अयोध्या राम मंदिर में मूर्ती की प्राण प्रतिष्ठा से पहले ये क्या बोल गए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह?

दिग्विजय सिंह ने प्रदेश कांग्रेस में बदलाव के सवाल के जवाब में कहा कि प्रकृति का नियम ही परिवर्तन है। जीतू पटवारी और उमंग सिंगार दोनों ही कम उम्र के और अनुभवी राजनेता हैं। मुझे विश्वास है कि वह पार्टी में नई सोच और दृष्टिकोण लाएंगे और उसे नई दिशा में ले जाएंगे।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह( Digvijay Singh) ने अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर (Shri Ram Mandir) को लेकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने इंदौर प्रवास के दौरान कहा कि अयोध्या(Ayodhya) में बन रहे राम मंदिर के लिए नई मूर्तियां (Murti) बनवाने की क्या जरूरत आ पड़ी। रामलला की मुख्य मूर्ति (Main idol of Ramlala) कहां है, उन्हें क्यों नहीं स्थापित किया जा रहा है, जबकि अयोध्या जन्मभूमि का पूरा विवाद ही वह था। सरकार को इस पर सवाल खड़ा करना चाहिए था।

दिग्विजय सिंह ने प्रदेश कांग्रेस में बदलाव के सवाल के जवाब में कहा कि प्रकृति का नियम ही परिवर्तन है। जीतू पटवारी और उमंग सिंगार दोनों ही कम उम्र के और अनुभवी राजनेता हैं। मुझे विश्वास है कि वह पार्टी में नई सोच और दृष्टिकोण लाएंगे और उसे नई दिशा में ले जाएंगे।

उन्होंने एक बार फिर से चुनाव प्रक्रिया के दौरान ईवीएम मशीनों (EVM) के उपयोग पर सवाल उठाया है। दिग्विजय सिंह बुधवार को इंदौर ( Indore ) में थे और उन्होंने एक बार फिर ईवीएम से मतदान पर सवाल दागा। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान लोगों को वीवीपैट ( VVPAT) मशीन से निकली पर्चियों से मतदान करने का अवसर देना चाहिए। आखिरकार यह मतदान है तो फिर जिन लोगों ने ईवीएम से मतदान किया है, तो उन्हें वीवीपैट मशीनों से निकलने वाली पर्चियों को बाक्स में डालने पर भाजपा को क्या आपत्ति हो सकती है।

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