Gadar-2 Record Breaking Movie On Box Office: सिर्फ ₹60 करोड़ में बनी गदर-2:लागत से सात गुना ज्यादा पैसे निकाले; फाइनेंसर्स को शक था, इसलिए मेकर्स को कम बजट मिला

सिर्फ ₹60 करोड़ में बनी गदर-2:लागत से सात गुना ज्यादा पैसे निकाले; फाइनेंसर्स को शक था, इसलिए मेकर्स को कम बजट मिला  एक दिन पहले    गदर-2 इन दिनों कमाई के कमाई के रिकॉर्ड्स बना रही है। फिल्म ने दो हफ्ते के भीतर 400 करोड़ रुपए से ज्यादा का कलेक्शन कर लिया है। सभी को उत्सुकता इस बात की है कि इतने कम समय में इतनी बड़ी कमाई करने वाली गदर-2 का असली बजट कितना है।  अब फिल्म के डायरेक्टर अनिल शर्मा ने फिल्म के बजट के बारे में जानकारी दी है। अनिल के मुताबिक, गदर-2 को बनाने में 60 करोड़ रुपए का खर्चा आया था। इस हिसाब से फिल्म ने अपनी लागत से सात गुना ज्यादा पैसा कमा लिया है। अनिल शर्मा ने कहा कि किसी को उम्मीद नहीं थी कि गदर-2 इतना कमा लेगी। फाइनेंसर्स की तरफ से इसी वजह से ज्यादा पैसे नहीं मिले थे। सभी भूल गए कि गदर फिल्म नहीं ब्रांड है- अनिल शर्मा अनिल शर्मा ने न्यूज 18 से कहा- लोगों को लगा कि अनिल शर्मा अब फिल्में नहीं बनाता है। सबको लगा कि सनी देओल की फिल्में अब नहीं चलती हैं। उत्कर्ष नया है, सिमरत और मनीष वाधवा उस वक्त तक प्रोजेक्ट के साथ जुड़े नहीं थे। लोगों को लगा कि मैं अपने बेटे के लिए फिल्म बना रहा हूं। हालांकि एक बात सभी भूल गए कि गदर एक फिल्म नहीं बल्कि ब्रांड है।    '600 करोड़ के दौर में हमने 60 करोड़ में फिल्म बना दी' अनिल शर्मा ने कहा- शायद शुरुआती वक्त में फिल्म को हल्के में लिया गया था। इसी वजह से हमें बजट भी ज्यादा नहीं मिला। आज के दौर में जहां फिल्म 600 करोड़ में बनती हैं, हमने इस फिल्म को 60 करोड़ में बना दिया। अनिल ने यहां बिना नाम लिए आदिपुरुष का जिक्र कर दिया, जिसका बजट 600 करोड़ था लेकिन फिल्म कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकी थी।    सनी देओल के बगल में दाएं साइड में अनिल शर्मा बैठे हैं।  गदर के वक्त 17.5 करोड़ टिकट बिके थे अनिल ने गदर के पहले पार्ट का जिक्र करते हुए कहा- गदर के 17.5 करोड़ टिकट बिके थे। हमने सोचा कि उसमें से 5 करोड़ लोग आज भी इसके दूसरे पार्ट को जरूर देखना चाहेंगे। इसी वजह से हमने कोई भी समझौता नहीं किया। हम चाहते थे कि ऐसी स्टोरी डेवलप की जाए जो ऑडियंस से सीधे तौर पर कनेक्ट हो सके। इसी वजह से हमने इतने साल इंतजार किया।    तारा सिंह और सकीना की जोड़ी 22 साल बाद पर्दे पर दोबारा नजर आई।  बजट कम था, इसलिए VFX का यूज नहीं हुआ, सेट भी नहीं बनाए गए अनिल शर्मा ने कहा कि लिमिटेड बजट होने की वजह से फिल्म में कोई भी VFX नहीं यूज किया गया। उन्होंने आगे कहा- यह एक पीरियड फिल्म थी, इसके बावजूद हमने कोई खास सेट या VFX का इस्तेमाल नहीं किया। हमने सभी स्टंट रियल रखे। शूटिंग भी रियल लोकेशन पर की गई। आज कल लोग VFX पर काफी ज्यादा पैसे खर्च करते हैं। एक्टर्स और डायरेक्टर्स के लिए यह बहुत सुविधाजनक हो जाता है। हालांकि हम लोगों ने कम बजट में सब कुछ प्रेक्टिकली किया।    सनी देओल का कॉन्ट्रैक्ट सिर्फ फीस तक था  सनी देओल को मिले 10-15 करोड़ सनी देओल को गदर-2 में काम करने के लिए 10-15 करोड़ रुपए मिले थे। गदर-2 की मेकिंग से जुड़े कुछ लोगों के मुताबिक, सनी देओल पहले ही फीस लेकर किनारे हो गए थे। फिल्म की मेकिंग से पहले उन्हें उनकी मार्केट फीस दे दी गई थी। अब सनी ने गदर-2 की ब्लॉकबस्टर सफलता के बाद अपनी फीस 80 फीसदी बढ़ा दी है।

सिर्फ ₹60 करोड़ में बनी गदर-2:लागत से सात गुना ज्यादा पैसे निकाले; फाइनेंसर्स को शक था, इसलिए मेकर्स को कम बजट मिला

गदर-2 इन दिनों कमाई के कमाई के रिकॉर्ड्स बना रही है। फिल्म ने दो हफ्ते के भीतर 400 करोड़ रुपए से ज्यादा का कलेक्शन कर लिया है। सभी को उत्सुकता इस बात की है कि इतने कम समय में इतनी बड़ी कमाई करने वाली गदर-2 का असली बजट कितना है।

अब फिल्म के डायरेक्टर अनिल शर्मा ने फिल्म के बजट के बारे में जानकारी दी है। अनिल के मुताबिक, गदर-2 को बनाने में 60 करोड़ रुपए का खर्चा आया था। इस हिसाब से फिल्म ने अपनी लागत से सात गुना ज्यादा पैसा कमा लिया है।

अनिल शर्मा ने कहा कि किसी को उम्मीद नहीं थी कि गदर-2 इतना कमा लेगी। फाइनेंसर्स की तरफ से इसी वजह से ज्यादा पैसे नहीं मिले थे।

सभी भूल गए कि गदर फिल्म नहीं ब्रांड है- अनिल शर्मा

अनिल शर्मा ने न्यूज 18 से कहा- लोगों को लगा कि अनिल शर्मा अब फिल्में नहीं बनाता है। सबको लगा कि सनी देओल की फिल्में अब नहीं चलती हैं। उत्कर्ष नया है, सिमरत और मनीष वाधवा उस वक्त तक प्रोजेक्ट के साथ जुड़े नहीं थे।

लोगों को लगा कि मैं अपने बेटे के लिए फिल्म बना रहा हूं। हालांकि एक बात सभी भूल गए कि गदर एक फिल्म नहीं बल्कि ब्रांड है।

'600 करोड़ के दौर में हमने 60 करोड़ में फिल्म बना दी'

अनिल शर्मा ने कहा- शायद शुरुआती वक्त में फिल्म को हल्के में लिया गया था। इसी वजह से हमें बजट भी ज्यादा नहीं मिला। आज के दौर में जहां फिल्म 600 करोड़ में बनती हैं, हमने इस फिल्म को 60 करोड़ में बना दिया।

अनिल ने यहां बिना नाम लिए आदिपुरुष का जिक्र कर दिया, जिसका बजट 600 करोड़ था लेकिन फिल्म कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकी थी।

गदर के वक्त 17.5 करोड़ टिकट बिके थे

अनिल ने गदर के पहले पार्ट का जिक्र करते हुए कहा- गदर के 17.5 करोड़ टिकट बिके थे। हमने सोचा कि उसमें से 5 करोड़ लोग आज भी इसके दूसरे पार्ट को जरूर देखना चाहेंगे।

इसी वजह से हमने कोई भी समझौता नहीं किया। हम चाहते थे कि ऐसी स्टोरी डेवलप की जाए जो ऑडियंस से सीधे तौर पर कनेक्ट हो सके। इसी वजह से हमने इतने साल इंतजार किया।

तारा सिंह और सकीना की जोड़ी 22 साल बाद पर्दे पर दोबारा नजर आई।

बजट कम था, इसलिए VFX का यूज नहीं हुआ, सेट भी नहीं बनाए गए

अनिल शर्मा ने कहा कि लिमिटेड बजट होने की वजह से फिल्म में कोई भी VFX नहीं यूज किया गया। उन्होंने आगे कहा- यह एक पीरियड फिल्म थी, इसके बावजूद हमने कोई खास सेट या VFX का इस्तेमाल नहीं किया।

हमने सभी स्टंट रियल रखे। शूटिंग भी रियल लोकेशन पर की गई। आज कल लोग VFX पर काफी ज्यादा पैसे खर्च करते हैं। एक्टर्स और डायरेक्टर्स के लिए यह बहुत सुविधाजनक हो जाता है। हालांकि हम लोगों ने कम बजट में सब कुछ प्रेक्टिकली किया।

सनी देओल का कॉन्ट्रैक्ट सिर्फ फीस तक था

सनी देओल को मिले 10-15 करोड़

सनी देओल को गदर-2 में काम करने के लिए 10-15 करोड़ रुपए मिले थे। गदर-2 की मेकिंग से जुड़े कुछ लोगों के मुताबिक, सनी देओल पहले ही फीस लेकर किनारे हो गए थे। फिल्म की मेकिंग से पहले उन्हें उनकी मार्केट फीस दे दी गई थी। अब सनी ने गदर-2 की ब्लॉकबस्टर सफलता के बाद अपनी फीस 80 फीसदी बढ़ा दी है।

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