कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया है कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ हो सकता है.
कनाडा सरकार ने एक भारतीय राजनयिक को इस मामले में निष्कासित कर दिया है.
कनाडा के इस आरोप को भारतीय विदेश मंत्रालय ने ख़ारिज किया है और कहा है कि भारत सरकार की संलिप्तता के आरोप बेतुके हैं.
कनाडाई प्रधानमंत्री ट्रूडो के इस बयान पर कई प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. लोग दोनों देशों की विदेश नीति के लिहाज से इसे हैरान करने वाला क़दम बता रहा है.
कनाडा के वैन्कुवर साउथ से सांसद हरजीत सज्जन ने ट्रूडो के बयान पर लिखा है, “हम भारत या किसी अन्य देश को अपने लोकतंत्र में हस्तक्षेप नहीं करने देंगे. कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में किसी विदेशी सरकार का शामिल होना हमारी संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है.”
वॉशिंगटन डीसी स्थित थिंक टैंक द विलसन सेंटर के साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर माइकल कुगलमैन ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “ कनाडा भारत का बहुत अहम पश्चिमी साझेदार है. जस्टिन ट्रूडो की ओर से भारत पर लगाए गए बड़े आरोपों के बाद भारत के राजनयिक का निष्कासन एक हैरान करने वाला क़दम है. ऐसा आमतौर होता नहीं है.”
“कनाडा के प्रधानमंत्री का इस तरह सार्वजनिक तौर पर ये आरोप लगाना ज़ाहिर तौर पर ये बताता है कि उनके पास इसके पुख़्ता सबूत हैं, वरना वो क्यों भारत के साथ अपने अच्छे रिश्ते को नुकसान पहुंचाएंगे. मेरा मानना है कि वो जो कह रहे हैं उन्हें उस बात की गंभीरता का अंदाज़ा है.”
कनाडाई वरिष्ठ पत्रकार ताहिर असलम गोरा ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “ कनाडा भारत का शुभचिंतक है और भारत कनाडा का शुभचिंतक रहा है. ख़लिस्तानी मुद्दे को लेकर कभी-कभी मनमुटाव होता था लेकिन इसके बावजूद दोनों देशों के रिश्ते बहुत अच्छे रहे हैं इसलिए ये कदम बहुत हैरान करने वाले हैं."
" इतना बड़ा क़दम अलगावादी नेता की हत्या के तीन महीने बाद लेना बहुत हैरान करने वाली बात है. इससे कनाडाई लोग भी हैरान हैं. आज से 30-32 साल पहले एयर इंडिया बम धमाके की जांच अब तक नतीजे पर नहीं पहुंच पायी तो तीन महीने में ये जांच कैसे पूरी हो गई. एकदम से पीएम ने संसद में ये बयान दे दिया. हम कनाडाई लोग पूरे सच का इंतज़ार कर रहे हैं.”
भारत का कनाडा को जवाब
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पूरे मामले में बयान जारी करते हुए कहा है-
“हमने कनाडा के प्रधानमंत्री का उनकी संसद में दिया गया बयान और उनके विदेश मंत्री के बयान को खारिज करते हैं.”
“कनाडा में हिंसा के किसी भी कृत्य में भारत सरकार की संलिप्तता के आरोप बेतुके हैं.इसी तरह के आरोप कनाडा के प्रधानमंत्री ने हमारे प्रधानमंत्री के सामने भी रखे थे और उन्हें पूरी तरह से खारिज कर दिया गया था.”
“हम कानून के शासन के प्रति मज़बूत प्रतिबद्धता वाली एक लोकतांत्रिक देश हैं.”
“इस तरह के निराधार आरोप खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों से ध्यान हटाने की कोशिश करते हैं, जिन्हें कनाडा में आश्रय दिया गया है और जो भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा बने हुए हैं. इस मामले पर कनाडाई सरकार की निष्क्रियता लंबे समय से चिंता का विषय रही है.”
कनाडा ने क्या आरोप लगाए हैं
इसी साल 18 जून को निज्जर की कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
ट्रूडो ने कनाडा की संसद में कहा, ''कनाडा की एजेंसियों ने पुख्ता तौर पर पता किया है कि निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ हो सकता है.''
कनाडा के पीएम ने कहा कि जी-20 सम्मेलन के दौरान उन्होंने ये मुद्दा पीएम मोदी के सामने भी उठाया था.
कनाडा की संसद में ट्रूडो ने कहा, ''हमारे देश की ज़मीन पर कनाडाई नागरिक की हत्या के पीछे विदेशी सरकार का होना अस्वीकार्य है और ये हमारी संप्रभुता का उल्लंघन है.''
ट्रूडो बोले, ''ये उन मूलभूत नियमों के ख़िलाफ़ है, जिसके तहत लोकतांत्रिक, आज़ाद और खुले समाज चलते हैं.''
कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने सोमवार को बताया कि भारतीय राजनयिक पवन कुमार राय को इस केस की जांच के चलते निष्कासित कर दिया गया है.
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