Paytm से नहीं सीखे तो नपेंगे! क्‍या थोक के भाव लोन बांट रहीं इन फिनटेक का अगला नंबर- भारतीय रिजर्व बैंक

Paytm से नहीं सीखे तो नपेंगे! क्‍या थोक के भाव लोन बांट रहीं इन फिनटेक का अगला नंबर- भारतीय रिजर्व बैंक

पेटीएम पर कड़ी कार्यवाही करने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कुछ P-2-P Lending Platform से नाखुशी जाहिर की है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि उनकी कई कारोबारी गतिविधियां Licensing Guidelines के अनुरूप नहीं है। इस तरह का उल्‍लंघन किसी भी तरह से बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा। ये पी-2-पी सीधे उधार लेने देने में मदद करते हैं।

मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सीधे कर्ज देने वाले कुछ पीयर-टू-पीयर लेंडिंग से नाराज है। उनकी कुछ कारोबारी गतिविधियां Licensing Guidelines के अनुरूप नहीं हैं। केंद्रीय बैंक ने साफ कर दिया है कि उसे ऐसे उल्लंघन कतई स्वीकार्य नहीं हैं। RBI Deputy Governor M Rajeshwar Rao ने शुक्रवार को यह बात कही है। राव ने यह बात ऐसे समय कही है जब "PAYTM" पर आरबीआई ने कड़ी कार्रवाई की है। Peer-to-Peer Lending Platform Online Platform होते हैं। लोगों को ये सीधे एक दूसरे को पैसे उधार देने और लेने में मदद करते हैं। ये प्लेटफॉर्म बैंकों या अन्य पारंपरिक वित्तीय संस्थानों की मध्यस्थता के बिना काम करते हैं।

Reserve Bank of India Deputy Governor M Rajeshwar Rao ने शुक्रवार को यह भी कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के लिए बैंक लाइसेंस मांगना अस्वाभाविक है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एनबीएफसी को पहले ही कुछ रेगुलेटरी बेनिफिट्स मिले हुए हैं। Rao Udyog Mandal सीआईआई के एक कार्यक्रम में पहुंचे हुए थे। उन्‍होंने छोटी रकम के कर्ज देने वाले लेंडर्स पर इस बात के लिए निशाना साधा कि नियामक ने उन्हें ब्याज दरों पर जो आजादी दी है, वे उसका दुरुपयोग करके अधिक ब्याज वसूलते हैं।

NBFC के ल‍िए बैंक जैसा बनने की मांग करना स्‍वाभाव‍िक नहीं

राव ने बोला कि, 'एनबीएफसी कुछ खास आर्थिक कार्य करने वाली विशिष्ट कंपनियों के रूप में विकसित हुई हैं। बैंक जैसा बनने की मांग करना उनके लिए अस्वाभाविक है।' दिलचस्प बात है कि यह टिप्पणी Sanjeev Bajaj, CMD, Bajaj Finserv के भाषण के ठीक बाद आई।

बजाज ने अपने भाषण में बोला था कि कम से कम कुछ एनबीएफसी के लिए Bank License के बारे में क्यों नहीं सोचना चाहिए। खासतौर से उनके बारे में जिन्होंने 10 साल पूरे कर लिए हैं और अनुपालन आवश्यकताओं को पूरा किया है।

इस पर राव ने बोला कि नियामक ने कुछ साल पहले universal Bank License के लिए आवेदन मांगे थे। लेकिन, किसी भी इकाई को इसके लिए मंजूरी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि आरबीआई अधिक संख्या में एनबीएफसी को जमा स्वीकार करने की अनुमति देने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने बताया कि एक भी नया लाइसेंस नहीं दिया गया है और जमा स्वीकार करने वाली एनबीएफसी की संख्या 200 से कम होकर अब केवल 26 रह गई है।

P-2-P लेंडिंग प्‍लेटफॉर्म से नाखुशी

उन्होंने सीधे लोन देने वाले मंचों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उनकी कुछ व्यावसायिक गतिविधियां लाइसेंसिंग दिशानिर्देशों के अनुरूप नहीं हैं। उन्‍होंने यह स्पष्ट किया कि ऐसे उल्लंघन स्वीकार्य नहीं हैं। डिप्टी गवर्नर ने एनबीएफसी से बैंकों में परिवर्तित होने की मांग के बारे में भी बात की। कहा कि एनबीएफसी को कुछ फायदे मिलते हैं।

पीयर-टू-पीयर लेंडिंग प्लेटफॉर्म कैसे काम करते हैं?

- लेंडर प्लेटफॉर्म पर एक खाता बनाते हैं और अपनी निवेश राशि जमा करते हैं।

- बॉरोअर प्लेटफ़ॉर्म पर एक खाता बनाते हैं और लोन के लिए आवेदन करते हैं।

प्लेटफॉर्म बॉरोअर की क्रेडिट रेटिंग का आकलन करता है और लोन की शर्तें तय करता है।

- लेंडर बॉरोअर को लोन देते हैं।

- बॉरोअर लोन चुकाता है, जिसमें ब्याज भी शामिल होता है।

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