MP News: मंदसौर में देवराज इंद्र की कृपा से गधों ने छककर खाए गुलाब जामुन; टोटके का असर देख सभी के चेहरे खिले
मंदसौर में बीस दिन की बेरुखी के बाद बरसे मेघ। किसान और लोग दो दिन से बारिश के लिए तमाम तरह के टोटके कर रहे थे(Clouds rained in Mandsaur after twenty days of indifference. Farmers and people were doing all kinds of tricks for rain since two days)। बारिश के बाद खुश होकर लोगों ने गधों को गुलाब जामुन खिलाए।
लगभग बीस दिन से बारिश की बेरुखी से लोगों और किसानों को चिंता होने लगी थी। रूठे इंद्र देव को मनाने के लिए उज्जैनी भी मनाई गई तो सर्व समाज द्वारा प्रार्थना रैली का भी आयोजन किया गया(People and farmers were worried about the indifference of rain for about twenty days. Ujjaini was also celebrated to celebrate Ruthe Indra Dev, and a prayer rally was also organized by Sarva Samaj).। दो दिन पूर्व चंद्रपुरा क्षेत्र के ग्रामीणों ने श्मशान में काल भैरव की पूजा कर गधों से हल खिंचवाकर खेत जोते। इतना ही नहीं ग्राम प्रधान को गधे पर बिठाया गया। माना जा रहा था कि इस टोटके से बारिश होती ही है(A day ago, the villagers of Chandrapura area worshiped Kaal Bhairav in the crematorium and plowed the fields by pulling the plow with donkeys. Not only this, the village head was made to sit on a donkey. It was believed that this trick would bring rain).। हुआ भी ऐसा ही है। आज सुबह से रुक रुक कर रिमझिम बारिश का दौरा जारी है, जिससे आम लोगों सहित किसानों के चहरे पर भी खुशी देखी गई(Intermittent rains have continued since this morning, due to which happiness was seen on the faces of common people as well as farmers)। इंद्र के प्रसन्न होने और गधों वाला टोटका काम आने पर लोगों ने गधों को गुलाब जामुन खिलाए।
सावन माह के शुरुआती 15 दिन में क्षेत्र में अच्छी बारिश हुई, जिससे किसानों के चहरे खिल गए और किसानों ने खेतों में बुवाई कर दी। धीरे-धीरे बीज अंकुरित होने लगे और खेतो में छोटे छोटे पौधे नजर आने लगे(In the first 15 days of the month of Sawan, there was good rain in the area, due to which the faces of the farmers blossomed and the farmers sowed in the fields. Slowly the seeds started sprouting and small plants started appearing in the fields), लेकिन अधिक मास के दौरान मानो इंद्र देव रूठ गए हों बारिश अचानक गायब हो गई। दोपहर में गर्मी का अहसास होने लगा तो वही खेतो में खड़ी फसलों को भी बारिश की खेच के चलाते नुकसान होने की आशंका किसानों को सताने लगी। रूठे इंद्रदेव को मनाने के लिए शहर सहित जिले भर में तरह तरह के जतन किए गए।
दो दिन पूर्व रूठे इंद्र देव को मनाने के लिए शहर के चंद्रपुरा क्षेत्र के ग्रामीणों ने श्मशान में आधी रात को काल भैरव की पूजा कर गधों से हल चलवाया। हल के साथ दो लोगों को अर्धनग्न कर घुमाया गया, जिन्होंने नमक व काले उड़द को हल के साथ डाला(Two days ago, to persuade the angry Indra Dev, the villagers of Chandrapura area of the city worshiped Kaal Bhairav at midnight in the crematorium and plowed with donkeys. Two people were paraded half-naked with the plough, who poured salt and black urad along with the plough), उसके बाद ग्राम प्रधान को गधे पर बिठाकर घुमाया गया और इंद्र देव से प्रार्थना की गई की क्षेत्र में अच्छी बारिश हो।
जिसने यह सारी प्रक्रिया करवाई थी, उन्होंने भी दावा किया था कि मैं पिछले 12 वर्षों से यह टोटका कर रहा हूं और इससे इंद्र देव प्रसन्न होते हैं और बारिश शुरू हो जाती है(The one who got this process done, he also claimed that I have been doing this trick for the last 12 years and this pleases Lord Indra and it starts raining)। यही आज क्षेत्र में सुबह से रिमझिम बारिश का दौरा शुरू हो गया जो रुक रुक कर दिन भर चलता रहा। जिससे खुश होकर जिन लोगों ने गधों को गुलाब जामुन खिलाए। यह दृश्य जिसने भी देखा वो ये कहे बिना ना रह सका की हमने आज तक सुना था कि गधे गुलाब जामुन खाते हैं आज प्रत्यक्ष रूप से देख भी लिया कि गधे गुलाब जामुन खा रहे हैं।
0 टिप्पणियाँ