जिले में डबल लॉक केन्द्र, सहकारी एवं निजी क्षेत्र में उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता
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कलेक्टर सुश्री ऋजु बाफना ने कृषि विभाग एवं कृषि से संबद्ध विभिन्न विभागों की विस्तृत समीक्षा गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में की। उन्होंने कहा कि जिले में इस समय रबी बोवनी का सीजन चल रहा है। इसको देखते हुए ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये कि किसानों को खाद प्राप्त करने में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े। कलेक्टर ने महाप्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक को निर्देशित किया कि किसी भी स्थिति में सेवा सहकारी समितियों में खाद की कमी नहीं होना चाहिये। जिन समितियों में डीएपी नहीं है, वहां तत्काल एनपीके कॉम्पलेक्स उर्वरक की व्यवस्था करें। सुश्री बाफना ने समर्थन मूल्य पर मूंग उपार्जन की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि शेष किसानों को एक सप्ताह के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया जावे। उन्होंने कहा कि किसानों को समझाइश दी जाये कि वे गन्ना फसल का अपशिष्ट नहीं जलायें, उसका निष्पादन वैज्ञानिक तरीके से करें। एक जिला- एक उत्पाद को व्यापक स्तर पर प्रोत्साहित करें। उद्यानिकी से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए ट्रायबल क्षेत्र पर फोकस करें, भ्रमण करें और जागरूकता बढ़ायें। आजीविका मिशन के स्वसहायता समूहों का सहयोग लें। कुक्कुट पालन में भी आजीविका मिशन के स्वसहायता समूह को सहभागी बनायें। आजीविका मिशन के समूहों को धान उपार्जन से भी जोड़ें। ट्रायबल क्षेत्र में बीज की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें। विक्रय केन्द्रवार खाद की उपलब्धता की जानकारी नियमित रूप से दें, जिससे किसानों को खाद प्राप्त करने में आसानी हो। उप संचालक कृषि श्री राजेश त्रिपाठी ने बताया कि जिले में 5913 मे. टन यूरिया, 1891 मे. टन डीएपी, 4778 मे. टन एसएसपी, 218 मे. टन पोटाश और 2383 मे. टन अन्य काम्पलेक्स उर्वरक उपलब्ध है। जिले में वर्तमान में डबल लॉक केन्द्रों में 1138 मे. टन यूरिया, 216 मे. टन डीएपी और 1375 मे. टन एनपीके काम्पलेक्स खाद उपलब्ध है। इसी प्रकार जिले की सेवा सहकारी समितियों में कुल 2604 मे. टन यूरिया, 1002 मे. टन डीएपी, 1164 मे. टन एसएसपी एवं 493 मे. टन काम्लेक्स एनपीके खाद उपलब्ध है। इसके साथ ही जिले में 40 से 50 निजी विक्रेताओं के यहां भी यूरिया, डीएपी, एसएसपी एवं एनपीके काम्पलेक्स खाद उपलब्ध हैं। यहां से भी किसान अपनी आवश्यक्तानुसार खाद प्राप्त कर सकते हैं। जिले के प्रमुख खाद विक्रेताओं की दुकानें इस प्रकार हैं- एमपी एग्रो नरसिंहपुर, श्याम ट्रेडर्स गोटेगांव, क्वालिटी सीड्स मां शारदा करेली, अनूप ट्रेडर्स करेली व नवीन ट्रेडर्स, आईएफएफडीसी जिले के सभी केन्द्रों, अवनिका एग्रीटेक प्रा.लि., संजय कृषि मित्र, पवन एजेंसी, आस्था फर्टिलाइजर, कृषि विकास केन्द्र, महेन्द्र ब्रदर्स, किसान इंटरप्राइजेज आदि हैं। अवनिका एग्रीटेक प्रा.लि.- तूमड़ा- सांईखेड़ा और रूहेला फर्टिलाइजर्स सालीचौका में डीएपी खाद उपलब्ध है। गाडरवारा क्षेत्र में भी किसानों के लिए पर्याप्त खाद उपलब्ध है। वे उक्त स्थानों से अपनी जरूरत के अनुसार खाद प्राप्त कर सकते हैं। शासन से जिले को 3 हजार मे. टन डीएपी खाद का एक रैक आवंटित किया गया है, जो अगले सप्ताह तक आने की संभावना है। जिले के सभी डबल लॉक केन्द्रों, समितियों एवं निजी विक्रेताओं के यहां इस खाद का भंडारण कर विक्रय सुनिश्चित किया जायेगा। जिले के सभी खाद डीलर्स एवं विक्रेताओं को निर्देशित किया गया कि वे शासन द्वारा निर्धारित दर पर ही उर्वरक का विक्रय करें। खाद को निर्धारित दर से अधिक पर या ब्लैक करते हुए विक्रय पाये जाने पर तत्काल प्रभाव से संबंधित विक्रेता का लायसेंस निरस्त किया जायेगा। उप संचालक कृषि ने बताया कि यह बात किसानों द्वारा संज्ञान में लाई गई है कि किसानों को डीएपी/ यूरिया के साथ जिंक, हाईजाइम अथवा अन्य उर्वरक भी टैग करके दी जा रही है, जो पूरी तरह अवैधानिक है, विक्रेता इससे बचें। किसी भी प्रकार की अवैधानिक गतिविधि पाये जाने पर संबंधित के विरूद्ध तत्काल कार्रवाई की जायेगी। सभी उर्वरक विक्रेताओं को निर्देशित किया गया है कि वे अपनी दुकान/ प्रतिष्ठान के सामने ही बड़े अक्षरों में खाद की रेट लिस्ट भी चस्पा करें, जिससे किसानों को आसानी से उर्वरक की दरें मालूम हो सकें और वे निर्धारित दर पर उर्वरक खरीद सकें। यदि किसी भी उर्वरक विक्रेता/ डीलर द्वारा मौके को देखते हुए निर्धारित दर से अधिक दर पर उर्वरकों का विक्रय करते पाये जाने पर संबंधित के विरूद्ध उर्वरक गुण नियंत्रण आदेश 1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत कार्रवाई कर उनका उर्वरक लायसेंस निरस्त कर दिया जायेगा। साथ ही पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कर सख्त वैधानिक कार्रवाई की जायेगी। #narsinghpurnews #suradailynews
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