1890/1911 गोंड राजा बहादुर भूप देव सिंह, रायगढ़ के राजा

Rath Yatra In Raigarh: रायगढ़ राजघराने के राजा भूपदेव सिंह ने की थी जगन्नाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा  रायगढ़ राजघराने के राजा भूपदेव सिंह ने

रायगढ़ राजघराने के राजा भूदेव सिंह ने अपने दूसरे बेटे के जन्म के बाद महल के सामने भगवान जगन्नाथ के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करवाई। तब से यहां भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा हर साल निकाली जाती है

रायगढ़: रायगढ़ राजघराने के राजा भूपदेव सिंह ने दूसरे पुत्र की प्राप्ति के लिएजगन्नाथ भगवान से एक मनोकामना की ज़िसमें उन्होने पुत्र के होने पर भगवान जगन्नाथ के मंदिर के निर्माण का संकल्प लिया.  कुछ ही समय बाद ही राजा के घर दूसरा पुत्र चक्रधर सिंह पैदा हुए। चक्रधर सिंह के जन्म होने की खुशी में राजा भूपदेव सिंह ने राज महल के सामने ही भगवान जगन्नाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की। उन्होंने श्री जगन्नाथ स्वामी की रथ यात्रा भी निकाली। तब से लेकर अब तक लगातार रथ यात्रा निकाली जा रही है। 

Rath Yatra In Raigarh: रायगढ़ राजघराने के राजा भूपदेव सिंह ने की थी जगन्नाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा  रायगढ़ राजघराने के राजा भूपदेव सिंह ने

हर जगह निकाली जाती है रथयात्रा..

वैसे तो जगन्नाथ जी की रथ यात्रा जगन्नाथपुरी से निकाली जाती है, लेकिन भारत ही नहीं दुनिया के अन्य देशों में भी हिंदू अनुयायी रथ यात्रा निकालते हैं।

महल के सामने की गयी मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा..

रायगढ़ राजघराने के राजा भूदेव सिंह ने अपने दूसरे बेटे के जन्म के बाद महल के सामने भगवान जगन्नाथ के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करवाई। तब से यहां भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा हर साल निकाली जाती है

रायगढ़ राजघराने के राजा भूदेव सिंह ने अपने दूसरे बेटे के जन्म के बाद महल के सामने भगवान जगन्नाथ के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करवाई। तब से यहां भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा हर साल निकाली जाती है

रायगढ़ राजघराने के राजा भूदेव सिंह ने अपने दूसरे बेटे के जन्म के बाद महल के सामने भगवान जगन्नाथ के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करवाई। तब से यहां भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा हर साल निकाली जाती है

रायगढ़ राजघराने के राजा भूदेव सिंह ने अपने दूसरे बेटे के जन्म के बाद महल के सामने भगवान जगन्नाथ के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करवाई। तब से यहां भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा हर साल निकाली जाती है

श्री जगन्नाथ मंदिर के सदस्य देवेश शांगी ने बताया "राजा भूपदेव सिंह को दूसरे पुत्र की प्राप्ति के कुछ समय बाद ही महल के सामने श्री जगन्नाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा राजा ने कराई। तब से यहां जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जा रही है। इस बीच में कुछ साल यह रथयात्रा नहीं निकाली गई थी। जिसके बाद राजा ललित सिंह द्वारा उत्कल सेवा समिति को पास किया गया था। राजा ललित सिंह ने अपनी सहमति दी मंदिर और रथ यात्रा के संचालन की अनुमति वर्ष 1990 में दी। तब से लगातार उत्कल सेवा समिति रथयात्रा निकाली जाती है।समिति मंदिर का जीर्णोद्धार भी करती है।

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