शंभू बॉर्डर पर बुधवार दोपहर सुरक्षाबलों की तरफ से किसानों पर आँसू गैस के गोले दागे गए
हरियाणा- पंजाब को जोड़ने वाले शंभू बॉर्डर से किसानों का दिल्ली चलो मार्च फिर से शुरू हो गया है.
इस बीच हरियाणा पुलिस ने जानकारी दी है कि पंजाब सीमा पर पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है और वो 'किसानों के भारी मशीनरी इस्तेमाल ना करने के फ़ैसले' का स्वागत करती है.
हरियाणा पुलिस की एआईजी मनीषा चौधरी ने वीडियो बयान जारी कर बोला हैं कि- “हरियाणा पुलिस किसानों द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए भारी मशीनरी जैसे जेसीबी, पोकलेन आदि का प्रयोग न करने की घोषणा का स्वागत करती है."
"हरियाणा पुलिस अपील करती है कि ट्रैक्टर ट्रॉली का प्रयोग ना करें, शांति बनाए रखें. पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार राजमार्गों पर ट्रैक्टरों को यातायात के साधन के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता." इसके बाद क्या हुआ जानते हैं?
पंजाब और हरियाणा के बीच स्थित खनौरी बॉर्डर पर बुधवार को एक किसान की मौत होने की ख़बर आई है.
किसान संगठनों के साथ - साथ एक सरकारी डॉक्टर की ओर से भी इस मौत की पुष्टि की गयी है.
हालांकि, हरियाणा पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट को शेयर करते हुए बोला है कि 'किसान आंदोलन में किसी भी किसान की मौत नहीं हुई है. यह मात्र एक अफवाह है.'
वहीं, शंभू बॉर्डर पर बुधवार दोपहर सुरक्षाबलों की तरफ से किसानों पर आँसू गैस के गोले दागे गए हैं. मौके से आई तस्वीरों में हर जगह धुआँ और अफ़रा-तफ़री का माहौल देखा जा सकता है.
किसान प्रदर्शनकारी की गोली लगने से मौत!
किसान नेताओं ने कहा है कि पंजाब हरियाणा की सीमा पर स्थित खनौरी बॉर्डर पर एक किसान की प्रदर्शन में गोली लगने से मौत हो गई है.
किसान नेताओं ने इस युवक की मौत के बारे में मीडिया से बात की है!
पंजाब के पटियाला के एक सरकारी अस्पताल ने भी शुभकरण सिंह नामक युवक की मौत की पुष्टि की है. उधर हरियाणा की पुलिस ने किसी भी किसान की मौत की ख़बर को अफ़वाह बताया है.
पटियाला के राजिंदरा अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हरनाम सिंह रेखी ने जानकारी दी है कि किसान आंदोलन के समय खनौरी बॉर्डर पर कथित गोलीबारी में 24 वर्षीय शुभकरण सिंह की मौत हो गई है.
आंगे कहा, "मौत का प्राथमिक कारण सिर के पीछे गोली लगना है. उन्हें मृत अवस्था में पटियाला के राजिंदरा सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल लाया गया था."
उन्होंने कहा है कि विस्तृत जानकारी पोस्टमार्टम के बाद ही सामने आएगी. शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है.
अस्पताल के जानकारी के अनुसार, शुभ करण सिंह बठिंडा ज़िले के बालोन गांव के रहने वाले थे.
अर्जुन मुंडा से जो कहा गया, वो तो उन्होंने किया नहीं!
किसान नेता Sarvan Singh Pander
किसान अन्दोलन के नेता पंढेर ने बोला कि, "जब आप हमारे सीधे लड़के मारेंगे तो शांति कहां से रहती है. अर्जुन मुंडा से जो कहा गया, वो तो उन्होंने किया नहीं. बातचीत के लिए हम कभी इनकार नहीं करते. सरकार उसके लिए माहौल बनाए. जब हमारे लोग शहीद हो रहे हैं तो बातचीत उचित नहीं होती."
किसान नेता डल्लेवाल ने भी इसकी पुष्टि की है!
उन्होंने कहा, "एक कैज़ुअल्टी हुई है. हमारी किसी माँ का लाल चला गया. हमारी ज़िम्मेदारी बनती है. उसके अंतिम संस्कार की क्रिया, उसके पोस्ट मॉर्टम, उसके घरवालों के साथ जिस तरह से भी सहानुभूति कर सकते हैं. वो करेंगे."
हरियाणा पुलिस ने बताया अफ़वाह!
लेकिन हरियाणा पुलिस ने इसे एक अफ़वाह बताया है
हरियाणा पुलिस ने सोशल मीडीय़ा एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है - "अभी तक की प्राप्त जानकारी के अनुसार आज किसान आंदोलन में किसी भी किसान की मृत्यु नहीं हुई है."
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आना शुरू!
पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा
बुधवार की पुलिस कार्रवाई पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं.
पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा प्रतिक्रिया दी है!
पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए किसानों की मांग को जायज़ ठहराया है.
रंधावा ने कहा है कि किसानों पर इस तरह से हमला किया जा रहा है जैसे कि पाकिस्तान के साथ बॉर्डर पर होता है.
बीबीसी पंजाबी के मुताबिक रंधावा ने कहा, "पहले भारत-पाकिस्तान सीमा पर बारूदी सुरंगें बिछाई जाती थीं, इनका वश नहीं चलता नहीं तो वो भी लगा दें. किसान शांतिपूर्वक विरोध कर रहे हैं."
"ऐसे में पंजाब सरकार को किसानों के पक्ष में स्टैंड लेना चाहिए और हरियाणा सरकार को ठोककर जवाब देना चाहिए. ये आंदोलन अकेले पंजाब का नहीं बल्कि पूरे देश के किसानों का है. पंजाब के किसान तो इसे पूरे देश के किसानों के ओर से इसका नेतृत्व कर रहे हैं."
राकेश टिकैत ने हरियाणा पुलिस की ओर से बल प्रयोग किए जाने पर प्रतिक्रिया दी है!
उन्होंने कहा, "हरियाणा जिस तरह किसानों के साथ बुलेट और गोलों का इस्तेमाल कर रहा है, उससे पूरे देश को दर्द है. पूरे देश में इस बात पर नाराज़गी है. लेकिन इसका समाधान बातचीत ही है."
पंजाब सरकार ने दी प्रतिक्रिया!
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ बलबीर सिंह ने खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी की मौत पर प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने कहा, "ये एक हत्या है. मेरी एक अन्य युवा से मुलाक़ात हुई है जो गोली लगने से घायल हुआ है. किस्मत से वह बच गया. उसने मुझे बताया है कि 'वह अपने ट्रैक्टर पर बैठा था और बैरिकेड तोड़ने की कोशिश भी नहीं कर रहा था. उन्होंने पंजाब की तरफ़ आकर गोली चलाई.' पंजाब सीएम ने कल कैबिनेट मीटिंग बुलाई है और हम लोग सभी क़ानूनी कदम उठाने की कोशिश करेंगे."
इसके साथ ही उन्होंने बताया है कि पंजाब सरकार घायलों का इलाज़ कराने की दिशा में हर संभव प्रयास कर रही है.
उन्होंने बताया है कि 'दस - बारह मरीज पातड़ा में हैं. वहीं, तीन गंभीर रूप से घायल मरीजों को पटियाला भेजा गया है. पंजाब सरकार घायलों की देखभाल कर रही है.'
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 'केंद्र सरकार के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई गयी है. हरियाणा सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है. और किसानों के प्रति बर्बरता पूर्ण व्यवहार कर रही है.'
वहीं, सरकार के साथ अगले दौर की बातचीत पर पंढेर ने कहा है कि 'हम विचार करके आगे की बातचीत के बारे में जानकारी देंगे.'
किसान शंभू बॉर्डर पर क्यों इकट्ठे हुए हैं?
किसान मजदूर संघर्ष समिति और भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) के नेतृत्व में पंजाब के किसान संगठनों के एक गुट ने केंद्र सरकार के खिलाफ 'दिल्ली चलो' का आह्वान किया है.
किसानों की अहम मांगों में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करना और भाजपा नेता द्वारा कथित तौर पर मारे गए चार सिख किसानों को न्याय देना और अन्य मांगें भी शामिल हैं.
'दिल्ली चलो' की अपील के बाद 13 फरवरी को बड़ी संख्या में किसान शंभू और खानुरी सीमा पर पहुंच गए थे. वहां से उन्हें हरियाणा प्रशासन आगे जाने से रोक रहा है.
हरियाणा सरकार ने सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के साथ-साथ बड़े पैमाने पर पाबंदियां भी लगा दी हैं, जिससे सड़क यातायात भी बंद हो गया है.
किसानों और सुरक्षा बलों के मध्य दो दिन तक लगातार तनाव भी देखा गया. किसान संगठनों का कहना है कि सुरक्षा बलों द्वारा छोड़े गए आंसू गैस के गोलों से कई किसान घायल हो गए हैं.
केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों से बातचीत के बाद कहा कि वे उनकी मांगों का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालना चाहते हैं.
मुंडा ने कहा, "किसी भी चीज़ का समाधान आपसी समझ, आपसी संवाद और लगातार बातचीत के माध्यम से किया जा सकता है. हम हमेशा इस बात के पक्षधर हैं."
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में तीन केंद्रीय मंत्री किसान नेताओं से बातचीत कर रहे हैं.
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