पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना ज़िले के संदेशखाली गाँव में बीते कई दिनों से तनावग्रस्त हालात हैं.
संदेशखाली में अधिक संख्या में महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख़ और उनके समर्थकों पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.
शुक्रवार को बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी सहित बीजेपी के महिला प्रतिनिधिमंडल को पश्चिम बंगाल पुलिस ने संदेशखाली जाने से रोक दिया.
समाचार एजेंसी एएनआई पर एक वीडियो शेयर किया गया है जिसमें बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी को महिला पुलिसकर्मी रोकती दिख रही हैं और चटर्जी उनसे ये पूछ रही हैं कि ‘आखिर उन्हें क्यों रोका जा रहा है.’
शुक्रवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक टीम संदेशखाली पहुंची है.
#WATCH | West Bengal | BJP MP and State General Secretary Locket Chatterjee and Police officer enter into a verbal altercation.
— ANI (@ANI) February 23, 2024
BJP women's delegation was stopped by state Police as they headed towards Sandeshkhali. pic.twitter.com/WL4rDU5Ude
घर से जबरन ले जाकर महिलाओं से रेप, जमीनों पर कब्जा... जानिए कौन है संदेशखाली का असली कसूरवार?
बीते सोमवार को कोलकाता हाई कोर्ट ने बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी को संदेशखाली जाने की इजाज़त दी थी जिसके बाद वो मंगलवार को संदेशखाली गए थे.
इससे पहले उन्हें भी प्रशासन ने संदेशखाली जाने से रोका था. इसके बाद उन्होंने कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था.
वेस्ट बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट उपखंड में स्थित संदेशखाली इस समय पूरे देश में सुर्खियों में हैं. आदिवाशी किसानों की जमीन पर जबरन कब्जा करने से लेकर महिलाओं के साथ बर्बर अत्याचार तक, यहां बड़े पैमाने पर लोगों के साथ अत्याचार किया गया है. इस तरह के अपराध को करने के लिए यहां एक गैंग सक्रिय था, जिसका सरगना वही शाहजहां शेख है, जिसने ईडी की टीम पर जानलेवा हमला भी करवाया था. इस मामले में दो आरोपी तो पहले ही पुलिस की पकड़ में आ चुके हैं, लेकिन मुख्य आरोपी शाहजहां शेख अब तक फरार है.
मुल्जिम 1- शाहजहां शेख, TMC नेता
संदेशखाली का मुख्य आरोपी, अब तक फरार
मुल्जिम 2- शिबू हजारा, TMC नेता
8 दिनों की पुलिस रिमांड
मुल्जिम 3- उत्तम सरकार, TMC नेता
पुलिस अब तक 18 लोगों को कर चुकी है गिरफ्तार!
वेस्ट बंगाल में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस(ममता बेनर्जी सरकार) के इन तीन नेताओं के इर्द-गिर्द संदेशखाली का पूरा किस्सा जुड़ा हुआ है. इस सनसनीखेज मामले में पुलिस अब तक 18 लोगों को गिरफ्तार भी कर चुकी है. लेकिन सवाल यही है कि इस मामले का असली कसूरवार शाहजहां शेख आखिर कहां गायब है. बंगाल की पुलिस उसको तलाश क्यों नहीं कर पा रही, क्या उसको सियासी लोगो के ज़रिये संरक्षण मिली हुई है? ऐसे कई सवाल इसलिए बने हुए हैं, क्योंकि बंगाल की सियासत में अपराधियों को संरक्षण मिलना कोई नई बात नहीं है. हिंसा यहां के डीएनए में है.
इस संदेशखाली के गंभीर अपराध मामले ने पूरे देश के लोगो खास कर हिन्दू समुदाय में हड़कंप मचा रखा है. बवाल तेज हुआ तो टीएमसी सरकार पर विपक्ष हमला भी तेज हुआ इसमें बीजेपी ही TMC पर हाबी हैं. बीजेपी ने इसको जैसे मुद्दा बनाया लिया हैं, तो यही वजह के पुलिस को भी इतनी बड़ी आपराधिक घटना पर हरकत में आना पड़ा. पहले उत्तम सरकार और उसके बाद शिबू हजारा को तो गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन मुख्य आरोपी शाहजहां शेख पकड़ से बाहर ही बना हुआ हैं. हालांकि इस मामले में पुलिस का दावा है कि 6 फरवरी से पहले उसके पास कोई शिकायत नहीं आई थी. पुलिस की तरफ से 10 महिला अफसरों की एक एसआईटी गठित कर दी गई है.
पुलिस तक पहुंची शिकायत की जानकारी के अनुसार, गरीब और मजबूर लोगों की जमीनों को हड़पने का आरोप है. लेकिन इल्जाम इससे भी संगीन हैं. संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं ने जो आपबीती सुनाई है, उसे सुनकर किसी का भी दिल दहल सकता है. महिलाओं ने शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर अत्याचार करने, यौन उत्पीड़न करने और जबरन जमीन कब्जाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. एक महिला ने तो यहां तक कहा है कि टीएमसी के लोग गांव में घूमकर घर-घर जाकर चेक करते हैं. सुंदर महिलाओं की तलाश करते हैं. और फिर उसको अपनी हवस का शिकार खेत य़ा अन्य जगह कर दिया जाता था.
इसके बाद घर में यदि कोई सुंदर महिला या लड़की दिख जाती है तो टीएमसी नेता शाहजहां शेख के लोग उसका अपहरण कर लेते हैं. उसे पूरी रात अपने साथ पार्टी दफ्तर या किसी अन्य जगह पर रखकर उसके साथ रेप करते हैं. अगले दिन उसके घर के सामने लाकर छोड़ जाते हैं. यह मामला जैसे ही सामने आया तो राज्यपाल ने तुरंत संज्ञान लिया और खुद संदेशखाली ग्राम पहुँच गए. उन्होंने बताया कि संदेशखाली में जो हुआ है वो होश उड़ा देने वाला है. बहरहाल महिला आयोग की टीम संदेशखाली का दौरा कर रही है.
शाहजहां शेख बांग्लादेश की सीमा पर स्थित संदेशखाली में मछली का व्यापारी
शाहजहां शेख बांग्लादेश की सीमा पर स्थित संदेशखाली में मछली का व्यापारी है. वो चार भाई-बहनों में सबसे बड़ा भाई है. वो पहले ईंट भट्टे पर मजदूरी किया करता था. मगर अब करोडपति हैं उसका यह सफर धीरे-धीरे उसने यूनियन में अपनी पैठ बना ली. साल 2004 में ईंट भट्ठा यूनियन के नेता के रूप में राजनीति में कदम रखा. इसके बाद में सीपीआई (एम) इकाई में शामिल हो गया. अपने उग्र भाषणों और संगठनात्मक कौशल की वजह से टीएमसी नेतृत्व का उसकी ओर ध्यान गया. तब तक वो संदेशखाली का 'भाई' बन चुका था.
साल 2012 में टीएमसी के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव मुकुल रॉय और उत्तर 24 परगना टीएमसी जिला अध्यक्ष ज्योतिप्रिय मल्लिक की मौजूदगी में वो टीएमसी में शामिल हो गया. टीएमसी सत्ता में आई तो पहले से भी ज्यादा शक्तिशाली हो गया. साल 2018 में सरबेरिया अग्रघाटी ग्राम पंचायत के उप प्रमुख के रूप में पहचान मिली. वर्तमान में वो संदेशखाली टीएमसी इकाई का अध्यक्ष है. वो पारिवारिक और भूमि विवाद सुलझाने के लिए लोकप्रिय है. स्थानीय लोग उसको मसीहा और बाहुबली तक मानते हैं.
बताते चलें कि संदेशखाली वेस्ट बंगाल की राजधानी कोलकाता से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट उपखंड में आता है. यह बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ इलाका है. यहां अल्पसंख्यक और आदिवासी समाज के लोग सबसे अधिक रहते हैं. पिछले महीने जब तृणमूल कांग्रेस के नेता टीएमसी नेता शाहजहां शेखे के घर पर ईडी की टीम ने रेड की थी तो उसके इशारे पर लोगों ने ईडी की टीम पर ही हमला कर दिया था. उसके बाद से ही वो और संदेशखाली सुर्खियों में बना हुआ है.
Sandeshkhali village is extremely backward Constituency of West Bengal where SC ST combined population is more than 60% according to 2011 census.The ongoing outrage of valiant adivasi dalit women
— Subhajit Naskar (@subhajit_n) February 18, 2024
For👇.World seems to have forgotten to stand in solidarity.https://t.co/UQYdHB5ovU.
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