मथुरा। बागेश्वर धाम(Bageswar Dham) के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री(Pithadhishwar Pandit Dhirendra Shastri) ने गुरुवार को कहा कि हमारी गलती से मुक्त नहीं हुई श्रीकृष्ण जन्मभूमि(Sri Krishna Janmabhoomi)। देर से ही सही पर जागे तो सनातनी। विशाल अभियान चलाकर अयोध्या की तरह ही श्रीकृष्ण जन्मभूमि को मुक्त कराया जाएगा। कृष्ण कन्हैया लाल का बहुत ही जल्दी भव्य और दिव्य मंदिर बनेगा।
धीरेचंद्र शास्त्री ने मीडिया (मीडिया) से बातचीत करते हुए कहा कि 'यह अभियान तो बहुत पहले शुरू होना चाहिए था, बस देर से शुरू हुआ, यह दुर्भाग्य है। सनातन हिंदू अब जग रहे हैं, इकट्ठे हो रहे हैं। जैसे अयोध्या में श्री रामलला का बहुत भव्य और दिव्य मंदिर बन रहा है। वैसे ही इस अभियान के साथ स्वाभाविक रूप से भी भव्य और दिव्य मंदिर बनेगा।
धीरे-धीरे शास्त्री ने कहा कि 'हिंदू राष्ट्र (हिन्दू राष्ट्र) में फायदे ही फायदे हैं, घाटा तो कुछ भी नहीं है। इससे संस्कृति हमारी सुदेगी, संस्कार सुधरेंगे और समानताएं बनेंगी। जातिवाद के नाम पर जो राजनीति बार-बार की जाती है और आप में गृहयुद्ध की जो स्थिति बन जाती है, उस पर हमेशा के लिए विराम लग जाएगा। हमारा भारत विश्व गुरु तभी बनेगा (हमारा भारत तभी विश्व गुरु बनेगा), जब तक भारत में हमारे वेद शास्त्र (वेद शास्त्र) की परंपरा की शिक्षा पद्धति लागू होगी। उन्होंने कहा कि हमारे हिंदू राष्ट्र में हमारा हिंदू राष्ट्र ही हिंदू राष्ट्र नहीं कहलाएगा तो क्या कहलायेगा?
उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र के कई फायदे हैं। ऐसे मान के बिना की मणि आ जाने पर कोई पूछे कि घाटा क्या है? ऐसे ही लोग कहते हैं कि हिंदू राष्ट्र बनने से घाटा क्या है, तो जिस प्रकार मणि के आ जाने से सब कुछ फ़ायदा ही होता है, वैसे ही हिंदुओं को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाता है तो सर्वत्र फ़ायदे ही फ़ायदे हैं।
धीरेचंद्र शास्त्री ने आगे कहा कि 'हमारा ब्रज से बहुत प्रेम है, बहुत स्नेह है। ब्रज के संतों का ब्रजवासियों (बृजवाशी) का बड़ा आशीर्वाद है। जब भी हमें लगे कि हमारा जीवन में खाली आ रहा है तो उसे ब्रज दौड़ जाना चाहिए, इसी भाव से हम श्रीधाम वृंदावन पहुंचे हैं। मैं स्विट्जरलैंड गया, श्री विनोद बाबा महाराज (श्री विनोद बाबा महाराज बृंदावन) के दर्शन किए। इसके साथ प्रियकांत जू मंदिर (प्रियकांत जू मंदिर), सुदामा कुटी (सुदामा कुटी) और याया महारानी (यमुना महारानी) को भी प्रणाम किया। इसके साथ ही कई महापुरुषों को प्रणाम किया।'
धीरे-धीरे शास्त्री ने संतों का लिया आशीर्वाद
धीरे धीरे कृष्ण शास्त्री बुधवार रात करीब 11 बजे वृंदावन की परिक्रमा मार्ग स्थित सुदामा कुटी आश्रम पहुंचे। यहां वे अजर के श्री महंत सुतीक्षण दास महाराज से मिले। करीब आधे घंटे तक चलने के दौरान दोनों ने अध्यात्म पर चर्चा की। गुरुवार को वृंदावन में संतों से मिलने के बाद धीरे-धीरे चंद्र शास्त्री बजना स्थित प्रिया कुंड पहुंचे। यहां विरक्त संत विनोद बाबा से आशीर्वाद लिया। धीरेचंद्र कृष्ण शास्त्री ने विनोद बाबा को साष्टांग प्रणाम किया। कुटिया पर बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर के आगमन पर विनोद बाबा ने उनका प्रसाद चढ़ाया.
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