चीन सरकार के निमंत्रण पर वहां के पांच दिवसीय राजकीय दौरे पर गए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने कहा है कि चीन के साथ उनके देश के संबंध मैरीटाइम सिल्क रोड के ज़माने से हैं. चीन को अपने सबसे क़रीबी सहयोगियों में से एक करार देते हुए राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू ने उसकी बेल्ट एंड रोड इनिशि यटिव परियोजना की सराहना की है. राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार उन्होंने अपने देश में विकास परियोजनाओं में चीन के योगदान को गिनाया. सेंट्रल एयरपोर्ट और कमर्शियल पोर्ट के विस्तार की योजना के बारे में उन्होंने बताया कि उनकी सरकार बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के फ्रेमवर्क के तहत इसके विकास के लिए साझेदारी की संभावना तलाशना चाहती है. राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू ने उम्मीद जताई है कि चीन के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौते के कारण दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश में वृद्धि होगी.
जिनपिंग की मौजूदगी, भारत से पंगा लेना मालदीव की मजबूरी!
सबसे बड़ा हितधारक.. भारत से सबसे ज्यादा पर्यटक मालदीव जाते हैं और मालदीव ने उन्हीं पर्यटकों को नाराज कर दिया है। साल 2023 में भारत से 2 लाख 9 हजार लोग मालदीव घूमने गए। जबकि 2022 में मालदीव जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या 2 लाख 41 हजार थी.
मोइज्जू ने रीति तोड़ी
मालदीव और भारत के रिश्ते बेहद खास हैं, इन ऐतिहासिक रिश्तों की खासियत यह रही है कि जब वहां कोई नया राष्ट्रपति चुना जाता है तो वह सबसे पहले जिस शख्स के साथ विदेश जाता है वह भारत ही होता है। अब तक यही रिवाज था. हालांकि, चीन के जाल में फंसकर मोइज्जू ने दशकों पुरानी इस परंपरा को तोड़ दिया। 2023 में राष्ट्रपति बनने के बाद वह अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर तुर्की गए और दूसरी बार चीन पहुंचे. जबकि मोइज्जू भी अच्छी तरह से जानता है कि इसमें उसके देश को फायदा कम और नुकसान ज्यादा है. वो भी तब जब मालदीव पहले से ही चीन के कर्ज के जाल में फंसा हुआ है.
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