Madras HC Order: 'केवल महात्मा गांधी और तिरुवल्लुवर के फोटो लगा सकते हैं, आंबेडकर का नहीं

The Madras High Court has made a big comment regarding the picture of BR Ambedkar.  The court said that the courts of Tamil Nadu and Puducherry can only put photographs of Mahatma Gandhi and Tamil poet-saint Thiruvalluvar.  The registrar-general of the high court issued a circular to all district courts, including the principal district judge at Kancheepuram, directing them to ask the bar association in Alandur to remove BR Ambedkar's photo from the entrance hall of the court complex.

मद्रास हाईकोर्ट ने अदालत से आंबेडकर की तस्‍वीर हटाने के क्‍यों दिए निर्देश? जानें क्‍या कहता है नियम

Madras HC Order: मद्रास HC ने तमिलनाडु और पुडुचेरी की अदालतों को आदेश दिया है कि अदालतों में केवल महात्मा गांधी और तिरुवल्लुवर की तस्वीरें ही लगाई जाएं। एक सर्कुलर के माध्यम से, बार और एसोसिएशन के अधिकारियों को अलंदुर कोर्ट वकील एसोसिएशन के संयुक्त न्यायालय परिसर से अम्बेडकर की तस्वीरों को हटाने का निर्देश भी दिया गया है।

Madras HC Order: मद्रास HC ने एक बड़ा आदेश दिया है। जिसमें अदालतों को एक सर्कुलर जारी करते हुए निर्देश दिया गया है कि तमिलनाडु और पुडुचेरी की अदालतें केवल महात्मा गांधी और तमिल कवि-संत तिरुवल्लुवर की तस्वीरें ही अदालतों में लगा सकते हैं। HC ने कांचीपुरम के प्रधान जिला न्यायाधीश को अलंदुर में बार आसोसिएशन के नवनिर्मित संयुक्त न्यायालय परिसर के मेन गेट से BR आंबेडकर की तस्वीर को हटाने का आदेश दिया है। मद्रास हाई कोर्ट द्वारा यह सर्कुलर सभी जिला कोर्ट को रजिस्ट्रार जनरल की तरफ से 7 जुलाई में भेजा गया। HC ने इस सर्कुलर में उन घटनाओं का जिक्र किया गया है जिनमें कई मौकों पर राष्ट्रीय नेताओं की मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है और जिससे सामाजिक टकराव पैदा हुआ है। इसके अलावा विभिन्न मामलों में कानून-व्यवस्था बिगड़ने संबंधी समस्याएं पैदा हुई हैं।

अनुरोधों को खारिज किया

बता दें कि यह मुद्दा विभिन्न वकील संघों से प्राप्त आवेदन से संबंधित है, जिसमें अंबेडकर और संबंधित संघ के वरिष्ठ अधिवक्ताओं के चित्रों का अनावरण करने की अनुमति मांगी गई थी। जिसके बाद 11 अप्रैल को HC की पूर्ण पीठ ने इस मुद्दे से जुड़े सभी अनुरोधों को खारिज कर दिया।

प्रमुख नेताओं की मूर्तियों को पहुंचाया जाता है नुकसान

आदेश जारी करते हुए हाई कोर्ट ने सर्कुलर में उन घटनाओं का भी जिक्र किया, जिनमें राष्ट्रीय नेताओं की मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है और इससे टकराव पैदा हुआ। साथ ही, सर्कुलर में विभिन्न स्थानों पर कानून-व्यवस्था संबंधी समस्याएं भी पैदा हुई हैं। हाई कोर्ट की पूर्ण पीठ ने संकल्प लिया कि अदालत परिसर में किसी और प्रतिमा के निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी।

सर्वसम्मति से लिया गया फैसला

मद्रास HC द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया कि "हाल ही में, 11 अप्रैल को पूर्ण अदालत ने इसी तरह के अनुरोध पर विचार किया और पहले के सभी प्रस्तावों को दोहराया और सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि गांधी और तिरुवल्लुवर की मूर्तियों और चित्रों को छोड़कर, अदालत परिसर के अंदर कहीं भी कोई अन्य चित्र और चित्र प्रदर्शित नहीं किए जाएंगे।" रजिस्ट्रार-जनरल ने निर्देश दिया कि किसी भी विचलन के मामले में, बार काउंसिल ऑफ तमिलनाडु और पुडुचेरी को उचित शिकायत देकर कार्रवाई की जाएगी।

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