MP Election 2023: मंगलवार, बजरंग बली का दिन. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल का कांग्रेस कार्यालय भगवा में रंग चुका है. फिर यहां पर जो हुआ, वह बीजेपी खेमे में खलबली मचाने के लिए काफी था. दरअसल, मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले कमलनाथ की कांग्रेस ने एक और मास्टर स्ट्रोक खेला है, जब करीब 10 साल पुराने संगठन बजरंग सेना का कांग्रेस में विलय करा लिया. बीजेपी के कद्दावर नेता रहे कैलाश जोशी के बेटे और पूर्व मंत्री दीपक जोशी के कांग्रेस में शामिल होने के बाद बजरंग सेना का कांग्रेस में विलय बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है.
पीसीसी चीफ कमलनाथ को भोपाल में बजरंग सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष रनबीर पटेरिया ने गदा भेंट की औार इसके साथ ही कांग्रेस कार्यालय जय श्री राम के नारे गूंज उठे. MP विधानसभा चुनाव के लिए जय श्री राम के नारों और समर्थन की घोषणा के साथ बजरंग सेना ने कांग्रेस में विलय करने की घोषणा कर दी.
बजरंग सेना का कांग्रेस में विलय पूरे प्लांड तरीके से कराया गया है, क्याेंकि कांग्रेस को डैमेज कंट्रोल करना था. वह भी कर्नाटक चुनाव पूर्व की गई घोषणा का, जिसमें कांग्रेस द्वारा बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की की बात कही गई थी और इसे लेकर कर्नाटक समेत पूरे देश में विवाद खड़ा हो गया था. बीजेपी ने इस मौके को भुनाते हुए इसे भगवान हनुमान या बजरंग बली का अपमान बताया है. कर्नाटक का असर मध्यप्रदेश में भी दिखाई दिया था, जहां पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जबलपुर कार्यालय में तोड़फोड़ कर दी थी.
बजरंग सेना (BS) के नेता पूर्व मंत्री दीपक जोशी के करीबी हैं, जिन्होंने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था. छतरपुर में स्थापित एक दशक पुराना संगठन बताया जा रहा है, बजरंग सेना भी हिंदू देवता बजरंग बली से अपना नाम जोड़ती है. पूर्ववर्ती बजरंग सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणवीर पटेरिया, कई अन्य लोगों के साथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.
'बीजेपी जनादेश को धोखा देकर सत्ता में आई'
रणबीर पटेरिया ने कहा- "वह और उनके साथी शिवसेना के सदस्य कांग्रेस की विचारधारा को अपना रहे हैं और मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार को हराने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हिंदुत्ववादी संगठन बजरंग सेना ने विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में मंगलवार को कांग्रेस में विलय का आरोप लगाते हुए आरोप लगाया कि भाजपा लोगों के जनादेश को धोखा देकर राज्य में सत्ता में आई है और पथ से भटक गई है."
विलय की घोषणा बीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रजनीश पटेरिया और समन्वयक रघुनंदन शर्मा ने की. कमलनाथ ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खोखली घोषणाएं कर रहे हैं क्योंकि चुनाव नजदीक आ रहे हैं. उन्होंने कहा- “चौहान ने अब तक 20,000 से अधिक घोषणाएं की हैं जो कभी भी लागू नहीं होती हैं. जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, चौहान को अब महिलाओं, युवाओं और कर्मचारियों की याद आ रही है। उन्होंने पिछले 18 साल में सत्ता में रहते हुए उनके लिए कुछ नहीं किया."
सिंधिया के समर्थन वापस लेने पर गिर गई थी सरकार
कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनावों में मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से 114 सीट पर जीत हासिल की थी. भाजपा 109 सीट जीतकर दूसरे नंबर पर रही थी. कांग्रेस ने उस समय सरकार बनाई थी, लेकिन मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने से उसकी सरकार गिर गई और भाजपा की सरकार बनी.
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