पद्मावती-गढ़ मंडला (*9). रानी देवी कुँवर उईके- हर्रई छिंदवाड़ा (*10). रानी हिरमोतिन आत्राम- चाँदागढ़ (*11). रानी सुन्दरी मरावी- चाँदागढ़ (*12) रानी रुद्रम्मादेवी काकतीय(कोवे) (13). राजा शंकरशाह गढ़ा मंडला 1857* (*14). कुँवर रघुनाथ शाह जबलपुर 1857* (*15). वीर नारायण सिंह- सोनाखान 1857* * (16). राजा अर्जुन सिंह- फतेहपुर 1857* * (17). राजा महिपाल सिंह- भटगाँव विजयराघवगढ़ 1857* *(18).राजा गंगाधर -भानगढ़ 1857* (*19).गुंडाधुर -बस्तर 1905* * (20).गेंदसिंग -बस्तर 1824* * (21).नरहरी शाह- गढ़मंडला 1780* * (22). सीतारमैया अलूरी– आंध्रप्रदेश -* * (23). गुमधर कुँवर- बिहार 1828* * (24). गंगा नारायण- बिहार 1832* (*25). बाबूराव शेडमाके चाँदागढध 1858* (*26). प्रवीरचंद भजदेव काकतिया (कोवे) – 1966* (*27). ताना भगत- बिहार 1913* * (28). धानु गोंड- मंडला 1922* * (29). वीर शाह विष्णु- बैतूल1930* * (30). बुढ़ान शाह -पिथौरा 1930* * (31). राजा राम धुर्वे बैतुल 1942* * (32).विठ्ठन शाह- नरसिंहपुर1945* * (33). कुमराम भीम( कुमरा) -आदिलाबाद 1940* * (34).शामा दादा -कोलाम* (*35).लागुड और भिगुड धुर्वे –बस्तर* (36) दिल्लन् शाह- (मदनपुर)नरसिंहपुर (1842-1843) (37) नरवर शाह (चिचली नरसिंहपुर मध्यप्रदेश )(1857) (38) राजा दयाल सिंह खरसाल संभलपुर के ज़मीदार(1857) (39) राजा भभूत सिंह (पंचमढ़ी )(1862) (40) शहीद उदंत साय (सुरेंन्द्र साय के भाई )(1857) (41) राजा सुरेंन्द्र साय (संबलपुर )(28 फरबरी 1884) (42) राम जी गोंड (तेलंगाना ) (9 अप्रेल 1860) (43) वीरनारायण सिंह ( सोनाखान छत्तीसगढ़ शहीद)(1795) (44) रामाधीन गोंड (1939) (45) शहीद वीरजू गोंड (रणमत सिंह के साथी ) (46) शहीद बादल भोई (छिंदवाडा)
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