राजनिती हो तो शिवराज सिंह चौहान जैसी ..क्या फिर हो सकते है मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जाने ..

राजनिती हो तो शिवराज सिंह चौहान जैसी ..क्या फिर हो सकते है मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जाने ..  मध्य प्रदेश में भारी बहुमत से बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की और अब मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी के आलाकमान में मीटिंग का दौर ज़ारी है ..जब एक पत्रकार ने शिवराज चौहान से सवाल किया के क्या आप फिर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनना चाहते है ..तो शिवराज ने साफ मना कर दिया कि में इस रेस से बाहर हूँ ..  सवाल यह है कि उन्होने ऐसा क्यों कहाँ - यदि हम चुनाव से पहले का माहोल देखें तो बीजेपी के हाई कमान ने फेसला लिय़ा कि मध्य प्रदेश चुनाव शिवराज सिंह चौहान के चेहरे पर नही लड़ा जाएगा बल्की मोदी के चेहरे पर लडा जाएगा ..आप ही सोच सकते है के मध्यप्रदेश के धाकड नेता जो लगातार कई वर्षो से मुख्यमंत्री रहे और उनके साथ ऐसा होना शिवराज सिंह चौहान के राजनितिक भविस्य पर सवालिया निशान था , शिवराज सिंह चौहान ने इसका विरोध इसलिय नही किया क्योंकि बीजेपी मध्यप्रदेश के दिग्गज नेता भी इस फेसले से खुश थे ..मगर शिवराज शिवराज है ऊँन्होने सबको साथ लेकर चले और इस फेसले को ख़ुशी ख़ुशी स्वीकार किया और जब चुनाव परिणाम आ चुके है और बीजेपी को भारी बहुमत मिला है .और मध्यप्रदेश का बच्चा बच्चा ज़ानता है कि यह चुनाव सिर्फ बीजेपी की मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना और शिवराज की वजह से यह चुनाव जीता है  ..और अब मुख्यमंत्री की शपथ ली ज़ानी है ..तो शिवराज ने मध्य प्रदेश के विधान सभा के दौरे फिर से शुरू कर दिए है ..अपने कार्यकर्ता के यहाँ भोजन करना , लाडली बहना के चरण धोंना आदि ..इसको ही राजनिती कहते है ..जब पत्रकार ने सवाल किया के आप ऐसे दौरे क्यों कर रहे है ..तो शिवराज सिंह चौहान का उत्तर था ..में अभी से 29 लोकसभा सीट की तेय़ारी कर रहा हूँ ज़िससे 29 की 29 लोक सभा सीटो की माला मोदी जी को पहना सकू दरअसल इसको शिवराज की शक्ति प्रदर्शंन ही माना जाएगा आपको क्या लगता है. मामा जी की चुनाव के बाद इन य़ात्राओ का असर बीजेपी के हाईकमान पर नही हो रहा होगा क्यों ? बीजेपी के हाईकमान पर अब दवाव है .

मध्य प्रदेश में भारी बहुमत से बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की और अब मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी के आलाकमान में मीटिंग का दौर ज़ारी है. जब एक पत्रकार ने शिवराज चौहान से सवाल किया के क्या आप फिर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनना चाहते है. तो शिवराज ने साफ मना कर दिया कि में इस रेस से बाहर हूँ.

सवाल यह है कि उन्होने ऐसा क्यों कहाँ 

यदि हम चुनाव से पहले का माहोल देखें तो बीजेपी के हाई कमान ने फेसला लिय़ा कि मध्य प्रदेश चुनाव शिवराज सिंह चौहान के चेहरे पर नही लड़ा जाएगा बल्की मोदी के चेहरे पर लडा जाएगा. आप ही सोच सकते है के मध्यप्रदेश के धाकड नेता जो लगातार कई वर्षो से मुख्यमंत्री रहे और उनके साथ ऐसा होना शिवराज सिंह चौहान के राजनितिक भविस्य पर सवालिया निशान था , शिवराज सिंह चौहान ने इसका विरोध इसलिय नही किया क्योंकि बीजेपी मध्यप्रदेश के दिग्गज नेता भी इस फेसले से खुश थे. मगर शिवराज शिवराज है ऊँन्होने सबको साथ लेकर चले और इस फेसले को ख़ुशी ख़ुशी स्वीकार किया और जब चुनाव परिणाम आ चुके है और बीजेपी को भारी बहुमत मिला है. और मध्यप्रदेश का बच्चा बच्चा ज़ानता है कि यह चुनाव सिर्फ बीजेपी की मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना और शिवराज की वजह से यह चुनाव जीता है. और अब मुख्यमंत्री की शपथ ली ज़ानी है. तो शिवराज ने मध्य प्रदेश के विधान सभा के दौरे फिर से शुरू कर दिए है. अपने कार्यकर्ता के यहाँ भोजन करना , लाडली बहना के चरण धोंना आदि. इसको ही राजनिती कहते है ..जब पत्रकार ने सवाल किया के आप ऐसे दौरे क्यों कर रहे है. तो शिवराज सिंह चौहान का उत्तर था. में अभी से 29 लोकसभा सीट की तेय़ारी कर रहा हूँ ज़िससे 29 की 29 लोक सभा सीटो की माला मोदी जी को पहना सकू दरअसल इसको शिवराज की शक्ति प्रदर्शंन ही माना जाएगा आपको क्या लगता है. मामा जी की चुनाव के बाद इन य़ात्राओ का असर बीजेपी के हाईकमान पर नही हो रहा होगा क्यों ? बीजेपी के हाईकमान पर अब दवाव है.

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