भारत में नशे का अभियान चलाना वैसा ही हैं जिस तरह पर्यावरण दिवस पर एक मुख्य आदमी पेड लगाता हैं और उसके साथ 10 फोटो खिचाने वाले होते हैं, जबकि उस पेड को मज़दूर ने लगाया वो उस फोटो में नही होता कहने का आशय हैं दिखावा हैं, और नशे के नाम पर जो अभियान चलाए जाते हैं क्या मात्र संस्थाओ की फार्मेलटी होती हैं, क्योंकि शहरो के मुख्य चौराहे पर इन गुटखा कंपनी के आकर्षित करने वाले बोर्ड देखें जा सकते हैं, यदि ये संस्थाए सच में नशा मुक्त भारत चाहते हैं तो इनको ऐसे ऐड पर कार्यवाही करना चाहिये 2015 से लेकर एक लाख आबादी वाले शहर में तीन शराब की बड़ी शाप देखी जा सकती हैं जबकि इससे पहले 1 ही शराब शॉप थी क्या इस तरह से नशा मुक्त भारत बनेगा?
वही भारत में कॉलेज य़ा अन्य युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए सरकार और पुलिस लगातार प्रयास करती रहती है। कभी कोई मार्च निकालकर तो कभी कोई सेमिनार करके जागरुकता फैलते हैं, और जिस सड़क से मार्च निकलता हैं उसी सड़क पर बनी वाईन शॉप से लोग शराब लेते हुए दिखे जा सकते हैं ये सच्चाई हैं। क्या हो अगर ऐसे में कोई पुलिस की ही भूमिका पर सवाल उठ जाए। सोशल मीडिया पर एक छात्र का वीडियो वायरल भी हुआ जहां वह एक कार्यक्रम के समय पुलिस के अधिकारी से नशे के खिलाफ उनके काम को लेकर सवाल करते नजर आय़ा हैं।
ऑडिटोरियम में पुलिस अधिकारी की उपस्थि में था कार्यक्रम!
इस वीडियो में एक पुलिस अधिकारी स्टेज के पोडियम में खड़े देखें जा सकते हैं। पूरा ऑडिटोरियम युवा छात्रों से भरा हुआ है। इस बीच एक यूनिवर्सिटी का एक बच्चा बोलता हुआ दिखता है और स्टेज पर खड़े अधिकारी से जबरदस्त सवाल भी करता है। ज़िससे ताली की अवाजो से पूरा ऑडिटोरियम गूंज जाता हैं.
We need more students like him! Proves what a sham the Police are pic.twitter.com/uquI1Wt4dY
— Dr Aniruddha Malpani, MD (@malpani) March 7, 2024
आज के समय में गांजा मिलना, या नशे से जुड़ी कोई सामग्री मिलना, टॉफी-चॉकलेट जितना आसान!
छात्र विडियो में कहता हुआ देखा जा रहा है, 'हमने नशे के ऊपर यह सेमिनार सुना। यूनिवर्सिटी नशे का सबसे बड़ा एपिसेंटर है। यहां हम चार-पांच यूनिवर्सटी के बच्चे यहां पर बैठे हैं। आज के समय में गांजा मिलना, या नशे से जुड़ी कोई सामग्री मिलना, टॉफी-चॉकलेट जितना आसान हो गया है। सर अगर फर्स्ट ईयर या सेकंड ईयर का बच्चा गांजे के डीलर को ट्रेस कर सकता है, तो पुलिस क्यों नहीं कर पाती, क्या पुलिस ही पीछे छिपी है?'
पुलिस चौकी के सामने मिलता है गांजा!
छात्र आंगे बोलता हैं कि 'सर अभी मेरी बात पूरी नहीं हुई है। मैं खुद की अंत में छात्र कहता है कि कॉलेज के सामने पुलिस चौकी के पास ही गांजा बिकता है। वो पूछता है कि क्या उन्हें नहीं लगता कि ये पुलिस की नाकामी है?'
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