NDA 3.0: नायडू-नीतीश के साथ इन 10 सांसदों पर भी BJP के चाणक्यो की नजर, जानें कहाँ से है ये निर्दलीय सांसद?

NDA 3.0: नायडू-नीतीश के साथ इन 10 सांसदों पर भी BJP के चाणक्यो की नजर, जानें कहाँ से है ये निर्दलीय सांसद?

Along With Naidu-Nitish, BJP's Chanakyas Are Also Keeping An Eye On These 10 MPs: भाजपा के राजनेतिक चाणक्यो की नजरें उन निर्दलीय सांसदों और पार्टियों पर भी बनी हुई हैं, जो न तो एनडीए का हिस्सा हैं और न ही इंडिया गठबंधन का। ऐसे सांसदों का आंकड़ा 17 है। इनमें से कुछ निर्दलीय सांसद भी मोदी सरकार 3.0 का भविष्य तय कर सकते हैं।

Along With Naidu-Nitish, BJP's Chanakyas Are Also Keeping An Eye On These 10 MPs: लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामों में किसी भी पार्टी को स्पष्ट जनादेश इस बार भारतिय नागरिको ने नही दिया है, नहीं मिला है। हालांकि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को 293 सीटें मिली हैं, जो कि 2024 का सबसे बडा दल बनकर फिर सामने आया। जबकि इंडिया गठबंधन के खाते में 234 सीटें आई हैं। ऐसे में दोनों गठबंधन की नजरें बिहार के सीएम नीतीश कुमार और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू पर हैं। इन दोनों नेताओं ने अपना समर्थन भाजपा को दिया है। मगर इन दलों पर क्या भाजपा शीर्ष नेतृत्व 5 वर्ष के लिए NDA सरकार बनी रहने के लिए भरोसा ज़ता सकती है क्यों? जेडीयू के खाते में 12 और टीडीपी के खाते में 16 सीटें आई हैं, जो मौजूदा राज़नेतिक ऊलट फेर की परिस्थितियों में बेहद महत्वपूर्ण हैं। अभी भाजपा की नजरें सिर्फ इन्हीं दोनों पार्टियों के कदमों पर नहीं टिकी हैं, उनके राजनिती रणनितीकार अलग ही योजना बना रहे है. और निर्दलीय सांसदों और पार्टियों पर भी टिकीं हैं, जो न तो एनडीए का हिस्सा हैं और न ही इंडिया गठबंधन का। ऐसे सांसदों का आंकड़ा 17 है। इनमें से कुछ निर्दलीय सांसद भी मोदी सरकार 3.0 का भविष्य तय कर सकते हैं।

इन 17 निर्दलीय सांसदों में एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, बिहार के पूर्णिया से जीतने वाले पप्पू यादव, उत्तर प्रदेश के नगीना से जीतने वाले चंद्रशेखर आजाद, पंजाब के फरीदकोट से जीतने वाले सबरजीत सिंह खालसा, खंडूर साहिब से जीतने वाले अमृतपाल सिंह, शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल, वाईआरसीपी के चार सांसद, झोरम पीपुल्स मूवमेंट का एक सांसद, पीपुल्स पार्टी के एक सांसद, यूपीपीएल के एक सांसद के अलावा 4 अन्य पार्टियों के निर्दलीय सांसद हैं। सूत्रों का कहना है कि इन 17 में से 10 निर्दलीय सांसदों से भाजपा ने संपर्क किया है।

निर्दलीय सांसद कौन-कौन से राज्यो से जीते?

- उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में भाजपा ने 74 सीटों पर चुनाव लड़ा। जबकि उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) और अपना दल (एस) ने दो-दो सीटों पर चुनाव लड़ा। भाजपा को 33 सीटों पर जीत मिली। वहीं, आरएलडी को दोनों सीटों पर जीत हासिल हुई। अपना दल सोनेलाल की पार्टी एक सीट पर जीती। इंडिया ब्लॉक में शामिल सपा 37 सीटों पर और कांग्रेस 6 सीटों पर जीती। जबकि एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली।

- महाराष्ट्र की 48 सीटों में भाजपा 9 सीटें जीत चुकी है। गठबंधन की सहयोगी एनसीपी ने एक सीट जीती। शिवसेना (शिंदे गुट) को 7 सीटों पर जीत मिली। इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस ने 13 सीटें जीतीं। शिवसेना (उद्धव गुट) 9 सीटों पर जीत चुकी है। एनसीपी शरद चंद्र पवार ने 8 सीटों पर जीत हासिल की। सांगली सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार जीता।

- आंध्र प्रदेश की 25 सीटों में भाजपा को 3 सीटों पर जीत हासिल हुई है। वहीं, सहयोगी पार्टी टीडीपी को 16 सीट पर जीत मिली है। जनसेना पार्टी ने दो सीटें जीतीं। वाईएसआरसीपी चार सीट जीतने में कामयाब रही।

- तेलंगाना की 17 सीटों पर भाजपा ने 8 सीटों पर जीत हासिल की। कांग्रेस ने भी 8 सीटों पर जीत दर्ज की। ओवैसी को सिर्फ एक ही सीट पर जीत मिली।

- बिहार की 40 सीटों में भाजपा को 12 सीट पर जीत मिली। सहयोगी दल जदयू को भी 12 ही सीटों पर जीत मिली। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 5 सीटों पर जीती। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने एक सीट जीती। वहीं, इंडिया ब्लॉक में कांग्रेस को 3 सीटें और आरजेडी को चार सीटों पर जीत मिली। सीपीआई एम ने भी दो सीटें जीतीं। पूर्णिया की सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव ने जीत दर्ज की।

- तमिलनाडु की 39 सीटों में डीएमके ने 22 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, कांग्रेस ने 9 सीटों पर जीत हासिल की। एमडीएमके को 1 सीट मिली। सीपीआई, सीपीआई (एम) और वीसीके को दो-दो सीटें मिलीं। एक सीट पर आईयूएमएल और एमडीएमके ने जीती।

- राजस्थान की 25 सीटों पर भाजपा ने 14 सीटें जीतीं। वहीं इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस ने 8 और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, भारत आदिवासी पार्टी, सीपीआई (एम) तीनों को एक-एक सीट मिली।

- केरल की 20 सीटों पर सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस बनकर आई है। कांग्रेस को 14 सीटों पर जीत मिली। वहीं सहयोगी दल आईयूएमएल ने 2 सीटें जीतीं। केरल कांग्रेस और आरएसपी ने एक-एक सीट जीती। उधर भाजपा सिर्फ एक सीट पर जीत सकी। सीपीआई (एम) को भी एक ही सीट मिली।

- असम की 14 सीटों में से भाजपा ने 9 सीटों पर जीत दर्ज की। सहयोगी दल यूपीपीएल और एजीपी ने एक-एक सीट जीती। वहीं कांग्रेस 3 सीटों पर जीत सकी।

- झारखंड की 14 सीटों में से भाजपा को 8 सीटों पर जीत मिली। सहयोगी दल आजसू पार्टी एक सीट जीत सकी। वहीं इंडिया गठबंधन में कांग्रेस दो सीट पर जीती। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 3 सीटों पर जीत दर्ज की।

- पंजाब की 13 सीटों में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली। इंडिया गठबंधन ब्लॉक में शामिल कांग्रेस ने सात सीट जीतीं। वहीं आम आदमी पार्टी ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की। जबकि शिरोमणि अकाली दल के खाते में एक सीट आई। दो सीटें निर्दलीय उम्मीदवार जीते। दो निर्दलीय में से एक खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह है। वह खंडूर साहिब सीट से चुनाव जीता है। वह फिलहाल असम की जेल में बंद है। इसके अलावा फरीदकोट सीट से सरबजीत सिंह खालसा ने जीत दर्ज की।

- जम्मू कश्मीर की 5 सीटों में से जम्मू और उधमपुर सीट भाजपा के खाते में गईं। जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस को यहां 2 सीटें मिलीं। बारामूला सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी इंजीनियर राशिद ने जीत हासिल की, जो इन दिनों टैरर-फंडिंग के मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।

पूर्वोत्तर के 7 राज्यों में भी जीते निर्दलीय उम्मीदवार!

देश के 7 पूर्वोत्तर राज्य- अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा, नगालैंड- में कुल 25 सीटें हैं। जिसमें त्रिपुरा में भाजपा ने दो सीटें जीतीं। मणिपुर में कांग्रेस को दो, अरुणाचल प्रदेश में भाजपा ने दोनों सीटों पर जीत हासिल की। मेघालय में सिर्फ दो सीटें हैं, जिसमें एक पर कांग्रेस को जीत मिली। दूसरी सीट स्थानीय पार्टी को मिली। असम की 9 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की। सहयोगी दल यूपीपीएल और एजीपी एक-एक सीट पर जीती। वहीं कांग्रेस को सिर्फ 3 सीटों पर जीत मिली। नगालैंड में एक सीट कांग्रेस जीती। चंडीगढ़ में एक सीट पर कांग्रेस को जीत मिली। वहीं, दादर नगर हवेली और दमन दीव में एक सीट भाजपा और एक अन्य को मिली। लद्दाख में एक सीट निर्दलीय को मिली। इसके अलावा लक्षद्वीप और पुडुचेरी की कुल दो सीटें कांग्रेस के खाते में गईं।

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