केंद्र सरकार और कृषको के मध्य बीते गुरुवार को देर रात तक चली बैठक में भी कोई हल नही निकला.
यह बैठक सरकार और अन्दोलित किसानो के मध्य चंडीगढ़ में रात करीब डेढ़ बजे तक चली.
इस बैठक में पंजाब के मुख्यंत्री भगवंत मान के साथ केंद्र सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय मुख्य रुप से शामिल हुए.
इससे पहले आठ और 12 फरवरी को किसानों और सरकार के बीच बातचीत भी हुई थी, जिसका भी कोई नतीजा नहीं निकला अर्थात बेनतीजा रही.
अन्दोलित किसानों ने अपनी मांगों से पीछे हटने से साफ मना कर दिया था. वहीं सरकार ने अपनी ओर से कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 'हड़बड़ी में' कोई क़ानून नहीं बनाना चाहती.
बीते गुरुवार देर रात तक चली बैठक में मध्यस्थों ने एमएसपी समेत किसानों की दूसरी मांगों पर भी चर्चा की, लेकिन कोई सहमति नहीं बन सकी.
सरकार और किसानों के बीच चौथी यानी अंगली बैठक को लेकर सहमति बनी है. इसके लिए आने वाले रविवार का दिन तय किया गया है.
गुरुवार को सरकार और किसान प्रतिनिधियों के बीच बैठक शाम को पांच बजे होनी थी. किसान तो तय समय से पहुंच गए थे लेकिन केंद्रीय मंत्री रात आठ बजे यहां पहुंच पाए, जिसके चलते बैठक ख़त्म होने में समय भी लगा.
किसानों की मांगों में कर्ज़ माफ़ी, नवंबर 2020 से दिसंबर 2021 के बीच दिल्ली में चले किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों के परिवार में किसी एक के लिए नौकरी, लखीमपुर खीरी में विरोध प्रदर्शन के दौरान घायल हुए किसानों के लिए मुआवज़े की व्यवस्था और किसानों के ख़िलाफ़ दर्ज मामले वापिस लेना शामिल है.
बैठक के बाद किसने क्या कहा?
बैठक ख़त्म होने के बाद मंत्री अर्जुन मुंडा ने जानकारी दी कि, "दोनों पक्षों के बीच अच्छे माहौल में सकारात्मक चर्चा हुई है. किसान संगठनों ने जिस विषयों पर ध्यान आकर्षित किया है, उसे संज्ञान में लेते हुए हमने बैठक की अगली तारीख तय की है."
"रविवार शाम छह बजे हम इस चर्चा को आगे जारी रखेंगे. हमें उम्मीद है कि हम सब मिलकतर शांतिपूर्ण तरीके से इस मुश्किल का हल निकालेंगे."
सरकार के साथ बैठक ख़त्म होने के बाद किसान मज़दूर मोर्चा के संयोजक सरवन सिंह पंढेर ने जानकारी दी कि, "उन्होंने कहा कि हमें समय चाहिए क्योंकि हम हवा में बातचीत नहीं करना चाहते. उनकी कोई कांफ्रेंस है और फिर उन्हें मंत्रिमंडल से बात करनी है. एमएसपी का क़ानून, लागत का डेढ़ गुना और कर्ज़ माफ़ी जैसी हमारी मांगों पर लंबी चर्चा चली है."
"लेकिन सोशल मीडिया पन्ने बंद करना या इंटरनेट बंद करना कोई तरीका नहीं हुआ. ड्रोन हम पर आंसू गैस के गोले बसरा रहे हैं. हमने उस पर भी अपनी बात दमदार तरीके से की है. हम नहीं चाहते कि इतना बलप्रयोग हो. हम कौन से पाकिस्तान के रहने वाले हैं? हम आपके देश के किसान हैं. लगता है कि इधर भी बॉर्डर है, उधर भी बॉर्डर है."
"हम चाहते हैं कि बातचीत से हल निकल जाए, हम टकराव नहीं चाहते लेकिन दिल्ली की तरफ कूच करने की योजना तो अपनी जगह है. इस पर हम शुक्रवार को अपने साथियों के साथ भी विचार विमर्श करेंगे."
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने मीडिया को जानकारी दी कि, "रविवार को अगली बैठक होगी. तब तक आंदोलन शांतिपूर्वक तरीके से चलेगा. हम अपनी तरफ से कोई छेड़छाड़ नहीं करेंगे, उधर से भी हम पर गोले नहीं चलाए जाएंगे."
"बैठकों का दौर शुरू हो गया है तो हम आगे नहीं बढ़ेंगे, बैठक शुरू होने के बाद हम आगे बढ़ेंगे तो फिर बैठक कैसे होगी. इसलिए हम रुकेंगे और रविवार तक का इंतज़ार करेंगे. उसके बाद ही देखेंगे क्या करना है."
तीसरे दिन भी पंजाब-हरियाणा की शंभू सीमा पर डटे रहे !
किसानों के साथ बातचीत से पहले गुरुवार को पंजाब-हरियाणा सीमा पर किसानों के पुलिस के बैरिकेड तोड़ कर दिल्ली की तरफ मार्च करने की कोशिशों को रोक दिया गय़ा था. दिल्ली की ओर आने वाले किसान गुरुवार को तीसरे दिन भी पंजाब-हरियाणा की शंभू सीमा पर डटे रहे. हालांकि पिछले दो दिनों की तुलना में तीसरा दिन शांत रहा.
किसानों से एक सीमा रेखा खींचकर दिनभर बैठके की. उन्होंने पहले ही घोषणा की हुई थी कि चंडीगढ़ में सरकार और किसान संगठनों के साथ होने वाली बातचीत का कोई नतीजा आने तक वो कोई अंगला कदम नहीं उठाएंगे.
शंभू सीमा पर BBC रिपोर्ट के अनुसार वहां दिन भर और ख़बर लिखे जाने तक शांति बनी रही.
उन्होंने बताया कि हरियाणा पुलिस ने किसानों को जहां रोक रखा है, उससे क़रीब 100 मीटर पहले ही किसानों ने गुरुवार सुबह एक रस्सी से बरियर भी बना दिया. उनका कहना था कि आज वो इससे आगे नहीं बढ़ेंगे. यह उनकी लक्ष्मण रेखा की तरह थी.
किसानों ने सुरक्षाबलों से बोला कि, "आप हम पर आंसू गैस के गोले मत छोड़िए आज हम यहां से आगे नहीं बढ़ेंगे."
हालांकि पिछले दोनों दिन इस जगह पर किसानों और सुरक्षाबलों के बीच जमकर तनातनी भी हुई. सुरक्षाबलों ने किसानों को निशाना बनाकर जमकर आंसू गैसे के गोले भी दागे थे और रबर की गोलियां चलाई थीं.
गुरुवार को शंभू सीमा पर दिन में पूरी तरह से शांति रही. सुरक्षाबलों की तरफ से आंसू गैस के गोले नहीं छोड़े गए, लेकिन रात 10 बजे के आसपास सुरक्षाबलों एक-दो गोले हरियाणा की तरफ से छोड़े.
शंभू बॉर्डर पर किसानों की गाड़ियों की क़रीब साढ़े तीन किलोमीटर लंबी लाइन लगी है. इस सड़क पर गाड़ियों की दो-तीन कतारें लगी हैं.
यहां प्रदर्शन में शामिल युवाओं ने पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के झंडे और पोस्टर लगाए हुए हैं.
किसानों ने एक गाड़ी पर अस्थायी मंच भी बना लिया है जिसके सामने 200 से 300 किसान दिन भर डटे रहे. इस दौरान किसानों और किसान नेताओं ने मंच पर से अपनी बात रखी.
पिछले दो दिनों में सुरक्षाबलों ने किसानों पर आंसू गैस के जो गोले चलाए हैं, किसानों ने उनके खाली डिब्बों को यादगार के तौर पर अपने पास रख लिया है.
यहां किसान लंगर चला रहे हैं और मिल-जुलकर खाना खा रहे हैं. एक संगठन ने भी यहां अपना लंगर लगाया है.
सुरक्षाबलों की कार्रवाई में घायल लोगों के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था भी की गई है.
सीमा पर मौजूद किसानों और किसान नेताओं का सारा ध्यान चंडीगढ़ में चल रही बैठक पर लगा था जो आधी रात के बाद भी चलती रही.
इस बैठक के नतीजे के आधार पर ही ये तय होना था कि किसानों को आगे दिल्ली की ओर कूच करना है या वापस लौट जाना है.
गुरुवार को भारत बंद की अपील
चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों और पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ तीसरे दौर की वार्ता में 14 किसान यूनियन नेताओं ने भाग लिया। (एक्सप्रेस फोटो)
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि उसके तहत आने वाले 37 किसान समूह कि शुक्रवार को देशव्यापी हड़ताल करेंगे जिससे "गांवों में कामकाज ठप" हो जाएगा.
वहीं भारतीय किसान यूनियन और दूसरे किसान संगठनों ने कहा है कि वो इसका समर्थन करेंगे और राष्ट्रीय राजमार्गों, रेलवे लाइनों और मुख्य सड़कों को बंद करेंगे.
केंद्र के साथ तीसरे दौर की वार्ता 'फलदायी'; हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट अभी भी बंद है!
अब तक की कहानी: इस बीच, जैसे ही किसानों का आंदोलन चौथे दिन में प्रवेश कर रहा है, हरियाणा सरकार ने "शांति और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए" इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने के अपने आदेश को 17 फरवरी (शनिवार) तक बढ़ा दिया है। इससे पहले गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) और बीकेयू डकौंडा (धनेर) के किसानों ने पंजाब भर के कई रेलवे स्टेशनों पर 'रेल रोको' प्रदर्शन किया। बुधवार को विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था, क्योंकि हरियाणा पुलिस ने किसानों को दिल्ली की ओर मार्च करने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां चलाईं, जिसमें कम से कम 40 किसान घायल हो गए। गोली लगने से घायल होने के कारण कम से कम तीन किसानों की आंखों की रोशनी चली गई।
भारत बंद: दिल्ली पुलिस हाई अलर्ट पर, सुरक्षा बढ़ाई गई
अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा दिए गए 'भारत बंद' के आह्वान के मद्देनजर दिल्ली पुलिस हाई अलर्ट पर है और राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
पुलिस के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में कई इलाकों में बैरिकेड लगाए जाने से यातायात प्रभावित हो सकता है। उत्तर प्रदेश से लगी गाज़ीपुर सीमा पर यातायात की अनुमति है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली पुलिस अतिरिक्त निगरानी रख रही है और शहर के मध्य भाग में संसद और अन्य संवेदनशील स्थानों की ओर बैरिकेड लगा दिए हैं।
एसकेएम ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए 'भारत बंद' का आह्वान किया है। --पीटीआई
एसकेएम के भारत बंद का आह्वान: पंजाब में कई बसें सड़कों से नदारद रहीं, जिससे यात्रियों को परेशानी हुई
एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के 'भारत बंद' के आह्वान के जवाब में पंजाब में यात्रियों को शुक्रवार को असुविधा का सामना करना पड़ा, क्योंकि कई बसें सड़कों से नदारद रहीं।
पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बंद के आह्वान का समर्थन कर रहे हैं। दिन में एसकेएम के बैनर तले किसान पंजाब में कई जगहों पर प्रदर्शन भी करेंगे. कई बस अड्डों पर यात्री अपने-अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए बसों का इंतजार करते दिखे। बसों की अनुपलब्धता के कारण मुख्य रूप से छात्रों और कार्यालय जाने वालों को असुविधा का सामना करना पड़ा। --पीटीआई
तस्वीरों में| ग्रामीण भारत बंद: बाजार, बसें बंद
ग्रामीण भारत बंद सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगा, किसान दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक देशभर की मुख्य सड़कों पर विशाल 'चक्का जाम' में शामिल होंगे। पंजाब में ज्यादातर राज्य और राष्ट्रीय राजमार्ग चार घंटे के लिए बंद रहेंगे.
पॉलिटिकल पल्स | जैसे-जैसे कृषि विरोध जारी है, भाजपा को पंजाब में गर्मी महसूस हो रही है, उसके नेता चुप्पी साध रहे हैं
जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं और पंजाब और हरियाणा में नए सिरे से किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है, सुनील जाखड़ का चेहरा उन बैरिकेड्स पर उनकी अनुपस्थिति से स्पष्ट है जो भाजपा के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार ने पंजाब के किसानों को दिल्ली की ओर बढ़ने से रोकने के लिए लगाए हैं।
तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 में किसानों के विरोध के दौरान एक लोकप्रिय चेहरा, जब वह पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) के अध्यक्ष थे, जाखड़ अब पंजाब भाजपा के अध्यक्ष हैं, जो मई 2022 में पद पर आसीन हुए हैं।
पंजाब के भाजपा नेताओं ने अब तक इस मुद्दे पर और साथ ही भाजपा के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार की भूमिका पर चुप्पी साध रखी है।
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