रुस भारत की दोस्ती पर जबाव, भारत के कुछ इलाकों पर दूसरे देश ने कब्जा किया, पूरी दुनिया चुप्प थी- एस. ज़यशंकर

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विदेश मंत्री एस जयशंकर Image Credit-dr.s. jaishankar Facebook Page

भारतीय सबसे प्रसिद्ध विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर अपने तार्किक उत्तरो से मिडिया में सूर्खियों में हैं, विदेशी मीडिय़ा के रूस-यूक्रेन से जुड़े सवाल पर जवाब दिया है। आपको बता दें कि पश्चमि देशो की मिडिय़ा हमेशा भारत को टार्गेट करती रहती हैं क्योंकि भारत ने जब से यूक्रेन में युद्ध शुरू हुआ है तब से बार भी रूस की आलोचना नहीं की है। यहां तक कि कई मौकों पर भारत ने रूस का मित्रवत खुलकर समर्थन और किया है। जब विदेशी पत्रकार के भारत द्वारा रूस की आलोचना नहीं करने से जुड़े एक और सवाल का दिल जीतने वाला उत्तर देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बीते शुक्रवार को कहा कि जब भारत के कुछ इलाकों पर दूसरे देश ने कब्जा किया तब तो पूरी दुनिया चुप्पी साधे रही।

रूस के साथ भारत के मित्रवत रिलेशन और यूक्रेन में युद्ध की उसकी आलोचना पर विदेश मंत्री ने दिल जीतने वाला जवाव देते हुए कहा कि, "कई बार विश्व राजनीति में, देश एक मुद्दा, एक स्थिति, एक सिद्धांत चुनते हैं और वे इसपर इसलिए जोर देते हैं कि वह उनके अनुकूल होता है। लेकिन अगर कोई सिद्धांत पर गौर करे तो भारत में हम लोग किसी अन्य देश के मुकाबले बेहतर जानते हैं।" उन्होंने कहा, "आजादी मिलने के तुंरत बाद, हमने आक्रमण देखा, हमारी सीमाओं में बदलाव की कोशिश हुई और बल्कि आज भी भारत के कुछ हिस्सों पर एक अन्य देश का कब्जा है, लेकिन हमने इसपर दुनिया को यह कहते नहीं देखा कि चलो हम सभी भारत का साथ दें।"

जयशंकर ने आंगे जवाव देते हुए कहा कि, "आज हमें बताया जा रहा है कि यह सिद्धांतों का मामला है। काश, मैं यह सिद्धांत पिछले 80 वर्ष में देखता। मैंने इन सिद्धांतों को मनमाने ढंग से इस्तेमाल करते हुए देखा है।" उन्होंने कहा, "मैं कहूंगा कि हमारे साथ अन्याय किया गया। मैं इसकी पैरवी नहीं कर रहा हूं कि हर किसी के साथ ऐसा किया जाना चाहिए। हमारा रुख बहुत स्पष्ट रहा है। मेरे प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बगल में खड़े होकर कहा है कि हम इस संघर्ष को खत्म होते देखना चाहते हैं।"

इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की पत्नी अकी आबे से शुक्रवार को भी मुलाकात की थी  और भारत-जापान संबंधों को आगे बढ़ाने में दिवंगत प्रधानमंत्री के  योगदान को भी याद किया था। आबे (67) की आठ जुलाई 2022 को जापान के नारा में एक चुनाव प्रचार अभियान के दौरान गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी।

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