'आज तक' टीवी चैनल एंकर सुधीर चौधरी (Aaj Tak' TV channel anchor Sudhir Chaudhary) के ख़िलाफ़ बेंगलुरु पुलिस (Bengaluru Police) ने 'सांप्रदायिक शांति भंग (breach of communal peace) करने की साज़िश' करने के आरोप में एफ़आईआर दर्ज किया है.
सुधीर चौधरी ने अपने शो में अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण को लेकर बात की थी.
कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास निगम (केएमडीसी) (Karnataka Minority Development Corporation (KMDC))ने अपनी शिकायत में कहा था कि एंकर ने 11 सितम्बर को अपने शो में दावा किया था कि कर्नाटक में सब्सिडी हिंदुओं को नहीं बल्कि केवल अल्पसंख्यकों को मुहैया कराई जा रही है(In Karnataka, subsidy is being provided only to minorities and not to Hindus).
एफ़आईआर में कहा गया है, "शो में दावा किया गया है कि स्कीम से ग़रीब हिंदुओं के ख़िलाफ़ अन्याय है."
निगम बेरोज़गार युवाओं(unemployed youth) को ऑटोरिक्शा(auto rickshaw), माल वाहक गाड़ियां या टैक्सी( goods carriages or taxis) ख़रीदने के लिए 50 प्रतिशत (50 percent to buy) या अधिकतम 3 लाख रुपये की सब्सिडी देता है.
इसी तरह की स्कीमें देवराज उर्स विकास निगम,(Devraj Urs Development Corporation) डॉ. बीआर आंबेडकर विकास निगम(Dr. BR Ambedkar Development Corporation), वाल्मीकि विकास निगम( Valmiki Development Corporation) और आदि जम्भावा विकास निगम( Adi Jambhava Development Corporation) भी लागू करते हैं. इस तरह की स्कीमें केवल अल्पसंख्यकों (minorities) को ही नहीं बल्कि पिछडे वर्गों(backward classes, अनुसूचित जाति (scheduled caste) और अनुसूचित जनजाति(scheduled tribe) के लोगों के लिए भी चलाई जाती हैं.
शिकायत में कहा गया है, "लेकिन न्यूज़ चैनल ने इस ख़बर को तोड़ मरोड़ कर कहा कि ये स्कीम आम तौर पर अल्पसंख्यकों के लिए और विशेष तौर पर मुस्लिमों( Muslim) के लिए है इसलिए ये हिंदुओं( hindu) के साथ अन्याय है. ये ख़बर ग़लत और दुर्भावनापूर्ण है. इसका मकसद समाज में साम्प्रदायिक भावनाओं को भड़काना था. संबंधित न्यूज़ चैनल के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई शुरू करनी चाहिए."
बेंगलुरु सेंट्रल डीसीपी शेखर एचटी (Bengaluru Central DCP Shekhar HT) ने बीबीसी हिंदी को बताया(told BBC Hindi), "शिकायत दर्ज कर ली गई है और धारा 505 और 153ए के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है. हम क़ानून के अनुसार मामले की जांच करेंगे."
केएमडीसी के एमडी मोहम्मद नासीर (KMDC MD Mohammad Nasir) ने बताया, "ये कोई लोन नहीं जो निगम दे रहा है. बैंक लोन( Bank Laon) देते हैं और निगम सब्सिडी मुहैया कराता है. किसी ने हमसे नहीं पूछा कि स्कीम क्या है और क्या दूसरे निगम भी ऐसी स्कीम चलाते हैं."
ये स्कीम जब 2017-18 में कांग्रेस सत्ता में थी, तब शुरू की गई थी और बाद के सालों में बीजेपी सरकार ने भी इसे लागू किया.
हालांकि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री राजीव शेखर( Electronics and IT Minister Rajeev Shekhar) ने पहली बार आठ सितम्बर को एक ट्वीट कर तुष्टीकरण के इस मुद्दे को उठाया था और इस स्कीम के विज्ञान का हवाला दिया था.
उन्होंने कहा था, "कर्नाटक में राहुल की कांग्रेस द्वारा विशेष समुदायों को खरीदने की तुष्टीकरण की बेशर्म राजनीति का ये एक और नमूना है. छह लाख की गाड़ी खरीदो और 50 प्रतिशत की सब्सिडी पाओ, अगले दिन पांच लाख में बेच दो. दो लाख का फायदा. केवल गैर हिंदुओं के लिए उपलब्ध और ग़रीब हिंदू समुदाय(poor hindu community) इसमें शामिल नहीं हैं. सभी कर्नाटक वासियों के लिए बने संसाधनों को किसी एक समुदाय को रिश्वत देने के लिए इस्तेमाल हो रहा है."
उन्होंने लिखा, "ये खुला भेदभाव है और एक ऐसी पार्टी द्वारा अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है जो खुद कहती है कि भारतीय संविधान खतरे में है. यह तुष्टीकरण और यूपीए/ आई.एन.डी.आई. गठबंधन की वंशवादी भ्रष्ट राजनीति है."
इसी तरह के ट्वीट बीजेपी नेता सीटी रवि ने भी किया था.
एफ़आईआर के बाद सुधीर चौथरी ने ट्वीट कर एफ़आईआर दर्ज करने की मंशा पर सवाल खड़ा किए हैं.
इस पर कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने तंज कसा.
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