Assam Shrine Asks Rahil Gandhi To Visit After Ayodhya Pran Pratishtha : राहुल गांधी ने ज़नवरी से भारत जोडो न्याय य़ात्रा की शुरुआत की और अभी असम राज्य में जारी हैं, इस य़ात्रा से जुड़े विवाद भी सामने आ रहे हैं, कुछ दिन पहले राहुल गांधी की य़ात्रा पर FIR दर्ज कराना क्योंकि इन्होने गलत रूट पर अपनी य़ात्रा निकाल दी, ये मामला चल ही रहा था कि य़ात्रा पर हमले भी शरारती तत्वो ने कर दिये, ये मामला गर्म ही था कि आज नया मामला और इस य़ात्रा से जुड गया हैं, जानते हैं क्या हैं यह मामला.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस समय भारत जोडो न्याय य़ात्रा को लेकर सुर्खियां बटोर रहे हैं, इस य़ात्रा को लेकर राहुल गांधी का एक प्रोग्राम 22 जनवरी को असम में स्थित तीर्थस्थल बताद्रवा थान पर था। परंतु असम के इस मुख्य तीर्थस्थल के प्रबंधन ने राहुल गांधी के यहां प्रवेश पर रोक लगा दी है। प्रबंधन का कहना है कि कांग्रेस सांसद को यहां प्रवेश की अनुमति अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो जाने के बाद ही दी जाएगी।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि बताद्रवा थान श्रीमंत शंकरदेव की जन्मस्थली है। यहां की मैनेजमेंट समिति ने कहा है कि कल अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की वजह से यहां भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद आंकी जा रही है। इसके अलावा थान प्रांगण के बाहर भी कई कार्यक्रमों का आयोजन होना है जिसमें हजारों की संख्या में आसपास के श्रद्धालु शामिल होंगे। इसलिए राहुल गांधी की यात्रा दोपहर 3 बजे के बाद ही हो सकती है।
Assam | On Congress leader Rahul Gandhi's visit, Jogendra Narayan Dev Mahanta, President of Batadrava Than Management Committee says, "We are happy that Rahul Gandhi will visit the Than, but tomorrow around 10,000 people will gather here. At that time we do not want Rahul Gandhi… pic.twitter.com/icmAQ1VDUY
— ANI (@ANI) January 21, 2024
‘स्वागत करने में समस्या होगी’
समिति के अध्यक्ष जोगेंद्र नारायण देव महंत( President Jogendra Narayan Dev Mahant) ने कहा कि सोमवार को होने वाले कार्यक्रम में करीब 10,000 लोगों के आने की उम्मीद है(Around 10,000 people are expected to attend the event on Monday)। ऐसे समय में हम नहीं चाहेंगे कि राहुल गांधी यहां आएं क्योंकि उस समय उनका स्वागत करने में दिक्कत होगी। वह दोपहर 3 बजे के बाद आ सकते हैं ताकि हम उनका ठीक से स्वागत कर सकें। हमने स्थानीय विधायक, जिला कमिश्नर और पुलिस अधीक्षक को यह जानकारी दे दी है(We have given this information to the local MLA, District Commissioner and Superintendent of Police)।
श्रीमंत शंकरदेव (1449-1658) एक संत, विद्वान, कवि, नाटककार, डांसर, अभिनेता, संगीतकार और समाज सुधारक थे। असम के धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास में वैष्णव संत शंकरदेव अहम भूमिका है। उन्होंने बताद्रावा थान की स्थापना 1949 AD में की थी। उल्लेखनीय है कि असम में वैष्णव पंथ के अनुयाइयों के लिए यह थान बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह नगांव कस्बे से करीब 18 किलोमीटर दूर है।
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