पड़ोसी कमलेश उर्फ करण सिंह ही निकला आदिवासी 9 वर्ष की मासूम का हत्यारा, दरिंदे ने इंसानियत की सारी हदें की पार, किये 10 टुकड़े..इस बार टुकड़े फ़्रिज में नही थे

Neighbor Kamlesh alias Karan Singh turned out to be the killer of a 9-year-old innocent tribal, the savage crossed all limits of humanity, cut him into 10 pieces..this time the pieces were not in the fridge

उदयपुर न्यूज: राजस्थान (राजस्थान) की चमत्कारी रोशनी के मावली (मावली) तहसील से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है।
वहशीपन का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि लड़की की हत्या करने के बाद उसके शव को लेकर दो दिन तक अपने पास रखा। उसकी लाश को एक थैले में बंद करके दो दिन तक अपने पास रखा) और फिर चांस मिलने के बाद ठिकाने लगा दिया। अभी पुलिस ने पड़ोसी को गिरफ्तार किया है और आगे की जांच चल रही है। 

कमलेश उर्फ करण सिंह

साइट पर बोरे में मिले शव के टुकड़े..

यह घटना जिले के मावली थाना क्षेत्र में लोपड़ा गांव की है। एसपी विकास शर्मा ने रविवार को बताया कि कक्षा चार में पढ़ने वाली 9 साल की बच्ची 29 मार्च को शाम करीब चार बजे स्कूल से खेत पर जाने के लिए निकली थी। जब वह खेत पर नहीं पहुँचता है तो उसके तट पर घर आता है। बच्ची के नहीं मिलने पर पिता ने पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस ने आईपीसी 363 के तहत मामला दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी थी। इसी दौरान शनिवार देर शाम घर के आस-पास घूमने पर बालिका के घर से करीब 200 मीटर दूर घाट में बोरे में शव के टुकड़े मिले।

साइट पर बोरे में मिले शव के टुकड़े..

हत्या से पहले किया दुष्कर्म..

पुलिस ने एक मोहरे को समेटा और शव को पहचान के लिए एमबी अस्पताल में दर्ज किया, जहां रविवार को सभी दरवाजे के दौरान सामने आया कि इस बच्ची का बलात्कार करने के बाद उसके चाकू से 10 टुकड़े कर दिए गए। पोस्टमॉर्टम (पोस्टमॉर्टम) के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। 

जिस दिन बना, उसी दिन हत्या..

एसपी ने बताया कि इस मामले में 21 साल के कमलेश को गिरफ्तार किया गया है. इसने इस बच्ची को घर के सामने खेत में जाते देखा तो वह उसके पास गया। लड़की इस घटना को दर्शाती है तो वह अपने घर चली गई, जहां कमलेश ने अपराध किया। बाद में पोल ​​नहीं खोलेंगे, इस डर से घर में रखे चाकू से उसके टुकड़े कर दिए और उन्हें बोरे में भरकर रख दिया। 

बरसों के माता-पिता से भी पूछताछ..

पुलिस ने बताया कि घटना के समय डेरे के घर में उसके माता-पिता नहीं थे, लेकिन दो दिन तक शव वहीं पर रखने की जानकारी उन्हें हो नहीं, ऐसा संभव नहीं है। ऐसे में घटना के माता-पिता से भी मामले को लेकर पूछताछ की जाएगी।

29 मार्च को पिता ने किया था गुमशुगी..

29 मार्च को मृतका के पिता ने ब्रेकिंग के मावली पुलिस थाने में 9 साल की बेटी की गुमशुदगी को लेकर सूचना थाने में दी थी। तहरीर के आधार पर मावली थाना पुलिस ने अपहृत का मुकदमा दर्ज कर नाबालिग लड़की की गुमशुदगी की जांच थाने के एएसआई छगनलाल (ASI छगनलाल) को सौंपी थी, लेकिन पुलिस पीड़ित के घर से चंदा कदम की बेटी को दूरी की मांग नहीं कर पाई । बेटी के पिता चार दिन तक बेटी की तलाश में पुलिस के चक्कर लगाते रहे, लेकिन थाना पुलिस बेटी के अपहरण को सहज में ले रही है। मावली थाना पुलिस की मिलीभगत का कारण है कि 9 साल की एक कथा में वह हवश का शिकार हुई। वहीं इस घटना के बाद राजस्थान पुलिस की 'आपरेशन' की भी नजर खुल गई। वर्तमान में राजस्थान में लापता नाबालिगों की तलाश में राजस्थान ने 'ऑपरेशन मुस्कान' चलाई है, लेकिन चमक के मावली थाना पुलिस घर से चंदा कदम की दूरी पर नाबालिग बेटी को ढूंढने में नाकाम रही।

10 मोहरे में मिली बेटी का शव, सिहर उठी इंसानियत..

29 मार्च को गुम हुई 9 वर्षीय आदिवासी बेटी का शव एक अप्रैल शनिवार देर शाम बेटी के घर से कुछ कदम दूर एक खण्डहर घर में 10 टुकड़ो में बोरे में बंधा मिला।

9 साल की मासूम बेटी के शव का अमानवीय मंजर देख इंसानियत सिहर उठी। वह भी सन्न रह गया। सूचना पर पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण मुकेश सांखला(ग्रामीण पुलिस अधीक्षक मुकेश सांखला) मई पुलिस जाब्ता व डॉग स्क्वायड की घटना स्थल पर पहुंच गए। जहां खण्डर में पड़े बोरो से मानव शरीर का मोहरा निकाला गया (खंडहर में पड़े बोरे से मानव शरीर के टुकड़े निकाले गए)। शरीर के मोहरे को देख पीड़ित पिता होश खो गया। इस दौरान परिजनों ने शव की शिनाख्त गुम हुई 9 साल की बेटी के रूप में।

बेटी के शव के 10 को पुलिस ने कब्जे में कर सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया। जहां रविवार सुबह मेडिकल बोर्ड (मेडिकल बोर्ड) से मिलने के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया।

अस्पताल के बाहर प्रदर्शन ..

मावली पुलिस थाना क्षेत्र के गांव में दबंग लड़की का शव मोह में मिलने की बात क्षेत्र में आग की तरह फैल गया। वह भी सुना खुद को रोक नहीं पाया। शाम से ही गांव में लोगों की भीड़ लगने लगी। सुबह तक सैकड़ों की तादाद में भील समाज के लोग विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ गांव में जाल बिछाकर आदिवासी बेटी की हत्या की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। मामले की गंभीरता को देखते हुए गांव में पुलिस बल बढ़ाया गया। इस दौरान सरकारी अस्पताल के बाहर सामाजिक संगठनों के साथ ग्रामीण धरने पर बैठ गए।

अस्पताल के बाहर प्रदर्शन ..

नाबालिग बेटी की हत्या के मामले में आरोपी ने गिरफ्तारी की मांग की। साथ ही एक करोड़ की आर्थिक सहायता के साथ ही एक सरकारी नौकरी की भी मांग की जाती है।

भीम आर्मी से जुड़े लालाराम मेघवाल का कहना है(lalaram meghwal says) कि तोड़ने में एक व्यक्ति की हत्या पर अपने परिजन के पास पहुंचे थे। आर्थिक मदद के साथ दो सरकारी नौकरी भी दी। यह घटना भी घटी है। नाबालिग नाबालिग बेटी के साथ रेप के बाद हत्या कर दी गई। ऐसे में यहां आदिवासी समाज समान न्याय की उम्मीद करता है।

आरोपी बेटी का पिता चार दिन तक बेटी की तलाश में पुलिस के चक्कर लगाता रहा, लेकिन थाना पुलिस बेटी के अपहरण को हल्के में ले रही है। 

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