Ram Mandir Ayodhya: 'शिवसेना ने सबसे पहले दिया 1 करोड़ का दान रामलला को किडनैप करना चाहती है BJP'

राम मंदिर और जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले को लेकर शिव सेना सांसद संजय राउत ने केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है.  संजय राउत ने कहा कि बीजेपी बार-बार रामलला के नाम पर वोट मांग रही है.  रामलला देश की पहचान हैं, बीजेपी उनका अपहरण करना चाहती है.  राउत ने दावा किया कि ट्रस्ट की स्थापना के बाद शिवसेना पहली पार्टी थी जिसने 1 करोड़ रुपये का दान दिया था.  उन्होंने कहा, रामलला किसी की निजी संपत्ति नहीं हैं.  अयोध्या की जमीन बीजेपी के नाम पर नहीं है.  ये रामलला के नाम पर है.  इसलिए इस पर सोच-समझकर राजनीति करें.  संजय राउत ने जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा.  उन्होंने कहा, ''वे (भाजपा सरकार) विपक्ष-मुक्त संसद बनाना चाहते हैं।  पीएम मोदी इसी काम में लगे हुए हैं.  चुनाव में जाओ, सीएम बनाओ.  शपथ ग्रहण समारोह में जाइये.  चलो जश्न मनाएं।  वहीं, हमारा दुश्मन, देश का दुश्मन, कश्मीर में हमारे जवानों पर हमले की साजिश रचता है.  ये बहुत गंभीर बात है, लोग संसद में घुस जाते हैं.  वहां आतंकी कश्मीर में घुसकर हमारे जवानों पर हमला कर देते हैं, लेकिन उन्हें इसकी जानकारी नहीं होती.  वह (पीएम मोदी) बड़ी-बड़ी बातें करते हैं.  चलो हवा में बातें करते हैं.  जवान शहीद हो रहे हैं, सरकार सो रही है- संजय राउत  राउत ने कहा, ''पुंछ में जो हमला हुआ, वह एक तरह से पुलवामा जैसा ही है.''  इसी तरह पुलवामा में भी हमला हुआ.  सरकार सो रही थी.  आज भी सरकार सो रही है.  सरकार धारा 370 हटने का जश्न मना रही है. जब धारा 370 हटाई गई तो हमने इसका समर्थन किया.  सैनिकों की रक्षा कौन करेगा?  हमारे जवान बिना लड़े शहीद हो रहे हैं.  क्या हो रहा है?  क्या आप एक बार फिर राजनीति करना चाहते हैं?  क्या आप पुलवामा की तरह एक बार फिर 2024 में उसी मुद्दे पर वोट मांगने जाना चाहते हैं?  आप देखिए दो महीने में कितने सैनिक मारे गए, आंकड़ा देखकर कांप उठेंगे आप  अगर हम संसद में इस पर सवाल उठाते हैं.  इसलिए हमें निलंबित कर दिया गया.  अगर हमने सवाल पूछा तो वे हमें देश से बाहर निकाल देंगे.'  ये कैसा लोकतंत्र है, ये कैसा लोकतंत्र है?  शिवसेना से राज्यसभा सांसद राउत ने कहा, देखिए, कश्मीर के हालात असल में वैसे नहीं हैं, जैसे दिखाए जा रहे हैं.  मैं इस पर विश्वास करता हूं और पूरा देश इसे देख रहा है।'  आप सदन में आकर भाषण दे सकते हैं, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के सामने भाषण दे सकते हैं, लेकिन पूरा देश जानता है कि 370 हटने के बाद कश्मीर के हालात नहीं बदले.  संजय राउत ने कहा, जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती स्थानीय नेता हैं.  हमारे उनसे मतभेद हो सकते हैं.  लेकिन उन्होंने कश्मीर को लेकर जो कहा वो बिल्कुल सही है.  ये हमला पुलवामा का दोहराव था.  करीब तीन-चार महीने में हमारे 25 से ज्यादा वरिष्ठ सैन्य अधिकारी शहीद हो चुके हैं.  इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?  सरकार पूरी तरह से चुनाव में व्यस्त है, सीएम बदलने में व्यस्त है.  अगर केंद्रीय एजेंसियां ​​ही केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने में लगी रहेंगी तो कश्मीर के हालात कौन सुधारेगा?  महबूबा मुफ्ती ने क्या कहा?  दरअसल, 21 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकियों ने सेना की दो गाड़ियों पर हमला कर दिया था.  इस हमले में चार जवान शहीद हो गये.  जबकि तीन जवान घायल हो गए.  इसके अलावा बारामूला में पूर्व एसएसएपी की गोली मारकर हत्या कर दी गई.  इन हमलों पर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने दुख जताया था.  मुफ्ती ने कहा था कि केंद्र द्वारा प्रचारित सामान्य स्थिति को बनाए रखने की कीमत निर्दोष लोगों को चुकानी पड़ रही है।

राम मंदिर और जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले को लेकर शिव सेना सांसद संजय राउत ने केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है.  संजय राउत ने कहा कि बीजेपी बार-बार रामलला के नाम पर वोट मांग रही है.  रामलला देश की पहचान हैं, बीजेपी उनका अपहरण करना चाहती है.  राउत ने दावा किया कि ट्रस्ट की स्थापना के बाद शिवसेना पहली पार्टी थी जिसने 1 करोड़ रुपये का दान दिया था.  उन्होंने कहा, रामलला किसी की निजी संपत्ति नहीं हैं.  अयोध्या की जमीन बीजेपी के नाम पर नहीं है.  ये रामलला के नाम पर है.  इसलिए इस पर सोच-समझकर राजनीति करें.

संजय राउत ने जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा.  उन्होंने कहा, ''वे (भाजपा सरकार) विपक्ष-मुक्त संसद बनाना चाहते हैं।  पीएम मोदी इसी काम में लगे हुए हैं.  चुनाव में जाओ, सीएम बनाओ.  शपथ ग्रहण समारोह में जाइये.  चलो जश्न मनाएं।  वहीं, हमारा दुश्मन, देश का दुश्मन, कश्मीर में हमारे जवानों पर हमले की साजिश रचता है.  ये बहुत गंभीर बात है, लोग संसद में घुस जाते हैं.  वहां आतंकी कश्मीर में घुसकर हमारे जवानों पर हमला कर देते हैं, लेकिन उन्हें इसकी जानकारी नहीं होती.  वह (पीएम मोदी) बड़ी-बड़ी बातें करते हैं.  चलो हवा में बातें करते हैं.

जवान शहीद हो रहे हैं, सरकार सो रही है- संजय राउत

राउत ने कहा, ''पुंछ में जो हमला हुआ, वह एक तरह से पुलवामा जैसा ही है.''  इसी तरह पुलवामा में भी हमला हुआ.  सरकार सो रही थी.  आज भी सरकार सो रही है.  सरकार धारा 370 हटने का जश्न मना रही है. जब धारा 370 हटाई गई तो हमने इसका समर्थन किया.  सैनिकों की रक्षा कौन करेगा?  हमारे जवान बिना लड़े शहीद हो रहे हैं.  क्या हो रहा है?  क्या आप एक बार फिर राजनीति करना चाहते हैं?  क्या आप पुलवामा की तरह एक बार फिर 2024 में उसी मुद्दे पर वोट मांगने जाना चाहते हैं?  आप देखिए दो महीने में कितने सैनिक मारे गए, आंकड़ा देखकर कांप उठेंगे आप  अगर हम संसद में इस पर सवाल उठाते हैं.  इसलिए हमें निलंबित कर दिया गया.  अगर हमने सवाल पूछा तो वे हमें देश से बाहर निकाल देंगे.'  ये कैसा लोकतंत्र है, ये कैसा लोकतंत्र है?

शिवसेना से राज्यसभा सांसद राउत ने कहा, देखिए, कश्मीर के हालात असल में वैसे नहीं हैं, जैसे दिखाए जा रहे हैं.  मैं इस पर विश्वास करता हूं और पूरा देश इसे देख रहा है।'  आप सदन में आकर भाषण दे सकते हैं, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के सामने भाषण दे सकते हैं, लेकिन पूरा देश जानता है कि 370 हटने के बाद कश्मीर के हालात नहीं बदले.

संजय राउत ने कहा, जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती स्थानीय नेता हैं.  हमारे उनसे मतभेद हो सकते हैं.  लेकिन उन्होंने कश्मीर को लेकर जो कहा वो बिल्कुल सही है.  ये हमला पुलवामा का दोहराव था.  करीब तीन-चार महीने में हमारे 25 से ज्यादा वरिष्ठ सैन्य अधिकारी शहीद हो चुके हैं.  इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?  सरकार पूरी तरह से चुनाव में व्यस्त है, सीएम बदलने में व्यस्त है.  अगर केंद्रीय एजेंसियां ​​ही केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने में लगी रहेंगी तो कश्मीर के हालात कौन सुधारेगा?

महबूबा मुफ्ती ने क्या कहा?

दरअसल, 21 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकियों ने सेना की दो गाड़ियों पर हमला कर दिया था.  इस हमले में चार जवान शहीद हो गये.  जबकि तीन जवान घायल हो गए.  इसके अलावा बारामूला में पूर्व एसएसएपी की गोली मारकर हत्या कर दी गई.  इन हमलों पर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने दुख जताया था.  मुफ्ती ने कहा था कि केंद्र द्वारा प्रचारित सामान्य स्थिति को बनाए रखने की कीमत निर्दोष लोगों को चुकानी पड़ रही है।

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