भारतीय कुश्ती संघ: निराश बजरंग पूनिया ने पद्मश्री लौटाने का किया ऐलान, PM मोदी को देने जा रहे थे अवॉर्ड, पुलिस ने रोका

Bajrang Punia return Narendra Modi Padma Shri award: पहलवान बजरंग पूनिया ने पीएम मोदी को पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया है। इसी दौरान जब वह दिल्ली के कर्तव्य पथ पर पहुंचे तो उन्हें दिल्ली पुलिस ने रोक लिया।  Bajrang Punia return Narendra Modi Padma Shri award: पहलवान बजरंग पूनिया को दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने दिल्ली के कर्तव्य पथ पर रोक लिया है। पूनिया पद्मश्री अवॉर्ड पीएम मोदी को लौटाने जा रहे थे। पूनिया ने कहा कि मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार उस व्यक्ति को दूंगा जो इसे पीएम मोदी को इसे लाटाएगा। बता दें कि पूनिया ने आज शाम पांच बजे करीब पद्मश्री अवॉर्ड पीएम मोदी को वापस करने का ऐलान किया था।  बृज भूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह ने गुरुवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष पद का चुनाव जीता। इस पर पहलवान साक्षी मलिक ने विरोध जताया और रेसलिंग से संन्यास लेने का ऐलान किया। अब इसके एक दिन बाद शुक्रवार को पहलवान बजरंग पूनिया ने पीएम मोदी को अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटाने का ऐलान किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह सिर्फ मेरा पत्र है और यह मेरा बयान है।

Bajrang Punia return Narendra Modi Padma Shri award: पहलवान बजरंग पूनिया ने पीएम मोदी को पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया है। इसी दौरान जब वह दिल्ली के कर्तव्य पथ पर पहुंचे तो उन्हें दिल्ली पुलिस ने रोक लिया।

Bajrang Punia return Narendra Modi Padma Shri award: पहलवान बजरंग पूनिया को दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने दिल्ली के कर्तव्य पथ पर रोक लिया है। पूनिया पद्मश्री अवॉर्ड पीएम मोदी को लौटाने जा रहे थे। पूनिया ने कहा कि मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार उस व्यक्ति को दूंगा जो इसे पीएम मोदी को इसे लाटाएगा। बता दें कि पूनिया ने आज शाम पांच बजे करीब पद्मश्री अवॉर्ड पीएम मोदी को वापस करने का ऐलान किया था।

बृज भूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह ने गुरुवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष पद का चुनाव जीता। इस पर पहलवान साक्षी मलिक ने विरोध जताया और रेसलिंग से संन्यास लेने का ऐलान किया। अब इसके एक दिन बाद शुक्रवार को पहलवान बजरंग पूनिया ने पीएम मोदी को अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटाने का ऐलान किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह सिर्फ मेरा पत्र है और यह मेरा बयान है।

Poonia wrote a letter to PM Modi

बजरंग पूनिया ने पत्र में लिखा कि जनवरी में महिला रेसलर्स ने बृज भूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। इसका मैंने भी विरोध किया। इस दौरान हमें सरकार ने बृज भूषण के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा था। लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद एफआईआर भी नहीं हुई। इसके बाद अप्रैल में भी आंदोलन किया। जिसके बाद हमें कोर्ट जाकर एफआईआर करवानी पड़ी।

जनवरी में पीड़ित पहलवान महिलाओं की संख्या 19 थी, जो अप्रैल में 7 हो गई। 12 महिलाओं को दबाव के चलते न्याय से पीछे हटना पड़ा। इसके बाद हमें भी प्रदर्शन करने से रोका गया। हमें दिल्ली से बाहर खदेड़ दिया। इसके बाद हमें कुछ समझ नहीं आया और अपने मेडल को गंगा में बहाने का फैसला कर लिया। लेकिन किसानों और हमारे कोच ने ऐसा न करने से रोक लिया। इसी बीच हमें इस मामले में बातचीत करने के लिए गृह मंत्री ने बुलाया, उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि वह महिला पहलवानों के लिए न्याय में उनका साथ देंगे।

लेकिन 21 दिसंबर को WFI के अध्यक्ष पद पर बृज भूषण शरण सिंह का करीबी काबिज हो गया। इस वजह से हम सभी की रातें रोत हुए निकली, समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें और कहां जाएं। इसलिए मैंने अपना पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का फैसला कर लिया है क्योंकि यह सम्मान मुझे कचोट रहे हैं।

बजरंग पूनिया ने पत्र में लिखा कि जनवरी में महिला रेसलर्स ने बृज भूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। इसका मैंने भी विरोध किया। इस दौरान हमें सरकार ने बृज भूषण के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा था। लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद एफआईआर भी नहीं हुई। इसके बाद अप्रैल में भी आंदोलन किया। जिसके बाद हमें कोर्ट जाकर एफआईआर करवानी पड़ी।  जनवरी में पीड़ित पहलवान महिलाओं की संख्या 19 थी, जो अप्रैल में 7 हो गई। 12 महिलाओं को दबाव के चलते न्याय से पीछे हटना पड़ा। इसके बाद हमें भी प्रदर्शन करने से रोका गया। हमें दिल्ली से बाहर खदेड़ दिया। इसके बाद हमें कुछ समझ नहीं आया और अपने मेडल को गंगा में बहाने का फैसला कर लिया। लेकिन किसानों और हमारे कोच ने ऐसा न करने से रोक लिया। इसी बीच हमें इस मामले में बातचीत करने के लिए गृह मंत्री ने बुलाया, उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि वह महिला पहलवानों के लिए न्याय में उनका साथ देंगे।  लेकिन 21 दिसंबर को WFI के अध्यक्ष पद पर बृज भूषण शरण सिंह का करीबी काबिज हो गया। इस वजह से हम सभी की रातें रोत हुए निकली, समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें और कहां जाएं। इसलिए मैंने अपना पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का फैसला कर लिया है क्योंकि यह सम्मान मुझे कचोट रहे हैं।

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