ड्राइवर को गोली मारी, 35 लोगों को बचाने के लिए बस को 30 किमी तक चलाया, थाने पहुँचते ही बेंहोश

Nagpur-Bus-Driver-Saved-Pilgrims

Nagpur Bus Driver Saved Pilgrims: महाराष्ट्र से बहादुरी की खबर सामने आ रही हैं, अक्सर हमने फिल्मो में देखा हैं कि हीरो को गोली लगने के बाद भी अपनो की जान बचाता हैं, और उसे देख हम भाव विभोर हो जाते हैं, मगर ये उनका अभिनय होता हैं ज़िसमें गोली लगने का दर्द परदे वाला अभिनयकर्ता नही समझ सकता, मगर महाराष्ट्र के नागपुर से ऐसी ही बहादुरी वाली घटना सामने आयी हैं ज़िसमें सुनसान सडक पर कुछ लुटेरो ने 35 लोगो से भरी सडक पर फायर करना शुरू कर दिया ज़िसमें एक गोली बस ड्राईवर को लगी मगर गोली लगने के वावजूद भी उसने बस नही रोकी और 30 KM तक बस चलाता रहा बस में बेठे य़ात्रियों के अनुसार ड्राईवर दर्द से चिल्लाता रहा मगर ड्राई वर ने बस नही रोकी और थाने में पहुँचते ही बेहोंस हो गया यह घटना नागपुर की बतायी जा रही हैं जिसमें लुटेरों ने श्रद्धालुओं से भरी बस को घेर लिया था। ड्राइवर को गोली लगी, फिर भी उसने 35 श्रद्धालुओं की जान बचाई। उसने लुटेरों के धमकाने पर भी बस नहीं रोकी, बल्कि उसे दौड़ाता रहा। पुलिस थाने पहुंचकर ड्राइवर बेहोश हो गया, लेकिन उसकी बहादुरी के चर्चे अब देशभर में हो रहे हैं। आप भी जानिए किस्सा...

Brave Bus Driver Saved Pilgrims Life: यदि आप नागपुर के एक बस ड्राइवर की बहादुरी की सच्ची कहानी सुनेंगे तो सच मानिए आपका सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा। एक बस में 35 श्रद्धालुओं से भरी बस अपने मंज़िल की ओर जा रही थी कि रास्ते में लुटेरों ने घेर लिया। मगर ड्राईवर को जान का खतरे का अन्देसा हो गया और बस नहीं रोकी, बस न रोकने पर लुटेरों का गुस्सा सातवे आसमान पर हो गया और लुटेरो ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। लगातार हुई अधाधुंध फायरिंग में एक गोली बस ड्राइवर की बाजू में लगी, लेकिन उसने बस नहीं रोकी।

नागपुर में कहाँ की हैं घटना?

यह घटना नागपुर के बुलढाणा जिले के शेगांव स्थित रास्ते की हैं बस में 35 तीर्थयात्रियों को नागपुर ले जा रहे एक मिनीबस चालक ने रविवार देर रात अपनी बांह में गोली लगने के बावजूद 30 किलोमीटर की दूरी तय करके राजमार्ग पर ट्रिगर-हैप्पी अपहर्ताओं को चकमा देने में अभूतपूर्व साहस दिखाया, फिर एक पुलिस स्टेशन में प्रवेश किया, खून बह रहा था और थका हुआ था।

क्या हैं पूरा मामला किस तरह से बचायी जान?

42 वर्षीय ड्राइवर खोमदेव कवाडे ने अमरावती-नागपुर राजमार्ग पर पीछा कर रहे कार सवार गिरोह की गोलियों की बौछार के सामने अपना धैर्य बनाए रखा। बदमाशों ने विंडस्क्रीन पर चार राउंड गोलियां चलाईं और एक गोली को छोड़कर बाकी सभी गोलियां उसके हाथ में जा लगीं।

असहनीय दर्द और बहते खून के बावजूद, उन्होंने स्टीयरिंग व्हील पर नियंत्रण नहीं खोया, गोलियों से बचते रहे और नागपुर से 100 किमी दूर सावदी गांव में अपहर्ताओं को चकमा देते हुए अंततः तेओसा पुलिस स्टेशन पहुंच गए।

अमरावती पुलिस ने बस में कई यात्रियों के घायल होने की अफवाहों का खंडन किया और स्पष्ट किया कि केवल चालक को गोली लगी है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "वीर चालक ने सुनिश्चित किया कि सभी तीर्थयात्री सुरक्षित हों।"

नागपुर की यात्रा फिर से शुरू करने से पहले कावड़े कुछ देर के लिए अमरावती के अंबे माता मंदिर में रुके थे। नंदगांवपेठ टोल नाका पार करने के कुछ ही देर बाद कावड़े ने देखा कि उसका पीछा किया जा रहा है। प्रारंभ में, उसने वाहन को आगे निकलने देने की कोशिश की, इससे पहले कि गोलियां चलने लगीं।

मीडिया रिपोर्ट से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अपनी बहादुरी और अपने काम के प्रति समर्पण दिखाते हुए ड्राइवर ने करीब 30 किलोमीटर तक बस दौड़ाई और थाने ले गया। हालांकि इस दौरान ड्राइवर दर्द के मारे चिल्लाता रहा और उसके कपड़े भी खून से सने थे, लेकिन ड्राइवर ने अपनी जान दांव पर लगाकर 35 श्रद्धालुओं की जान बचा ली। ड्राइवर अभी अस्पताल में भर्ती है और उसकी जान खतरे से बाहर बताई जा रही है।


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ