छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव: बस्तर के कई गाँवों में आज़ादी के बाद पहली बार होगी वोटिंग

 लखमा पोड़ियाम को अपनी उम्र याद नहीं है, ये भी नहीं कि उन्होंने पहली बार वोट कब डाला था.  लेकिन अपनी टूटी-फूटी हिंदी में वो कहते हैं, "चार या पाँच बार तो मैं लगा चुका हूँ. सरपंच का हो, विधायक का हो. अब विधायक वोट हो रहा है तो फिर जाएँगे."  घर के पीछे अपनी 'बाड़ी' में सब्ज़ियाँ रोपने की तैयारी कर रहे लखमा कहते हैं, "ये पहला साल है चांदामेटा में होगा, तो देंगे."  "जंगल के कारण यहाँ नहीं हो रहा था साहब, नक्सलाइट के डर से यहाँ कोई अंदर नहीं घुस रहे थे. पहले हम लोग बहुत दूर चिंगूर जाते थे वोट डालने."  ज़िला मुख्यालय जगदलपुर से 65 किलोमीटर दूर स्थित चांदामेटा में पहुँचते ही चुनाव की सरगर्मियों का अंदाज़ा होने लगता है.  गाँव के तिराहे पर कुछ लोग भारतीय जनता पार्टी का झंडा लिए रैली निकालने की तैयारी में दिखते हैं. कुछ ने कमल के फूल वाली गेरुआ टोपी भी पहन रखी है.  तिराहे के एक तरफ़ जून में बनकर तैयार हुआ गाँव का प्राथमिक स्कूल है. इसी स्कूल में पोलिंग बूथ तैयार होगा, फ़िलहाल यहाँ वोटरों को पर्चियाँ बाँटने का काम जारी है.  मतदान के लिए पर्ची लेकर बाहर निकल रहे वैट्टी हेता को इस बात की ख़ुशी है कि अब वोट देने के लिए गाँव वालों को परेशान नहीं होना होगा.  लेकिन अड़मा क्वासी वोटर लिस्ट में नाम न होने को लेकर परेशान हैं. वो कहते हैं कि अब उन्हें चिंगूर जाना होगा, पंचायत में पता करने के लिए.  #latestupdates

लखमा पोड़ियाम को अपनी उम्र याद नहीं है, ये भी नहीं कि उन्होंने पहली बार वोट कब डाला था.

लेकिन अपनी टूटी-फूटी हिंदी में वो कहते हैं, "चार या पाँच बार तो मैं लगा चुका हूँ. सरपंच का हो, विधायक का हो. अब विधायक वोट हो रहा है तो फिर जाएँगे."

घर के पीछे अपनी 'बाड़ी' में सब्ज़ियाँ रोपने की तैयारी कर रहे लखमा कहते हैं, "ये पहला साल है चांदामेटा में होगा, तो देंगे."

"जंगल के कारण यहाँ नहीं हो रहा था साहब, नक्सलाइट के डर से यहाँ कोई अंदर नहीं घुस रहे थे. पहले हम लोग बहुत दूर चिंगूर जाते थे वोट डालने."

ज़िला मुख्यालय जगदलपुर से 65 किलोमीटर दूर स्थित चांदामेटा में पहुँचते ही चुनाव की सरगर्मियों का अंदाज़ा होने लगता है.

गाँव के तिराहे पर कुछ लोग भारतीय जनता पार्टी का झंडा लिए रैली निकालने की तैयारी में दिखते हैं. कुछ ने कमल के फूल वाली गेरुआ टोपी भी पहन रखी है.

तिराहे के एक तरफ़ जून में बनकर तैयार हुआ गाँव का प्राथमिक स्कूल है. इसी स्कूल में पोलिंग बूथ तैयार होगा, फ़िलहाल यहाँ वोटरों को पर्चियाँ बाँटने का काम जारी है.

मतदान के लिए पर्ची लेकर बाहर निकल रहे वैट्टी हेता को इस बात की ख़ुशी है कि अब वोट देने के लिए गाँव वालों को परेशान नहीं होना होगा.

लेकिन अड़मा क्वासी वोटर लिस्ट में नाम न होने को लेकर परेशान हैं. वो कहते हैं कि अब उन्हें चिंगूर जाना होगा, पंचायत में पता करने के लिए.

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