खोजी पत्रकारों के खुलासे में अरबों के खेल का जिक्र. विनोद अडानी (vinod Adani) सहित तमाम नाम. रिपोर्ट पर अडानी समूह ने क्या कहा?
दुनिया भर के खोजी पत्रकारों और विदेशी मीडिया(foreign media) ने कुछ डाक्यूमेंट्स के हवाले से अडानी ग्रुप (Adani Group) से जुड़े लोगों पर अपने ही शेयर खरीदकर भारतीय शेयर बाजार (Indian stock market) में करोड़ो डॉलर का निवेश करने के आरोप लगाए हैं. Organized Crime and Corruption Reporting Project (OCCRP) दुनिया भर के खोजी पत्रकारों का एक समूह है. इसे कुछ नए डॉक्यूमेंट( Document) मिले, जो अंग्रेजी अखबार The Guardian और Financial Times के साथ साझा किए गए हैं. इन डाक्यूमेंट्स के हवाले से अखबारों(News) ने कई बड़े दावे किए हैं. क्या-कुछ लिखा है, समझते हैं.
The Guardian ने दस्तावेजों के आधार पर लिखा है कि अडानी परिवार( Adani Family) से जुड़े लोगों ने अडानी ग्रुप( Adani Group) की कंपनियों( Compnies) में सालों तक स्टॉक हासिल किए हो सकते हैं. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में (In Hindenburg's Report) भी यही कहा गया था कि अडानी ग्रुप के शेयर्स में धोखाधड़ी हुई थी. और कंपनी के खुद के शेयर्स खरीदने के लिए ऑफशोर कंपनियों का इस्तेमाल किया गया था, जिससे अडानी ग्रुप की कंपनियों की वैल्यूएशन (valuation of companies) बहुत बढ़ गई थी.
नए आरोप क्या हैं?
अखबार लिखता है कि अब जो डॉक्यूमेंट( Document) बाहर आए हैं, उनसे मॉरीशस में एक जटिल ऑफशोर ऑपरेशन (A complex offshore operation in Mauritius) उजागर होता है. ऐसा लगता है कि ये एक्टिविटीज़ अडानी परिवार( Activities Adani Parivar ) से जुड़े लोग कंट्रोल कर रहे थे. कथित रूप से ये एक्टिविटीज साल 2013 से 2018 तक अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर की कीमतों को सपोर्ट करने (शेयर्स का प्राइस बढ़ाने) के लिए हुईं. अब तक मॉरिशस का ये नेटवर्क अभेद्य था.
The Guardian ने दस्तावेजों के आधार पर लिखा है कि अडानी परिवार से जुड़े लोगों ने अडानी ग्रुप की कंपनियों में सालों तक स्टॉक हासिल किए हो सकते हैं. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में भी यही कहा गया था कि अडानी ग्रुप के शेयर्स में धोखाधड़ी हुई थी. और कंपनी के खुद के शेयर्स खरीदने के लिए ऑफशोर कंपनियों का इस्तेमाल किया गया था, जिससे अडानी ग्रुप की कंपनियों की वैल्यूएशन बहुत बढ़ गई थी.
नए आरोप क्या हैं?
अखबार लिखता है कि अब जो डॉक्यूमेंट बाहर आए हैं, उनसे मॉरीशस में एक जटिल ऑफशोर ऑपरेशन उजागर होता है. ऐसा लगता है कि ये एक्टिविटीज़ अडानी परिवार से जुड़े लोग कंट्रोल कर रहे थे. कथित रूप से ये एक्टिविटीज साल 2013 से 2018 तक अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर की कीमतों को सपोर्ट करने (शेयर्स का प्राइस बढ़ाने) के लिए हुईं. अब तक मॉरिशस का ये नेटवर्क अभेद्य था.
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