पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने इलेक्टोरल यानी चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक क़रार देने के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर टिप्पणी करते हुए बोला है कि इस फ़ैसले का लंबे समय से इंतज़ार था और हम इसका स्वागत करते हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट को शेयर करते हुए जयराम रमेश ने बोला कि, “सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार की बहुप्रचारित इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को संसद द्वारा पारित क़ानूनों के साथ-साथ भारत के संविधान का उल्लंघन करने वाला बताया है.”
जयराम रमेश ने कहा है कि इस निर्णय का लंबे समय से इंतज़ार था. उन्होंने कहा कि ये नोटों के ऊपर वोटों की ताक़त को फिर से स्थापित करेगा.
जयराम रमेश ने बोला कि मोदी सरकार चंदादाताओं को विशेषाधिकार दे रही है और अन्नदाताओं पर अन्याय पर अन्याय कर रही है.
जयराम रमेश ने चुनाव आयोग के वीवीपीएटी (वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) का मुद्दा भी उठाया.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस बात का भी संज्ञान लेना चाहिए कि चुनाव आयोग राजनीतिक दलों की वीवीपीएटी के मुद्दे पर मुलाक़ात करने की मांगों को लगातार ख़ारिज कर रहा है.
उन्होंने कहा, “अगर मतदान की प्रक्रिया में सबकुछ पारदर्शी है तो फिर ये ज़िद क्यों है?”
The Supreme Court has held the much-touted Electoral Bonds scheme of the Modi Sarkar as violative of both laws passed by Parliament as well as the Constitution of India. The long-awaited verdict is hugely welcome and will reinforce the power of votes over notes. The Modi Sarkar…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) February 15, 2024
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