ओडिशा ट्रेन हादसे के बाद से विपक्ष और एक्सपर्ट सरकार को घेर रहे हैं. विपक्षी दलों के नेता और सोशल मीडिया पर कई लोग ट्रेन हादसे के बाद ये सवाल उठा रहे हैं कि आख़िर इतना बड़ा हादसा कैसे हुआ? रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ''हादसे के बाद हाई लेवल कमेटी बनाई गई है और जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा.'' इस हादसे के बाद सोशल मीडिया पर 'कवच' की भी चर्चा हो रही है. कवच यानी वो सिस्टम जिसके बारे में कहा जाता है कि इसके ज़रिए रेल हादसों को रोका जा सकता है. दावा किया गया था कि अगर दो ट्रेनें एक ट्रैक पर आ रही हों तो ये सिस्टम दोनों ट्रेनों को रोक देगा. कवच सिस्टम मार्च 2022 में लॉन्च किया गया था.
सरकार की योजना के मुताबिक़, कवच के तहत 2000 किलोमीटर के रेल नेटवर्क को कवर किया जाना था. सरकार इस दिशा में काम कर रही थी और रेल रूट्स को इसके ज़रिए कवर किया जा रहा था.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है.
इस पुराने वीडियो में अश्विनी वैष्णव कहते दिखते हैं, ''हम अपना एक सिस्टम कवच बना रहे हैं. कवच यूरोप के सिस्टम से भी ज़्यादा बेहतर है. हमने एक टेस्ट भी किया. इस टेस्ट में एक ट्रेन में मैं भी सवार था. एक ही ट्रैक पर दो तरफ़ से हाई स्पीड में ट्रेनें आ रही थीं. ठीक 400 मीटर की दूरी पर कवच सिस्टम ट्रेनों को ख़ुद से रोक देता है. मैं इंजीनियर था तो मैंने इन ट्रेनों में बैठने का रिस्क ख़ुद लिया और इसका परीक्षण किया. मैं बहुत आत्मविश्वास से भरा था.''
ऐसे में जब ये सवाल उठ रहा है कि आख़िर बालासोर में हुए हादसे को कवच के कारण क्यों नहीं रोका गया?
इसका जवाब रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने दिया. शर्मा ने कहा, ''कवच सिस्टम रूट के आधार पर होता है. दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली बॉम्बे रूट पर ही फिलहाल कवच सिस्टम को लगाया जा रहा है. प्रक्रिया में है. जिस रूट पर हादसा हुआ, वहां कवच सिस्टम शुरू नहीं हुआ था.''
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