इंदौर में छात्रा के सुसाइड से टूटे परिवार का दर्द:बोले- जब बेटी अस्पताल में दम तोड़ रही थी, तब भी आरोपी के मैसेज आ रहे थे
उस दिन बेटी नॉर्मल ही थी। किसी तरह की कोई टेंशन या वो परेशान थी ऐसा लगा ही नहीं। सबसे अच्छे से बात कर रही थी। मैं चॉकलेट फैक्ट्री से काम करके घर आ गया था। उस दिन उसी नेखाना बनाया था। वो खाना खा चुकी थी, मुझे भी उसी ने खाना परोसा था। मैंने उसे अंगूर खाने के लिए कहा तो उसने मना कर दिया। बोली- बाद में खा लूंगी। 10 बजे तक तो वो मेरे सामने ही थी। इसके बाद मैं ऊपर वाले कमरे में सोने के लिए चला गया। बेटी नीचे वाले कमरे में अपने बड़े पापा के यहां सोती थी, वो वहीं थी।
आधे घंटे बाद अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी और वो उल्टी करने लगी। कुछ बोल नहीं पा रही थी। हम उसे इंडेक्स अस्पताल लेकर गए। उसके मुंह से झाग आ रहा था। बाद में इलाज के दौरान देर रात उसने दम तोड़ दिया। उसने जहरीला पदार्थ खा लिया था। इस दौरान आरोपी लड़के ने उसके (महक) बड़े पापा के मोबाइल पर मैसेज भी किया, लेकिन सभी भाग-दौड़ में लगे थे और देखने से पहले ही उसने मैसेज डिलीट भी कर दिया।'
ये दर्द 19 साल की छात्रा के सुसाइड से टूटे पिता का है। खुड़ैल इलाके के काजी पलासिया में रहने वाली महक शर्मा (19 साल) की 18 अप्रैल की रात घर में अचानक तबीयत बिगड़ी। घर वाले उसे इंडेक्स अस्पताल ले गए। रास्ते में घरवालों ने पूछने की कोशिश की कि अचानक ऐसा क्या हो गया कि तबीयत इतनी बिगड़ गई। ज्यादा हालत खराब होने की वजह से वह कुछ बता नहीं सकी।
इंडेक्स अस्पताल में डॉक्टरों ने परिजन को बताया कि महक ने जहरीला पदार्थ खा लिया है। इसके बाद परिवार के लोगों ने बेटी से कारण जानने की कोशिश की, लेकिन वह खुलकर कुछ बता नहीं सकी। इंडेक्स अस्पताल से उसे इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल रेफर कर दिया, जहां देर रात इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
इधर, घरवालों ने कमरे में और घर के आसपास ढूंढने की कोशिश की, जिससे पता चल सके कि आखिर महक ने ऐसा क्या खाया था। उसका बैग चेक तो छोटे पर्स में सल्फास की गोली का एक पैकेट मिला, जिसमें एक गोली कम थी। पैकेट भी नया था। घर के लोग ये देखकर हैरान रह गए।
परिजन का कहना है कि घर में गेहूं में रखने के लिए भी हम सल्फास की गोली नहीं लाते हैं, तो फिर ये गोली महक के पास कहां से आई। उसे किसने दी। वह घर से अकेले बाहर भी नहीं जाती थी। ऐसे में दुकान जाकर सल्फास की गोली का पैकेट खरीदने का तो सवाल ही नहीं उठता।
ऐसे पता चला आरोपी लड़के के बारे में
महक जब अस्पताल में भर्ती थी, इसी दौरान उसके बड़े पापा के वॉट्सएप पर अननोन नंबर से मैसेज आया। इसके बाद मैसेज को डिलीट भी कर दिया। एक मैसेज 10 बजकर 48 मिनट पर तो दूसरा करीब 11.30 बजे आया। महक की तबीयत साढ़े दस बजे के करीब बिगड़ी थी। घरवालों ने नंबर के बारे में जानकारी निकाली तो वो क्षेत्र में रहने वाले लड़के असद पटेल का निकला। इसके कुछ देर बाद ही महक की मौत हो गई।
अगले दिन 19 अप्रैल को परिजन ने चक्काजाम कर दिया। उनकी शिकायत पर खुड़ैल थाने में आरोपी लड़के असद पिता शब्बीर हुसैन, उसके पिता शब्बीर, मां शहनाज और दादा हैदर अली के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया। असद, शब्बीर और हैदर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, तीनों फिलहाल जेल में हैं। शहनाज अभी भी फरार है।
पढ़िए FIR में महक के पिता कमल शर्मा ने पुलिस को क्या बताया...
बेटी बीए प्रथम वर्ष में अटल बिहारी कॉलेज इंदौर में पढ़ाई करती थी, जो घर से ही आना-जाना करती थी। करीब 5-7 महीने पहले मुझे और परिवार के अन्य लोगों को महक के मोबाइल फोन से ये जानकारी लगी थी कि महक से आरोपी लड़का असद पटेल फोन से बातचीत करता है। इस पर असद के घर जाकर उसके पिता शब्बीर, मां शहनाज बी और दादा हैदर को समझाया था। तब असद घर पर नहीं मिला था। उन्हें बताया था कि असद, महक को फोन कर परेशान करता है। उसे समझा लो, तब असद के घर वालों ने भी विश्वास दिलाया था कि वो उसे समझा देंगे।
इसके बाद कुछ समय तक असद ने बेटी को फोन नहीं किया। 2-3 महीने पहले फिर असद, महक को जबरदस्ती बात करने का दबाव बनाने लगा। धमकी देने लगा कि बात नहीं करेगी तो मैं मर जाऊंगा या तुझे मार दूंगा। महक का पीछा कर वो कॉलेज के चक्कर भी लगाने लगा। असद बेटी से कहता था- धर्म परिवर्तन कर ले, शादी करके तुझे मेरे घर में रखूंगा। महक उससे काफी परेशान हो गई थी। हमें ये बात पता चली तो हम फिर असद के घर गए। इस बार असद के माता-पिता और दादा बोलने लगे कि वह हमारी भी नहीं सुनता है, हम क्या करें।
18 अप्रैल की रात असद ने मेरे बड़े भाई महेश शर्मा के फोन पर महक से बात की। फोन पर पता नहीं उसने ऐसा क्या कहा कि बेटी ने सल्फास खा लिया। अस्पताल ले जाते समय बेटी से पूछा कि बेटा तूने ये क्या कर लिया तो उसने कहा- मैं असद से परेशान हो गई हूं। वह मुझ पर बार-बार धर्म परिवर्तन करने और शादी का दबाव बना रहा है। अब ये सब नहीं झेला जाता।
लड़की के बड़े पिता के नंबर पर करता था फोन
परिजन को जब पहली बार महक और असद की बातचीत होने के बारे में पता चला था तो उन्होंने महक से उसका मोबाइल ले लिया था। महक के बड़े पापा ट्रांसपोर्ट का काम करते हैं और इस वजह से उनका नंबर क्षेत्र में कई लोगों के पास है। महक भी बड़े पापा के साथ ही नीचे वाले कैमरे में रहती थी। ऐसे में परिजन को शक है कि किसी तरह बड़े पापा के फोन से बात करने के लिए आरोपी ने महक पर दबाव बनाया होगा, क्योंकि बड़े पापा के फोन पर सीरियल या अन्य चीजें महक देखती रहती थी।
घर में महक के दादाजी का की-पेड फोन भी रहता था, लेकिन परिजन ने कभी उसे किसी से गुपचुप तरीके से बात करते हुए नहीं देखा। घर में मौजूद महिलाओं को भी कभी नहीं लगा कि महक ने किसी से संदिग्ध तौर पर बात की हो या वो परेशान नजर आई हो। असद के घरवालों को समझाइश देने के बाद से महक घर पर खुश रहती थी। परिजन को शंका है कि महक डरी हुई थी, इसलिए उसने किसी को कुछ नहीं बताया।
फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करना चाहती थी महक
महक के बड़े पापा का बेटा मनीष शर्मा सदमे में है। बहन को याद करते हुए मनीष ने बताया कि कॉलेज में उसका एडमिशन मैंने ही करवाया था। मैं भी वहीं से पढ़ा हूं। बहन को फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करना था। थोड़े टाइम पहले ही वो वैष्णो देवी घूमकर आई थी, काफी खुश थी। परिवार सहित हम सभी हाल ही में सलकनपुर भी गए थे। हमेशा खुश रहती थी, लेकिन थोड़ी शर्मिली भी थी। पानीपुरी खानी हो तो भी घर सामने भी अकेली नहीं जाती थी। वो सल्फास कहां से खरीदकर लाई ये भी अभी तक पता नहीं चला है। असद ने उसे इतना परेशान कर दिया कि बहन ने इतना बड़ा कदम उठा लिया।
कॉल डिटेल निकलवा रही पुलिस
खुड़ैल थाना पुलिस भी मामले की जांच में जुटी है। सल्फास की गोली के पैकेट के अलावा पुलिस ने महक के बड़े पापा का मोबाइल, आरोपी असद का मोबाइल जब्त किया है। दोनों की कॉल डिटेल निकाली जा रही है। अभी पुलिस कुछ भी खुलकर बता पाने की स्थिति में नहीं है।
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