सतना का मामला: ट्रेन से कटकर दी जान बेटी के इलाज में सब कुछ दांव पर लगाया; आटा खरीदने खून बेचा..आखिर में हार गया पिता

Satna case: Everything was at stake in the treatment of the daughter who died after being hit by a train;  Sold blood to buy flour..Finally the father lost

सतना(म.प्र ). सतना शहर में दिल-दहला देने वाली घटना सामने आई है। आर्थिक तंगी और बेटी के इलाज से परेशान पिता ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। बेटी पांच साल पहले सड़क हादसे में दिव्यांग हो गई थी। सारी दौलत बेचकर बेटी का इलाज कराया, मगर बेटी ठीक नहीं हो सकी।

दरअसल, मृतक प्रमोद गुप्ता का परिवार बड़ा है और वे व्यवसाय करते थे। लेकिन एक हादसे ने उन्हें कंगाल बना दिया। मृतक पर राधा गुप्ता, उदय गुप्ता (18), अनुष्का गुप्ता (16), रैना गुप्ता (12) के लालन-पोषण की जिम्मेदारी थी। अनुष्का और भाई उदय सड़क हादसे का शिकार हुए थे। दोनों की जान बच गई, मगर अनुष्का की रीढ़ की हड्डी टूटने से विकलांग हो गई। पिता ने दोनों के इलाज के लिए पूरी जमा पूंजी खर्च कर दी। कर्ज लिए और जमीन जायदाद तक बेच दी। अनुष्का भी हार नहीं मानी और हाईस्कूल में टॉप किया।

सतना का मामला: ट्रेन से कटकर दी जान बेटी के इलाज में सब कुछ दांव पर लगाया; आटा खरीदने खून बेचा..आखिर में हार गया पिता

हादसे में पैरों से दिव्यांग हुई बेटी को ठीक करने के लिए सब कुछ दांव पर लगाने वाले एक पिता ने अंततः हारकर जान दे दी। उन्होंने इलाज में जमा पूंजी लगाई। मकान और दुकान बेचे। हालत इस कदर बिगड़ी कि अपना खून बेचकर आटा खरीदा। इसके बाद भी जब बेटी को अपने पैरों पर चलते नहीं देखा तो हौसला जवाब दे गया और उन्होंने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मामला सतना का है। यहां ट्रांसपोर्ट नगर निवासी प्रमोद गुप्ता (55) ने मंगलवार तड़के करीब 4.30 बजे ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर दी। इससे पहले बड़ी बेटी अनुष्का को फोन कर रोते हुए कहा, अब थक चुका हूं। तुम्हारा इलाज कराने में असमर्थहूं। मेरे पास आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं है। इतना कहकर उन्होंने फोन काट दिया। घबराई बेटी ने परिजन को बताया। इसके बाद उनकी तलाशी की गई , लेकिन सुबह ट्रैक पर प्रमोद का शव मिला।

बेटी का दर्द ..... मेरे इलाज के खर्च के चलते परिवार कर्ज में दबता गया। पापा ने पिकअप वाहन लिया था, पर किस्त नहीं चुका पा रहे थे। बीते माह सिलेंडर खत्म हो गया। आटा नहीं था, तब पापा ने खून बेचकर इंतजाम किया था। पापा आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए छह माह तक अफसरों के चक्कर लगाते रहे, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। • जैसा कि अनुष्का ने बताया -

अब पूरा परिवार सदमे में है। अनुष्का का बुरा हाल है। अनुष्का पिता की मौत के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन को जिम्मेदार मॉन रही अनुष्का की मॉने तो सम्मान के दिन बड़े बड़े वायदे किये गए। गरीबी रेखा का कार्ड स्मार्ट फोन तक देने और इलाज का खर्च तक देने की बात की मगर इसके बाद कोई पूछने तक नही आया। बल्कि कार्यलाय जाने पर गुमराह करते रहे मजबूरी में पिता दुनिया से रुक्सत हो गए।

पिता की मौत से पूरा परिवार सदमे में है घर मे चीखपुकार मची है। घटना की सूचना पर पुलिस मर्म कायम कर जांच पड़ताल कर रही।

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