बात यह हैं कि शंकराचार्य को अब तक नही मिला राम मंदिर का न्योता, तो अब तक क्या ...देखें विडियो

ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा है कि उन्हें अयोध्या के राम मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा आयोजन का न्योता नहीं मिला है. न्यूज़ वेबसाइट द वायर के शो में पत्रकार करन थापर को दिए गए इंटरव्यू में शंकराचार्य ने कहा, “हमने किसी आमंत्रण को ख़ारिज नहीं किया. सच बात तो ये है कि हमें अभी तक आमंत्रित ही नहीं किया गया. इसलिए हमारे ऊपर कोई ये आरोप नहीं लगा सकता कि हमने आमंत्रण ठुकरा दिया.” “हम लोगों ने रामजन्म भूमि की प्राप्ति के लिए जो हमारा कर्तव्य था उसका निर्वाह किया है और इस बात का हमें संतोष है. ” “ हमारे मन में कोई ऐसी अकांक्षा नहीं है कि हमें आमंत्रण मिले. सच तो ये है कि हमें अगर वो आमंत्रित करते तब भी हम वहां नहीं जाने वाले थे. हम इसलिए वहां नहीं जाते क्योंकि शंकराचार्य के सामने कुछ भी ऐसा नहीं होना चाहिए जो शास्त्रों के अनुरूप ना हो. हमें ये सुनिश्चित करना होता है कि सब कुछ शास्त्रों के निर्देशानुसार हो. ”  twiter..  अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है. इससे पहले ज्योतिर्मठ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा था कि देश के चारों शंकराचार्य 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा आयोजन में शामिल नहीं होंगे क्योंकि ये आयोजन शास्त्रों के अनुसार नहीं हो रहा है. जैसे-जैसे 22 जनवरी की तारीख़ क़रीब आ रही है, चर्चा इस बात की हो रही है कि कौन इसमें शामिल होगा और कौन नहीं होगा. 10 जनवरी को कांग्रेस ने कहा कि वो इस आयोजन में शामिल नहीं होंगे.

ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा है कि उन्हें अयोध्या के राम मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा आयोजन का न्योता नहीं मिला है.

न्यूज़ वेबसाइट द वायर के शो में पत्रकार करन थापर को दिए गए इंटरव्यू में शंकराचार्य ने कहा, “हमने किसी आमंत्रण को ख़ारिज नहीं किया. सच बात तो ये है कि हमें अभी तक आमंत्रित ही नहीं किया गया. इसलिए हमारे ऊपर कोई ये आरोप नहीं लगा सकता कि हमने आमंत्रण ठुकरा दिया.”

“हम लोगों ने रामजन्म भूमि की प्राप्ति के लिए जो हमारा कर्तव्य था उसका निर्वाह किया है और इस बात का हमें संतोष है. ”

“ हमारे मन में कोई ऐसी अकांक्षा नहीं है कि हमें आमंत्रण मिले. सच तो ये है कि हमें अगर वो आमंत्रित करते तब भी हम वहां नहीं जाने वाले थे. हम इसलिए वहां नहीं जाते क्योंकि शंकराचार्य के सामने कुछ भी ऐसा नहीं होना चाहिए जो शास्त्रों के अनुरूप ना हो. हमें ये सुनिश्चित करना होता है कि सब कुछ शास्त्रों के निर्देशानुसार हो. ”

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अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है.

इससे पहले ज्योतिर्मठ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा था कि देश के चारों शंकराचार्य 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा आयोजन में शामिल नहीं होंगे क्योंकि ये आयोजन शास्त्रों के अनुसार नहीं हो रहा है.

जैसे-जैसे 22 जनवरी की तारीख़ क़रीब आ रही है, चर्चा इस बात की हो रही है कि कौन इसमें शामिल होगा और कौन नहीं होगा.

10 जनवरी को कांग्रेस ने कहा कि वो इस आयोजन में शामिल नहीं होंगे.

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