Ladakh: 20 दिन से भूख हड़ताल कर रहे सोनम वांगचुक, क्यों Ladakh में सड़कों पर उतरे हैं हजारों लोग ? भूख हड़ताल और प्रदर्शन जारी

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Sonam Wangchuk: भारत का सबसे सुन्दर केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को छठी अनुसूची के तहत राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग स्थानिय लोगो से लंबे समय से लगातार उठ रही है. सोनम वांगचुक वर्तमान समय में इसके लिए भूख हड़ताल पर हैं. अब इनके समर्थन में केडीए ने भी स्ट्राइक शुरू की है.

लद्दाख को छठी अनुसूची के तहत राज्य का दर्जा और संवैधानिक सुरक्षा उपाय दिए जाने की मांग कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक 20 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं. उन्होंने वीडियो जारी कर कहा है कि अभी तक सरकार की तरफ से एक शब्द नहीं बोला गया है. सोनम वांगचुक केवल पानी और नमक का सेवन कर रहे हैं. उनके समर्थन में भारी संख्या में लोग उपवास कर रहे हैं.

सोनम वांगचुक ने क्या कहा देखें विडियो ..


KDA Hunger Strike: लद्दाख के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक पिछले 6 मार्च से लेह में भूख हड़ताल पर हैं. वह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को छठी अनुसूची के अंर्तगत राज्य का दर्जा दिए जाने और संवैधानिक सुरक्षा उपायों की भी मांग कर रहे हैं. रविवार (24 मार्च) को कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) ने भी कारगिल में विरोध प्रदर्शन जारी किया और भूख हड़ताल भी शूरू की हैं.

आपको बता दें कि पिछले दिनों दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ लद्दाख की एपेक्स बॉडी लेह (ABL) और कारगिल डेमाक्रेटिक अलायंस की बातचीत विफल होने के बाद सोनम वांगचोक ने भूख हड़ताल शुरू की थी. उन्होंने अपनी भूख हड़ताल को क्लाईमेट फास्ट (जलवायु के लिए उपवास) नाम दिया है.

रविवार सुबह कारगिल के हुसैनी पार्क में केडीए के सदस्य, पार्षद, धार्मिक नेता, युवा, राजनेता और सामाजिक कार्यकर्ता हुसैनी पार्क पहुंचे और भूख हड़ताल पर बैठ गए. हुसैनी पार्क करीब सौ लोगों ने भूख हड़ताल शुरू की.

आज मेरे साथ 5000 लोग उपवास कर रहे- सोनम वांगचुक

सोनम वांगचुक नियमित तौर पर अपने X हैंडल से वीडियो पोस्ट शेयर कर भूख हड़ताल का अपडेट भी दे रहे हैं. रविवार को उन्होंने एक्स पर पोस्ट शेयर किया, ''आज मेरे साथ 5000 लोग उपवास कर रहे हैं. सुबह का तापमान माइनस चार डिग्री सेल्सियस है. चूंकि प्रकृति को हमारी संसदों और नीति निर्धारण में कोई गंभीर स्थान नहीं मिलता है, इसलिए मैं यहां एक अजीब विचार साझा कर रहा हूं. प्रकृति को मतदान का अधिकार.'' उन्होंने वीडियो में स्पष्ट किया कि प्रकृति के प्रतिनिधि भी संसद में होने चाहिए.

सोनम वांगचुक ने पोस्ट में लिखा, ''यह (प्रकृति के प्रतिनिधि) अजीब लग सकता है, जैसे लगभग 100 साल पहले तक महिलाओं या अश्वेतों को मतदान का अधिकार देना अकल्पनीय था. सवाल यह है कि कौन सा देश इसकी शुरुआत सबसे पहले कर सकता है! क्या वह भारत हो सकता है?''

महबूबा मुफ्ती ने भी किया समर्थन

बता दें कि लद्दाख के लोगों की मांग के समर्थन में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर प्रतिक्रिया दी है. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार को एक्स पर लिखा, ''अब जब बीजेपी और पूंजीपतियों के बीच सांठगांठ उजागर हो गई है तो यह सटीक स्पष्टीकरण देता है कि भारत सरकार लद्दाखियों की वैध मांगों को क्यों नजरअंदाज कर रही है. दुर्बल सोनम वांगचुक के परेशान करने वाले दृश्यों ने भी जरा भी सहानुभूति या चिंता पैदा नहीं की है.''

पीडीपी चीफ ने इंडियन एक्सप्रेस की खबर का लिंक शेयर करते हुए पोस्ट में लिखा, ''अब जम्मू-कश्मीर के लिथियम भंडार को भी लूटा जा रहा है और संदिग्ध कंपनियों को उपहार में दिया जा रहा है, जो बाद में इस अवैध आय का एक हिस्सा सत्तारूढ़ दल को 'पार्टी फंड' के रूप में दान करेंगी.''

सोनम वांगचुक लद्दाख में क्यों कर रहे हैं विरोध?

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सोनम वांगचुक की 21 दिन की भूख हड़ताल!

लद्दाख के इंजीनियर और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक इस क्षेत्र में शिक्षा और सतत विकास के लिए अपने अभिनव दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। 6 मार्च को समुद्र तल से 3,500 मीटर की ऊंचाई पर शून्य से भी कम तापमान में आयोजित उनके विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य लद्दाख को स्वायत्तता दिलाना और हिमालयी क्षेत्र की नाजुक पारिस्थितिकी और ग्लेशियरों को औद्योगिकीकरण से हो रहे नुकसान को उजागर करना है।

'3 दिन और जारी रहेगा'

अपने समर्थकों के रुकने के अनुरोध के बावजूद, वांगचुक ने कहा कि वह शुरू में तय की गई योजना के अनुसार तीन दिन और जारी रखेंगे।

2000 लोग विरोध स्थल पर आए: वांगचुक

सोनम वांगचुक ने कहा कि शनिवार को लेह शहर में उनके विरोध स्थल पर अपना समर्थन दिखाने के लिए करीब 2,000 लोग आए थे।

सोनम ने राज्य का दर्जा मांगा!

सोनम वांगचुक लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची लागू करने की मांग कर रहे हैं। छठी अनुसूची आदिवासी क्षेत्रों के लिए भूमि संरक्षण और स्वायत्तता सुनिश्चित करती है।

चीनियों द्वारा भूमि पर अतिक्रमण का आरोप!

सोनम वांगचुक ने आरोप लगाया कि दक्षिण में विशाल औद्योगिक संयंत्रों और उत्तर में चीनी अतिक्रमण के कारण वे प्रमुख चरागाह भूमि खो रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जमीनी हकीकत दिखाने के लिए हम जल्द ही 10,000 लद्दाखी चरवाहों और किसानों के साथ सीमा मार्च की योजना बना रहे हैं।

वांगचुक ने लेह और कारगिल के लिए अलग-अलग लोकसभा सीटों की भी मांग की

वांगचुक ने लेह और कारगिल के लिए अलग-अलग लोकसभा सीटों, स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर और लद्दाख में लेह और कारगिल जिलों के लिए लोक सेवा आयोग की भी मांग की।

वांगचुक ने औद्योगीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया!

वांगचुक ने औद्योगीकरण से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान पर चिंता जताई। उन्होंने स्थानीय लोगों से सलाह किए बिना 13 गीगावाट की परियोजना लागू करने के लिए सरकार की आलोचना की।

'फिर से उपवास करूंगा'!

वांगचुक ने कहा कि उनके समर्थकों ने उन्हें बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण अपनी हड़ताल जल्दी खत्म करने के लिए कहा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि हड़ताल खत्म होने के बाद भी स्थानीय लोग तब तक बारी-बारी से भूख हड़ताल करेंगे, जब तक कि वह फिर से उपवास करने के लिए पर्याप्त ताकत हासिल नहीं कर लेते।

लद्दाख में वर्तमान में एक लोकसभा सीट है!

लद्दाख, जो पहले जम्मू और कश्मीर का हिस्सा था, अब बिना विधानसभा के केंद्र शासित प्रदेश बन गया है। इस क्षेत्र के जम्मू और कश्मीर विधानसभा में चार प्रतिनिधि थे। वर्तमान में, लद्दाख में एक ही लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है।

सोनम वांगचुक लद्दाख में क्यों कर रहे हैं विरोध? Video In Detail..👇


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