UP Politics: विवादों के 'स्वामी' अब अपनी ही पार्टी सपा में घेर लिए गए हैं. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के नजदीकी नेता ने स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) पर चौकाने वाला वयान दिया हैं, समाज़वादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और अखिलेश के सबसे नज़दीकी नेता आईपी सिंह (IP Singh ) ने तो स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी से बाहर करने तक की मांग कर डाली है. आपको बता दें कि ताजा घटनाक्रम में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने बे फिझूल सवाल उठाए थे. मौर्या ने कहा था कि प्राण प्रतिष्ठा से पत्थर सजीव हो सकता है तो फिर मुर्दे क्यों नहीं चल सकते.
अब अपनी ही पार्टी में ही स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध
स्वामी प्रसाद मौर्य ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह को आडंबर ठहराय़ा था. विवादो के स्वामी राम प्रसाद मौर्या ने कहा कि कार्यक्रम बीजेपी का बनकर रह गया(Swami Ram Prasad Maurya said that the program remained BJP's). राम मंदिर उद्घाटन का कार्यक्रम वीएचपी, बीजेपी और आरएसएस के लोग कर रहे थे(People of VHP, BJP and RSS were organizing the inauguration of Ram temple). स्वामी प्रसाद मौर्य पहले भी बयान देकर सुर्खियों में आ चुके हैं. हिंदू धर्म और ग्रंथ पर विवादित बयान देकर सपा नेता तीखी आलोचना झेल चुके हैं. स्वामी प्रसाद की विवादित बयानबाजी का कारवां थमने का नाम नहीं ले रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से भी सवाल उठ रहे हैं. कि इन पर योगी जी कोई प्रतिक्रिया और एक्सन न लेना भी लोगो के को और मज़बूती देते हैं.
अखिलेश यादव के नजदीकी ने खुलेआम बताया "BJP का एजेंट"
सपा के वरिष्ठ नेता आईपी सिंह
सपा के सबसे वरिष्ठ नेता आईपी सिंह का मानना है कि बीजेपी के इशारे पर स्वामी प्रसाद मौर्य बयानबाजी कर रहे हैं. आईपी सिंह ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य बयान देते हैं और मीडिया सपा पर ठीकरा फोड़ती है(IP Singh said that Swami Prasad Maurya gives statements and the media blames SP.). उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने तो हम सभी के आराध्य प्रभु राम तक को नहीं छोड़ा(He said that Swami Prasad Maurya did not even spare our beloved Lord Ram). इससे साफ पता चलता है कि स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी का एजेंट बनकर काम कर रहे हैं(This clearly shows that Swami Prasad Maurya is working as an agent of BJP.). अखिलेश यादव के करीबी नेता आईपी सिंह ने कहा कि स्वामी प्रसाद की बेटी राम मंदिर जाकर और पिता उलूल-जुलूल बयान देकर बीजेपी की मदद कर रहे हैं. उन्होंने अखिलेश यादव से गुजारिश की कि बीजेपी के एजेंट स्वामी प्रसाद मौर्य (BJP agent Swami Prasad Maurya) को बिना देर किए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाएं.
यदि प्राण प्रतिष्ठा करने से पत्थर सजीव हो जाता है तो मुर्दा क्यों नहीं चल सकता? - स्वामी प्रसाद मौर्य
UP के अयोध्या पवित्र नगर में श्री रामलला मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के संपन्न होने के एक दिन बाद, SP के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य(Swami Prasad Maurya) ने समारोह के बारे में फिर अनर्गल टिप्पणी देकर अपनी ही पार्टी के निशाने पर हैं, और रामलला मंदिर और बहुसंख्यक हिंदू आस्था का सरेआम एक समारोह में मजाक बनाया। मौर्या ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को पाखंड(hypocrisy) और धोखाधड़ी(Fraud) का ठप्पा लगा दिया हैं, और बोला कि अगर(अभिषेक) पूजा पाठ से 'पत्थर' जीवित हो सकता है, तो शव( मृत शरीर ) चल-फिर क्यों नहीं सकते?
उत्तरप्रदेश के गाजीपुर में कर्पूरी ठाकुर सेना द्वारा आयोजित सभा
मौर्य UP के गाजीपुर में हो रही कर्पूरी ठाकुर सेना के सदष्यो के ज़रिये आयोजित सभा में अपनी बात रख रहे थे. तभी मौर्य ने बोला कि जनता को भाजपा(BJP) के बारे में सत्य को जानने और पार्टी की विचारधारा से दूर रहने की अवश्यकता है। “भारतीय जनता पार्टी ने मतदाताओं का ध्यान वर्तमान समय में चल रही समस्याओं से लोगो को भटकाने के लिए ही इस कार्यक्रम का आयोजन किया था। पार्टी(BJP ) के सदस्य फर्जी(Fraud ) हैं. ये सब फर्जी है. अब जिन परिवार के सदस्यों की मृत्यु हो गई है उनकी प्राण प्रतिष्ठा की जानी चाहिए। यदि प्राण प्रतिष्ठा से पत्थर जीवित हो जाता है तो मृत व्यक्ति चल क्यों नहीं सकता?” मौर्या ने कहा।
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— TIMES NOW (@TimesNow) January 23, 2024
Swami Prasad Maurya mocks the Pran Pratishtha ceremony and makes a controversial remark, stating, 'Can the puja make the dead alive'?
This is not the first time Swami Prasad Maurya has made such statements; he also mentioned if the BJP is focusing on other issues like… pic.twitter.com/0Y8WCPdavd
इस वयान में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि भाजपा को केवल बड़े व्यापारियों की चिंता है और मजदूरों और कामगारों की उसे कोई परवाह नहीं है। “वे नहीं चाहते कि लोग बेरोजगारी, मुद्रास्फीति और अन्य सामाजिक समस्याओं पर चर्चा करें, इसलिए वे राम मंदिर बनाकर मतदाताओं का ध्यान भटका रहे हैं। हजारों वर्षों से भगवान राम की पूजा की जाती रही है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम आयोजित करने की क्या आवश्यकता थी? सरकार में बैठे लोग अपने पाप छुपाना चाहते हैं इसलिए ऐसे धार्मिक आयोजन कर रहे हैं. वे खुद को भगवान कहलाना चाहते हैं,'' मौर्या ने कहा।
हिंदू मान्यताओं और धर्मग्रंथों को अपमानजनक टिप्पणी करने की आदत आदत से मज़बूर मौर्य ने आगे बोला कि यह आयोजन एक राजनीतिक स्टंट था और अगर यह एक धार्मिक आयोजन होता, तो 4 शंकराचार्य भी इसका हिस्सा होते। “यहां तक कि राष्ट्रपति को भी आमंत्रित किया गया था लेकिन वह कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। इस कार्यक्रम में केवल बीजेपी, वीएचपी और आरएसएस के लोग ही शामिल हुए। यह एक सुनियोजित राजनीतिक कार्यक्रम था,'' मौर्य को यह कहते हुए उद्धृत किया गया।
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य राम मंदिर और हिंदू आस्था के खिलाफ विवादित बयान लगातार देते रहे हैं। हाल ही में 10 जनवरी को, उन्होंने मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार के रामभक्तों को 'देखते ही गोली मारने' के आदेश को भी सही ठहराया, जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 1990 में रथयात्रा के बाद कई निहत्थे कारसेवकों की मौत हो गई थी। राम मंदिर आंदोलन के प्रारंभ के समय 2 नवंबर 1990 को यूपी पुलिस ने कारसेवकों पर गोलियां चलाई थीं। ज़िससे बहुत से संतो की मौत भी हो गई थी.
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