'मेरा परिवार डरा हुआ है और हम शहर छोड़ रहे हैं"- गुरुग्राम में हिंसा से मुस्लिम प्रवासी भयभीत, 400 हिंदू परिवार शहर छोड़ने को मजबूर
गुरुग्राम: हरियाणा के कुछ जिलों में हुई हिंसा के बाद यहां ऑटोरिक्शा चालक रहमत अली पश्चिम बंगाल स्थित अपने घर वापस जाने की सोच रहे हैं। यहां सेक्टर 70ए की झुग्गियों में रहने वाले रहमत अली ने कहा कि मंगलवार रात कुछ लोग मोटरसाइकिल से आए और हमें धमकी दी कि अगर हम यहां से नहीं गए तो वे हमारी झुग्गी में आग लगा देंगे। पुलिस रात से ही यहां मौजूद है लेकिन मेरा परिवार डरा हुआ है और हम शहर छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हालात सुधरने पर हम वापस आ सकते हैं।”
गुरुग्राम में सांप्रदायिक हिंसा के बाद, कुछ मुस्लिम प्रवासी कम से कम कुछ समय के लिए शहर छोड़ने की सोच रहे हैं। विश्व हिंदू परिषद की शोभायात्रा को रोकने की कोशिश किये जाने को लेकर नूंह में भड़की हिंसा गुरुग्राम तक फैल गई। हिंसा में दो होम गार्ड और एक इमाम सहित छह लोगों की मौत हो गई है। नूंह में कुछ हिंदू प्रवासियों ने भी शहर छोड़ने का फैसला किया है। जिले में कर्फ्यू लगे होने के कारण प्रवासी परिवार बच्चों को लेकर पैदल ही वहां से निकलने की तैयारी कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के रहने वाले जगदीश ने कहा कि वह पिछले कई महीनों से नूंह में रह रहे हैं लेकिन अब यहां डर लग रहा है और वह अपने गृहनगर चले जाएंगे। जगदीश की तरह, उत्तर प्रदेश के राम अवतार भी अपने परिवार के साथ यहां रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई हिंदू परिवारों ने मंगलवार रात से अपने गृहनगर के लिए प्रस्थान करना शुरू कर दिया है। दिहाड़ी मजदूरी करने वाले जगदीश ने दावा किया, “करीब 400 हिंदू परिवार शहर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं।”
गुरुग्राम में अली की तरह, ऐसे कई अन्य लोग भी हैं जिन्होंने मिलेनियम सिटी छोड़ने का फैसला किया है। पश्चिम बंगाल की मूल निवासी बमिशा खातून ने कहा कि वह तीन साल पहले काम की तलाश में गुरुग्राम आई थीं। घरेलू सहायिका का काम करने वाली खातून ने कहा, "मुझे अपनी जान और माल का डर है और मैंने अपने गृहनगर जाने का फैसला किया है।" एक अन्य प्रवासी अहिला बीबी ने कहा कि वह खतरा नहीं उठाना चाहती हैं और स्थिति सुधरने पर बाद में वापस आएगी। रंग रोगन का काम करने वाले खालिद ने कहा, “हमने अपने मालिक मालिक से बात की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सांप्रदायिक हिंसा के बाद किसी भी अप्रिय घटना के लिए वह जिम्मेदार नहीं होंगे। इसलिए, हमने अपने पैतृक गांव लौटने का फैसला किया।” पुलिस के अनुसार, वजीराबाद, घाटा गांव, सेक्टर 70ए और बादशाहपुर में झुग्गियों में रहने वाले कई लोग अपने गृहनगरों को लौट रहे हैं जिनमें से ज्यादातर मुस्लिम समुदाय से हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्वीकार किया कि चालक, माली, रेहड़ी-पटरी वाले, घरेलू सहायक का काम करने वाले कुछ प्रवासी श्रमिक डर के कारण अपने गृहनगर वापस जा रहे हैं।
हालांकि, उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में स्थिति सामान्य है। अधिकारी ने कहा, “किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए पूरे जिले में पुलिस और आरएएफ तैनात है। हमने लोगों से अफवाहों से बचने और न डरने की अपील की।” उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा, “ हमें पता चला है कि कुछ श्रमिक अपने गृहनगरों को लौट रहे हैं लेकिन गुरुग्राम में स्थिति सामान्य है।” उन्होंने कहा कि प्रशासन आरडब्ल्यूए के साथ मिलकर झुग्गी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में विश्वास बहाली की कोशिश में हैं। उन्होंने कहा, “उन्हें डरना नहीं चाहिए और हम उन्हें उनकी सुरक्षा का आश्वासन देते हैं।” मंगलवार देर रात सेक्टर 70ए में एक गोदाम और एक दुकान में आग लगने के बाद प्रवासी श्रमिकों ने शहर छोड़ने का फैसला किया।
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