मारो-मारो कहकर ED टीम पर टूट पड़ी भीड़, 200 लोगो में माहिलाए भी शामिल ED के वाहनो में की तोड-फोड, शक की सुई रोहिंगिया पर लटकी

आपको बता दें कि राशन घोटाले मामले में ईडी की टीम शुक्रवार को छापेमारी करने के लिए संदेशखाली गांव में स्थित टीएमसी नेता शेख शाहजहां के घर पहुंची थी। ईडी के साथ केंद्रीय सुरक्षों के जवान और कुछ पत्रकार भी थे। शेख शाहजहां के घर पर ताला लटका था और टीम ने उसे तोड़ने की तैयारी शुरू कर दी थी। तभी धीरे-धीरे लोग की भीड़ जुटने लगी और देखते ही देखते उनकी संख्या 200 के पार पहुंच गई। इस भीड़ में महिलाएं भी थीं।

आपको बता दें कि राशन घोटाले मामले में ईडी की टीम शुक्रवार को छापेमारी करने के लिए संदेशखाली गांव में स्थित टीएमसी नेता शेख शाहजहां के घर पहुंची थी। ईडी के साथ केंद्रीय सुरक्षों के जवान और कुछ पत्रकार भी थे। शेख शाहजहां के घर पर ताला लटका था और टीम ने उसे तोड़ने की तैयारी शुरू कर दी थी। तभी धीरे-धीरे लोग की भीड़ जुटने लगी और देखते ही देखते उनकी संख्या 200 के पार पहुंच गई। इस भीड़ में महिलाएं भी थीं।

Ed Team Attacked Connection Bangladeshi Infiltrators 

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में टीएमसी नेता के घर छापेमारी करने गई ईडी टीम पर हमला किया गया। इस मामले में पुलिस ने 3 एफआईआर दर्ज कर ली है।

Ed Team Attacked Connection Bangladeshi Infiltrators

पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम पर हमले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राशन घोटाले मामले में टीएमसी नेता शंकर आद्या को गिरफ्तार करने गए ईडी अधिकारियों के साथ भी शनिवार को धक्कामुक्की की गई है। एक दिन पहले उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली गांव में ईडी टीम पर हमला किया गया था। इसे लेकर भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस मामले की एनएआई से जांच कराने की मांग की थी। उनके बयान ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। अब बड़ा सवाल उठता है कि क्या इस हमले के पीछे रोहिंग्या या बांग्लादेशी घुसपैठियों का हाथ है?

पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम पर हमले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राशन घोटाले मामले में टीएमसी नेता शंकर आद्या को गिरफ्तार करने गए ईडी अधिकारियों के साथ भी शनिवार को धक्कामुक्की की गई है। एक दिन पहले उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली गांव में ईडी टीम पर हमला किया गया था। इसे लेकर भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस मामले की एनएआई से जांच कराने की मांग की थी। उनके बयान ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। अब बड़ा सवाल उठता है कि क्या इस हमले के पीछे रोहिंग्या या बांग्लादेशी घुसपैठियों का हाथ है?

सीसीए से बांग्लादेशी घुसपैठियों को सबसे ज्यादा हैं समस्या 

बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस घटना की निंदा की और इसके पीछे बांग्लादेश से आए घुसपैठियों और रोहिंग्या का हाथ बताया है। अगर उनके इस बयान पर गौर करें तो कहीं न कहीं इस हमले के पीछे बांग्लादेशी घुसपैठिये और रोहिंग्या का सीएए कनेक्शन सामने आ रहा है। आपको बता दें कि केंद्र ने लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लागू करने फैसला लिया है। ऐसे में जब सीएए लागू हो जाएगा तो इस कानून से सबसे ज्यादा प्रभावित पश्चिम बंगाल, असम, मिजोरम, त्रिपुरा में रहने वाले घुसपैठिये होंगे। इसके बाद बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यक सिख, जैन, बौद्ध, हिंदू, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को ही भारत की नागरिकता मिलेगी और घुसपैठियों की नागरिकता खतरे में पड़ जाएगी। केंद्र द्वारा सीएए की अधिसूचना जारी करने से पहले ही पश्चिम बंगाल में यह विरोध सामने आया है।

ईडी अधिकारियों के सिर फोड़े 

इसके बाद भीड़ अचानक से मारो-मारो कहकर टूट पड़ी और जिसके हाथ को जो भी था, उससे ही ईडी टीम पर हमला बोल दिया था। लोगों ने ईडी की गाड़ियों में तोड़फोड़ की और अधिकारियों के सिर फोड़ दिए। साथ ही लोगों ने पत्रकारों पर भी हमला किया था। इस घटना में अधिकारियों के लैपटॉप, पत्रकारों के मोबाइल, कैमरे तोड़ दिए गए। घटना के करीब 2 घंटे के बाद स्थानीय पुलिस की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं की। इस मामले में पुलिस ने तीन मुकदमा दर्ज किया है। वहीं, कांग्रेस ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।

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