महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में भूस्खलन से 16 लोगों की मौत, 17 घर तबाह, अमित शाह ने शिंदे से की बात
Raigad landslide News Update:महाराष्ट्र के रायगढ़ में इरशालवाड़ी गांव में हुए भूस्खलन में अब तक 16 लोगों की मौत हो गई है। वहीं कई घायल बताए जा रहे हैं। घटनास्थल पर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीम मौजूद है, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। रायगढ़ में आज भी रेड अलर्ट जारी है।
महाराष्ट्र के रायगढ़ में हुए भूस्खलन में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और मलबे के नीचे दबे शव निकाले जा रहे हैं। लगातार बारिश होने और मिट्टी गिरने के चलते रेस्क्यू में मुश्किलें आ रही हैं।
हाइलाइट्स
रायगढ़ में आए भूस्खलन में अब तक 16 लोगों की मौत, रेस्क्यू जारी
लगातार बारिश से रेस्क्यू में आ रही मुश्किलें, NDRF की टीमें जुटीं
गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम एकनाथ शिंदे से बात कर जायजा लिया
रायगढ़:महाराष्ट्र में रायगढ़ जिले के दूर दराज एक के अदिवासी बहुल गांव में आए भूस्खलन में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई। इस घटना में 17 घर पूरी तरह तबाह हो गए। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में 21 लोगों को बचाया गया है। बुधवार रात करीब 11 बजे मुंबई से लगभग 80 किमी दूर खालापुर तहसील के इरशालवाड़ी गांव में तेज बारिश के चलते भूस्खलन आया था। स्थिति का जायजा लेने सीएम एकनाथ शिंदे गुरुवार सुबह घटनास्थल पर पहुंचे थे। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीएम से बात करके राहत कार्य की जानकारी ली।
एनडीआरएफ एवं पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटनास्थल से 16 शव निकाले गए हैं, जबकि 21 लोगों को बचाया गया है। रायगढ़ पुलिस ने बताया कि 13 शवों का आपदा स्थल पर ही अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
शाह ने की शिंदे से बात
वहीं अमित शाह ने भी सीएम से बात कर रेस्क्यू की जानकारी ली। उन्होंने ट्वीट किया, ‘महाराष्ट्र के रायगढ़ में तेज बारिश से हुए भूस्खलन के संबंध में मैंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बात की। एनडीआरएफ की चार टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है और स्थानीय प्रशासन के साथ बचाव कार्यों में जुटी है। लोगों को वहां से निकालना व घायलों को तुरंत उपचार देना हमारी प्राथमिकता है।’
लगातार बारिश से मुश्किल हुआ रेस्क्यू
लगातार बारिश होने के चलते रेस्क्यू में मुश्किल आ रही थी। घटनास्थल पर एनडीआरएफ की चार टीमें रेस्क्यू में तैनात रहीं। अधिकारियों ने बताया कि गांव में करीब 50 मकान हैं, जिनमें से 17 मकान बारिश के बाद आए भूस्खलन के कारण दब गए हैं।
2014 के बाद सबसे बड़ा भूस्खलन
इरशालवाड़ी गांव मोरबे बांध से छह किलोमीटर दूर है। यह बांध नवी मुंबई को पानी की आपूर्ति करता है। यह माथेरान और पनवेल के बीच स्थित इरशालगढ़ किले के पास स्थित है और यह किला प्रबलगढ़ का एक सहयोगी किला है।
इरशालवाड़ी एक आदिवासी गांव है जहां पक्की सड़क नहीं है। मुंबई-पुणे राजमार्ग पर चौक गांव निकटतम शहर है। 30 जुलाई 2014 को पुणे जिले की अंबेगांव तहसील के मालिन गांव में हुए भूस्खलन के बाद यह महाराष्ट्र में सबसे बड़ा भूस्खलन है। भूस्खलन की उस घटना में लगभग 50 परिवारों वाले पूरे आदिवासी गांव में तबाही मच गई थी और मरने वालों की अंतिम संख्या 153 बताई गई थी।
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