बिना पहचान के 2000 के नोट बदलने के ख़िलाफ़ याचिका की तत्काल सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

बिना पहचान के 2000 के नोट बदलने के ख़िलाफ़ याचिका की तत्काल सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने बिना पहचान के 2 हज़ार रुपये का नोट बदलने के ख़िलाफ़ याचिका की तुरंत सुनावाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वो गर्मी की छुट्टी दो जुलाई के बाद चीफ़ जस्टिस से सुनवाई का अनुरोध करे.
इस मामले में याचिकाकर्ता वकील अश्विनी उपाध्याय हैं.
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय अवकाश पीठ ने कहा, " पहले ही एक समन्वय पीठ ने गर्मी की छुट्टियों के बाद सीजेआई के समक्ष इसका उल्लेख करने का निर्देश दिया था. हम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं कर सकते."
इसके पहले 1 जून को सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले को लेकर एक याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया था.
वकील अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर जस्टिस सुधांशु धुलिया और के वी विश्वनाथन की अवकाशकालीन पीठ ने कहा था कि यह ऐसा मामला नहीं है, जिसे तुरंत सुनना ज़रूरी हो. उस समय भी बेंच ने गर्मी की छुट्टी के बाद सुनवाई का अनुरोध करने को कहा था.
अश्विनी उपाध्याय ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश के ख़िलाफ़ उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की है जिसमें 2,000 रुपए के नोटों को बदलने के आरबीआई के फ़ैसले की पुष्टि की गई थी.
उपाध्याय ने बिना पहचान पत्र के दो हजार रुपये की नोटों के बदले जाने के ख़िलाफ़ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी
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