MP News: मंडला में किसान का बेटा बना डीएसपी: नियमित पढ़ाई और Online की थोड़ी सी कोचिंग से हासिल किया मुकाम

मंडला जिले की तहसील नैनपुर के ग्राम सालीबाड़ा निवासी आनंद राय ने एमपीपीएससी परीक्षा में पांचवीं रेंक (पुलिस) हासिल कर न केवल अपने घर परिवार बल्कि तहसील ओर जिले का नाम रोशन किया है। आनंद राय का चयन डीएसपी पद के लिए हुआ है।  आनंद राय मूलतः किसान परिवार से संबद्ध है। उनके पिता सुशील कुमार राय एक कृषक है जबकि मां गृहिणी है। आनंद की इस उपलब्धि से घर परिवार सहित गांव में खुशी की लहर है। आनंद की प्राथमिक शिक्षा गांव के ही सरस्वती शिशु मंदिर और माध्यमिक व उच्चतर शिक्षा नैनपुर में हुई बाद में फिर आनंद ने इंदौर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। अब उन्होंने एमपीपीएससी की परीक्षा पास कर डीएसपी पद के लिए चयनित हुए हैं।  आनंद अपनी 3 बहनों का इकलौता भाई है जो एक सामान्य परिवार से है। आनंद का कहना है कि नियमित पढ़ाई और थोड़ी सी कोचिंग के बाद उसने यह मुकाम हासिल किया। उन्होंने कहा कि यदि आगे बढ़ना है तो लक्ष्य तय करो और हताशा को अपने अंदर से निकाल फेंको। असफलता से विचलित हुए बिना लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए लगे रहो सफलता जरूर मिलेगी। अब जबकि पुलिस अधिकारी के पद पर चयनित हुआ है, तो देश भक्ति और जनसेवा उसका ध्येय है। इसी लक्ष्य के साथ वह नौकरी करना चाहेगा।  आनंद की मां अपने बेटे की इस उपलब्धि से इतना खुश है कि खुशी व्यक्त नहीं कर पा रही हैं। उनका कहना है कि आनंद आज जिस मुकाम पर है उसकी वजह उसके पिता है। आनंद के पिता सुशील कुमार कहते है की आनंद न केवल बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल था बल्कि उन्हें भरोसा था कि उनका बेटा एक दिन बड़ा कुछ करेंगे। सुशील राय एक कहावत की याद दिलाते हुए कहते हैं कि उन्हें आनंद के बचपन में ही 'पूत के पांव पालने में' दिख गए थे। लिहाजा उन्होंने आनंद की पढ़ाई के लिए वह हर संभव किया जो वे कर सकते थे।

मंडला जिले की तहसील नैनपुर के ग्राम सालीबाड़ा निवासी आनंद राय ने एमपीपीएससी परीक्षा में पांचवीं रेंक (पुलिस) हासिल कर न केवल अपने घर परिवार बल्कि तहसील ओर जिले का नाम रोशन किया है। आनंद राय का चयन डीएसपी पद के लिए हुआ है।

आनंद राय मूलतः किसान परिवार से संबद्ध है। उनके पिता सुशील कुमार राय एक कृषक है जबकि मां गृहिणी है। आनंद की इस उपलब्धि से घर परिवार सहित गांव में खुशी की लहर है। आनंद की प्राथमिक शिक्षा गांव के ही सरस्वती शिशु मंदिर और माध्यमिक व उच्चतर शिक्षा नैनपुर में हुई बाद में फिर आनंद ने इंदौर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। अब उन्होंने एमपीपीएससी की परीक्षा पास कर डीएसपी पद के लिए चयनित हुए हैं।

आनंद अपनी 3 बहनों का इकलौता भाई है जो एक सामान्य परिवार से है। आनंद का कहना है कि नियमित पढ़ाई और थोड़ी सी कोचिंग के बाद उसने यह मुकाम हासिल किया। उन्होंने कहा कि यदि आगे बढ़ना है तो लक्ष्य तय करो और हताशा को अपने अंदर से निकाल फेंको। असफलता से विचलित हुए बिना लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए लगे रहो सफलता जरूर मिलेगी। अब जबकि पुलिस अधिकारी के पद पर चयनित हुआ है, तो देश भक्ति और जनसेवा उसका ध्येय है। इसी लक्ष्य के साथ वह नौकरी करना चाहेगा।

आनंद की मां अपने बेटे की इस उपलब्धि से इतना खुश है कि खुशी व्यक्त नहीं कर पा रही हैं। उनका कहना है कि आनंद आज जिस मुकाम पर है उसकी वजह उसके पिता है। आनंद के पिता सुशील कुमार कहते है की आनंद न केवल बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल था बल्कि उन्हें भरोसा था कि उनका बेटा एक दिन बड़ा कुछ करेंगे। सुशील राय एक कहावत की याद दिलाते हुए कहते हैं कि उन्हें आनंद के बचपन में ही 'पूत के पांव पालने में' दिख गए थे। लिहाजा उन्होंने आनंद की पढ़ाई के लिए वह हर संभव किया जो वे कर सकते थे।

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